-उपमुख्यमंत्री ने 50 महिलाओं व पुरूषों से की बात
-लोगों ने माना, महिलाओं को सुरक्षा देगी योजना
दिल्ली सरकार की बसों और मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की प्रस्तावित योजना राजधानी में चर्चा का विषय बनी हुई है। केजरीवाल के इस मास्टर स्ट्रोक से जहां भाजपा और कांग्रेस सदमे में हैं, वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डीटीसी की बसों में यात्रा कर लोगों से इसका फीडबैक जाना। मेट्रो और बसों में महिलाओं के लिए फ्री यात्रा स्कीम का फीडबैक जानने के लिए दिल्ली के मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को बसों में सफर किया। उन्होंने अलग-अलग रूट की बसों में सवार होकर आईटीओ के पास डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग, आईटीओ स्थित पुलिस हेडक्वार्टर, शाहजहां रोड, आईएनए मार्केट, लोधी रोड और कनॉट प्लेस में लोगों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बसों में सफर करने वाली महिलाओं से भी इस स्कीम के बारे में उनकी राय जानी। कई जगह बस स्टैंड पर उतरकर बसों इंतजार कर रहे लोगों से भी पूछा कि इस स्कीम के बारे में वे लोग क्या सोचते हैं।
फीडबैक जानने के लिए बसों में अपने सफर को लेकर मनीष सिसोदिया ने अपने ट्वीट में कहा कि मैंने डीटीसी की विभिन्न बसों में करीब 50 महिलाओं और पुरुषों से बातचीत की। मैंने उनसे पूछा कि महिलाओं के लिए मेट्रो और बसों में सफर को फ्री करने के बारे में वे क्या सोचते हैं। मुझे कोई भी ऐसा नहीं मिला जिसने कहा हो कि ये गलत फैसला है। सभी ने ये कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट महिलाओं के लिए ज्यादा सुरक्षित है। इसके अलावा इससे हर महीने दो से तीन हजार रुपये भी बचेंगे।
फीडबैक जानने के दौरान एक बस में सफर कर रहीं सोनम ने उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से कहा कि वह पढ़ाई करती हैं। इस स्कीम से वह बहुत खुश है। रोजाना बसों और मेट्रो में आने-जाने में 200 रुपये से ज्यादा खर्च होते हैं। मेट्रो और बसों में यात्रा फ्री हो जाने के बाद एक तो मेरे काफी सारे पैसे बचेंगे और सुरक्षित होने की फीलिंग भी रहेगी। वह अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भी बताएगी कि अब दिल्ली में महिलाओं के लिए मेट्रो और बसों में सफर फ्री होने जा रहा है।
दिल्ली सरकार की प्रस्तावित योजना को सबका साथ मिल रहा है। पृथ्वीराज रोड स्थित एक बस स्टैंड पर इंतजार कर रही एक बुजुर्ग महिला ने कहा कि मैंने आजतक मेट्रो में सफर नहीं किया क्योंकि काफी महंगा है। मैं बस से सफर करती हूं। बस से सफर करने में हर महीने मेरा करीब 500 रुपये खर्च होता है। मेट्रो और बसों में फ्री हो जाने के बाद मेरे पैसे बचेंगे और मैं मेट्रो में भी सफर कर पाऊंगी। मेट्रो में सफर करने से मेरा काफी समय भी बचेगा। डीटीसी बस में यात्रा करने वाली अक्शा फातिमा ने मनीष सिसोदिया से कहा कि मेट्रो और बसों में यात्रा फ्री हो जाने से मेरी हर महीने कम से कम 3000 रुपये बचेंगे। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करना सुरक्षित होने की फीलिंग देता है।
लोगों से मिले फीडबैक से दिल्ली की केजरीवाल सरकार का आत्मविश्वास बढ़ा है। मीडिया के साथ बातचीत में मनीष सिसोदिया ने कहा कि बसों में सफर करने वाली कई महिलाओं ने कहा है कि उन्होंने अभी तक मेट्रो में यात्रा ही नहीं की है। इसके पीछे एक बड़ी वजह ये है कि मेट्रो का किराया काफी ज्यादा है। अब ऐसी महिलाओं का कहना है कि मेट्रो में चलना फ्री हो गया है तो हम लोग मेट्रो में चलेंगे।
उठी पुरूषों को भी मुफ्त यात्रा की मांगः
महिलाओं को डीटीसी बसों और दिल्ली मेट्रो में मुफ्त यात्रा की घोषणा के बाद राजधानी में पुरूषों को भी मुफ्त यात्रा की सुविधा दिए जाने की मांग उठने लगी है। कई स्वयंसेवी संगठनों ने इस मांग को उठाया है। सार्थक जन मंच के सचिव परशुराम झा ने कहा कि दिल्ली में रहने वाली बड़ी आबादी डीटीसी और मेट्रो का किराया चुकाने में असमर्थ है। दिल्ली सरकार को अपनी मुफ्त यात्रा की योजना में पुरूषों को भी शामिल करना चाहिए। अखिल भारतीय क्षत्रिय मंच के संयोजक रमेश राघव ने कहा कि महिलाओं की सुविधा के लिए केजरीवाल सरकार का यह कदम अच्छा है, लेकिन उन्हें पुरूषों को भी यह सुविधा देने के बारे में सोचना चाहिए। ब्राह्मण सभा के दिल्ली प्रदेश प्रमुख मुकेश शर्मा ने कहा कि केजरीवाल सरकार का कदम सराहनीय है, मुख्यमंत्री को इस योजना में पुरूषों को भी शामिल करना चाहिए। भले ही उन्हें सीमित दूरी की यात्रा की ही सुविधा क्यों न दी जाए।