-वार्ड कमेटियों के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों के साथ ही स्टेंडिंग कमेटी के 1-1 सदस्य का होगा चुनाव
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 23 अगस्तः 2024।
करीब 18 महीनों के लंबे इंतजार के बाद अब सितंबर महीने में दिल्ली नगर निगम (MCD) की वार्ड कमेटियों (Ward Committees) और स्टैंडिंग कमेटी (Standing Committee) के चुनाव (Elections) हो सकते हैं। मेयर शैली ओबरॉय (Mayor Shally Obroy) ने यह चुनाव कराने के लिए निगम सचिव को पत्र लिख दिया है। 23 अगस्त को लिखे पत्र में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए शैली ओबरॉय ने वार्ड समितियों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्षों के साथ हर वार्ड कमेटी से स्टेंडिंग कमेटी के लिए एक-एक सदस्य का चुनाव कराने के लिए लिखा है।
गौरतलब है कि निगम चुनाव के पश्चात मेयर एवं डिप्टी मेयर के चुनाव के तुरंत बाद हर वर्ष दिल्ली नगर निगम में 12 जोन के आधार पर 12 वार्ड कमेटियों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्षों के चुनाव कराये जाते हैं। परंतु इस बार निगम चुनाव के बाद लगातार कोर्ट में चलते रहे विवादों की वजह से डेढ़ वर्ष से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद वार्ड कमेटियों और स्टेंडिंग कमेटी का चुनाव नहीं हो सका है। नगर निगम में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस लगातार आम आदमी पार्टी पर दबाव बनाने की कोशिश करते आ रहे हैं कि वार्ड कमेटियों और स्टेंडिंग कमेटी के चुनाव कराये जायें।
बता दें कि स्टेंडिंग कमेटी को दिल्ली नगर निगम की सबसे ज्यादा ताकतवर कमेटी माना जाता है। इसमें कुल 18 सदस्य होते हैं और इन्हीं में से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव भी होता है। स्टेंडिंग कमेटी के लिए 6 सदस्य सदन (हाउस) से सीधे चुनकर आते हैं और 12 सदस्यों का चुनाव 12 जोन की वार्ड कमेटियों से किया जाता है। अब मेयर के द्वारा चुनाव कराने के लिए निगम सचिव को पत्र लिखे जाने के बाद वार्ड कमेटियों और स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव होना तय माना जा रहा है।
मेयर और निगम आयुक्त तय करते हैं चुनाव की तारीखें
गौरतलब है कि वार्ड कमेटियों और स्टेंडिंग कमेटी के चुनावों की तारीखें आम तौर पर मेयर और निगम आयुक्त मिलकर तय करते हैं। हालांकि फाइल पर आधिकारिक हस्ताक्षर निगम आयुक्त के द्वारा ही किये जाते हैं। बताया जा रहा है कि वार्ड कमेटियों के चुनाव के लिए निगम सचिव कार्यालय से मंगलवार को फाइल चला दी जायेगी और इसके पश्चात एक-दो दिन में तारीखों का ऐलान किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री के जेल में होने का नहीं होगा असर
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया फिलहाल तथाकथित शराब घोटाले में जेल में हैं। परंतु उनके जेल में होने का असर नगर निगम की वार्ड कमेटियों और स्टेंडिंग कमेटी के चुनाव पर नहीं पड़ेगा। कारण है कि इस चुनाव में दिल्ली सरकार या किसी मंत्रालय और मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती है। गौरतलब है कि पिछले दिनों मेयर के चुनाव के चलाई गई फाइल को उपराज्यपाल ने यह कहकर लौटा दिया था कि बिना मुख्यमंत्री के हस्ताक्षरों के मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव नहीं हो सकते। इसके साथ ही शैली ओबरॉय का कार्यकाल अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया था।