BJP के लिए ‘विधानसभा का लिटमस टैस्ट’ साबित होगा वार्ड कमेटियों और स्टेंडिंग कमेटी का चुनाव!

-फरवरी में होने दिल्ली विधानसभा के लिए चुनाव
-बीजेपी और आप के लिए होगा नाक का सवाल

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 24 अगस्त।
मेयर शैली ओबरॉय के द्वारा निगम सचिव को पत्र लिखे जाने के साथ ही दिल्ली नगर निगम की वार्ड कमेटियों और स्टेंडिंग कमेटी के चुनाव की कवायद शुरू हो गई है। चुनाव की तारीखों का ऐलान होना अभी बाकी है। परंतु इंद्रप्रस्थ के सियासी मैदान की जानकारी रखने वालों का मानना है कि नगर निगम की वार्ड कमेटियों और स्टेंडिंग कमेटी के चुनाव आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिटमेस टेस्ट साबित होंगे।
आम आदमी पार्टी ने लगातार दिल्ली में चुनाव जीतते हुए 2020 में तीसरी बार सरकार बनाई थी। आप की कोशिश यह है कि 2025 में लगातार चौथी बार सरकार बनाई जा सके। जबकि बीजेपी 1998 से लगातार विधानसभा से बनवास झेल रही है। बीजेपी की कोशिश यह है कि किसी भी तरह से दिल्ली में 1993 को दोहराते हुए एक बार फिर से इंद्रप्रस्थ का सिंहासन हासिल किया जा सके।
फिलहाल ताजा स्थिति के मुताबिक दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी मजबूत दिखाई दे रही है। उसके पास छह वार्ड कमेटियों में स्पष्ट बहुमत के साथ हाउस से चुनकर आने वादे 6 में से 4 सदस्यों की संख्या होगी। इस तरह से आप के 10 सदस्य सीधे तौर पर स्टेंडिंग कमेटी में जा सकते हैं। जबकि बीजेपी के पास 12 में से केवल पांच वार्ड कमेटियों में ही बहुमत प्राप्त है। जबकि हाउस से भी केवल 2 सदस्य ही रह गये हैं। ऐसे में बीजेपी के पास केवल 18 में से 7 सदस्य ही हैं। नरेला जोन में बीजेपी के 4 नॉमिनेटिड सदस्यों के बावजूद आम आदमी पार्टी के साथ बराबर की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में आम आदमी पार्टी चुनाव के मामले में बीजेपी से काफी आगे दिखाई दे रही है।
विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा असर!
सियासी विश्लेषकों का मानना है कि दिल्ली नगर निगम की वार्ड कमेटियों और स्टेंडिंग कमेटी के चुनावी नतीजों का असर दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजों पर भी पड़ सकता है। पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया जेल से बाहर आने के बाद लगातार अलग अलग इलाकों में पदयात्राएं कर रहे हैं, उससे आप नेताओं, कार्यकर्ताओं, निगम पार्षदों और विधायकों में पहले ही उत्साह भरा हुआ है। यदि आम आदमी पार्टी वार्ड कमेटियों के चुनाव में बीजेपी के मुकाबले ज्यादा जोन में जीत दर्ज करती है तो उसका कब्जा स्टेंडिंग कमेटी पर भी हो जायेगा। ऐसे में आप के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा और बीजेपी कार्यकर्ताओं में निराशा की स्थिति आ सकती है। आम आदमी पार्टी नगर निगम में अपनी जीत को विधानसभा चुनावों में भी भुना सकती है। ऐसे में कहा जा सकता है कि निगम के यह चुनाव ‘विधानसभा चुनाव के लिटमस टेस्ट’ साबित हो सकते हैं।