-क्वालिटी कंट्रोल विभाग में रिटायर्ड एई एएच खान की तैनाती का मामला
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
पूर्वी दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति की बैठक बृहस्पतिवार को दो बजे शुरू होने से पहले टालनी पड़ी। पहले इसे महापौर और निगमायुक्त के साथ सफाई कर्मचारियों की बैठक चलने की वजह से आधा घंटे के लिए टाला गया। लेकिन उसके बाद फिर बैठक को अगली बैठक के लिए स्थगित कर दिया गया।
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बताया जा रहा है कि सत्ताधारी नेताओं और अधिकारियों की गुटबाजी की वजह से इसे टाला गया ह। दरअसल पिछली स्थाई समिति की बैठक में सदन के नेता सत्यपाल सिंह ने स्थाई समिति अध्यक्ष को कड़े लहजे में कहा था कि अगली बैठक होने से पहले क्वालिटी कंट्रोल में तैनात ए एच खान को अगर नहीं हटाया गया तो वह स्थाई समिति की बैठक में शामिल नहीं होंगे। जब उन्हें पता चला कि खान को अभी तक हटाया नहीं गया है तो वो मुख्यालय ही नहीं आए।
बृहस्पतिवार को स्थाई समिति अध्यक्ष वी एस पंवार ने मुख्यालय में बैठक से पहले नेताओं से विचार विमर्श किया। दरअसल क्वालिटी कंट्रोल विभाग में अनुबंध पर आए अधिकारी ए एच खान निगम के सभी भाजपा व विपक्ष के नेताओं पर भारी पड़ रहे हैं। उन्हें हटाने की मांग सभी कर चुके हैं। लेकिन निगमायुक्त उन्हें हटाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
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जिसके चलते गुरूवार को स्थाई समिति की बैठक भी स्थगित कर दी गई। हालांकि उसके पीछे बहाना निगमायुक्त की सफाई कर्मचारियों के साथ लंबी बैठक खींचना बताया जा रहा है। लेकिन हकीकत यह है कि इस बैठक के टलने की रूपरेखा बुधवार को ही बन गई थी। खबर है है कि नेता सदन सतपाल सिंह ने स्थाई समिति अध्यक्ष बीएस पवार को साफ कह दिया था कि यदि ए एच खान को नहीं हटाया जाता तो वह बैठक में नहीं आएंगे।
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जिसके बाद वी एस पवार ने इस मामले में अपने तमाम प्रयास किए लेकिन वह भी निगमायुक्त के आगे असहाय ही नजर आए। बताया जा रहा है कि महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल पहले ही निगमायुक्त को इस विषय में पत्र लिख कर खान को हटाने की मांग कर चुके हैं। वहीं विपक्ष के नेता आम आदमी पार्टी के मनोज त्यागी ने तो यह मुद्दा सबसे पहले उठाया था। लेकिन निगमायुक्त इस मामले में कोई भी स्पष्ट जवाब देने की जगह टालमटोल ही कर रहे हैं। बताया यह भी जा रहा है कि भाजपा के निगम के नेता इसे सीधा सीधा अपनी बेज्जती व निगम आयुक्त की हिटलरशाही मान रहे हैं। बैठक स्थगित होने से परेशान नजर आये स्थायी समिति अध्यक्ष
स्थाई समिति की बैठक बृहस्पतिवार को होने की जानकारी निगम आयुक्त से लेकर सभी नेताओं को भी थी तो आखिर महापौर और निगमायुक्त ने सफाई कर्मचारियों के साथ बैठक सुबह क्यों नहीं रखी? या फिर स्थाई समिति की बैठक खत्म होने के बाद भी यह बैठक रखी जा सकती थी। लेकिन माना जा रहा है अधिकारियों और नेताओं की आपसी गुटबाजी की वजह से यह स्थिति पैदा हुई है। इसको लेकर स्थायी समिति अध्यक्ष बीएस पंवार परेशान नजर आये।