-दिल्ली सरकार ने मानी डीटीसी कर्मियों की मांगें
-कर्मियां के लिए बढ़ी न्यूनतम मजदूरी दरें बहाल
-छह महीने के लिए हरियाणा आवश्यक सेवा अनुरक्षण एक्ट लागू
-4 अगस्त से 31 अक्टूबर तक काटी राशि खातों में होगी वापस
-न्यूनतम मजदूरी में की गई कटौती सरकार ने ली वापस
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
डीटीसी की और से जारी सूचना में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के कैबिनेट के निर्णय संख्या 2652 (मद-2) एवं सह श्रम आयुक्त, रा0रा0 क्षेत्र दिल्ली सरकार के द्वारा जारी किए गए आदेशानुसार 4 अगस्त, 2018 से पूर्व न्यूनतम मजदूरी दर बहाल कर दी गई है तथा अनुबन्धित कर्मचारी के न्यूनतम मजदूरी दर को कम करने वाले आदेश वापस ले लिए गए हैं। दिल्ली सरकार ने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि 4 अगस्त से 31-10-2018 तक के मध्य की गई कटोती के पैसों को 31 अकतूबर, 2018 तक कर्मियों के खाते में जमा कर दिया जाए जिससे वे दीपावली का त्योहार सुचारू रूप से मना सकें। तदानुसार, दिल्ली परिवहन निगम ने भी सर्कुलर सं0पीएलडी-5/2018/एमडब्लू/3959 एवं 3960 दिनांक 28-10-2018 के द्वारा अनुबन्धित कर्मचारियों की मजदूरी को बहाल कर दिया है। जबकि अनुबन्धित कर्मचारी (चालक एवं संवाहक) अपने कार्य पर नहीं आ रहे हैं और अनाधिकृत रूप से 22-10-2018 से हड़ताल पर चले गए हैं जिसने परिवहन सेवाओं को बाधित कर दिया है और आम जनता के लिए असुविधा और कठिनाई का कारण बन गया है, लेफ्टिनेंट गवर्नर, रा0रा0 क्षेत्र दिल्ली सरकार ने धारा 3 के तहत उन्हें दी गई शक्तियॉं, हरियाणा आवश्यक सेवा-अनुरक्षण अधिनियम, 1974 के सेक्शन 4ए के साथ पढें (1974 के हरियाणा अघिनियम संख्या 40) जैसा कि एमओएचए की अधिसूचना नं0जीएसआर 526 (ई) दिनांक 30-07-1993 के द्वारा रा0रा0क्षेत्र, दिल्ली सरकार पर लागू, ने डीटीसी सेवाओं को आवश्यक सेवाओं के रूप में घाषित कर दिया है और अनुबन्धित कर्मचारियों द्वारा हड़ताल/आंदोलन को प्रतिबन्धित कर दिया है।
उपराज्यपाल की उपर्युक्त घोषणा को दिल्ली परिवहन निगम के सभी कर्मचारियों को सं0एडीएमएन(मिस)/18/1129 दिनांक 27-10-2018 के माध्यम से भी अधिसूचित किया गया है। हरियाणा आवश्यक सेवा-अनुरक्षण अधिनियम, 1974 की धारा 5(1) नीचे स्पष्ट हैः
क- ऐसे नियोजन के दौरान उसे दिऐ गए किसी विधिपूर्ण आदेश की अवज्ञा करता है;
ख- युक्तियुक्त प्रतिहेतु के बिना ऐसे नियोजन को छोड़ देता है या कार्य से अनुपस्थित रहता ह; (या)
ग- धारा 4 की उपघारा (1) के अधीन दिए गए किसी आदेश में विनिर्दिष्ट किसी क्षेत्र से, आदेश करने वाले प्राधिकारी की सम्मति के बिना बाहर चला जाता है, इस अधिनियम के अधीन अपराध का दोषी होगा;
(घ- किसी ऐसी हड़ताल में जो अवैध घोषित की गई है, स्वयंमेंव भाग लेता है या उन व्यक्तियों को भाग लेने के लिए उकसाता या भड़काता है, या अन्यथा इसे अग्रसर करने में कार्य करता है; या
ड- किसी अवैध हड़ताल से अग्रसर करने में या उसके समर्थन में जानबूझ कर धन व्यय करता है या धन प्रदान करता है।)
इस प्रकार, इस कानून के अनुसार कोई भी कर्मचारी जो इस अवधि के दौरान किसी भी कानूनी आदेश का उलंघन करता है या किसी भी व्यक्ति को इस तरह के आदेश का उलंघन करने या काम करने या काम करने के लिए मना करता है या उचित कारणों के बिना काम से अनुपस्थित होने के लिए राजी करने का प्रयास करता है इस नियम के तहत दंड का भागी होगा। अतः सभी कर्मचारियों, अनुबन्धित कर्मचारियों सहित को निर्देश दिए जाते हैं कि वे डयूटी के लिए अपने युनिट/डिपो में उपस्थ्ति हों अन्यथा उनके खिलाफ अनुबन्ध की नियम व शर्तों/निगम के डीआरटीए (नियूक्ति की शर्तें और सेवा) विनियम 1952 की धारा 15 के अनुसार सख्त कार्यवाही की जाएगी।