-2015 से 2022 के बीच सिविल, प्लंबिंग, इलेक्ट्रिकल और सीवरेज के रखरखाव पर हुआ खर्च
-प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने जताई पीडब्लूडी ठेकेदारों के साथ मिलीभगत की आशंका
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली 10 जनवरी।
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना का ध्यान एक आरटीआई रिपोर्ट की ओर आकर्षित किया है, जो कि मंगलवार से मीडिया और सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। इसके बारे में अभी तक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने भी इनकार नहीं किया है। उपराज्यपाल को लिखे पत्र में कहा गया है कि सरकार की चुप्पी से एक बात तो तय हो गई है कि आरटीआई में रकम के आंकड़ों के अलावा उसमें उल्लिखित ठेकेदारों के नाम भी सही हैं।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि हाल ही में 29 दिसंबर 2023 को जारी की गई आरटीआई बताती है कि 31 मार्च 2015 से 27 दिसंबर 2022 के बीच रुपये 29.56 करोड़ की राशि दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग द्वारा सीएम आवास के रखरखाव कार्यों के लिए 4 ठेकेदारों को भुगताई गई है। यह जानकर आश्चर्य होता है कि आरटीआई में नामित किसी भी ठेकेदार का नाम कोई स्थापित नाम नहीं है और उन्हें सिविल, प्लंबिंग, इलेक्ट्रिकल और सीवरेज रखरखाव कार्यों के लिए दी गई राशि बहुत ज्यादा है और ऐसा लगता है कि रखरखाव कार्य के ये आंकड़े कुछ ज़्यादा अधिक बड़े हैं।
आरटीआई के अनुसार एक ए.के. बिल्डर को 29.08 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है जबकि एक मुंजरीन अहमद को 29.86 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है। एक अन्य ठेकेदार मो. अरशद को 17.21 लाख से अधिक और एमए बिल्डर्स को 8.76 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है।
सचदेवा ने पत्र में उम्मीद जताई कि उपराज्यपाल इस बात से सहमत होंगे कि दिल्ली सरकार का लोक निर्माण विभाग नए मुख्यमंत्री बंगला परियोजना में वित्तीय अनियमितताओं के लिए कुख्यात है। इसलिए इस रिश्वतखोरी में आम आदमी पार्टी के किसी नेता या किसी लोक निर्माण विभाग के अधिकारी का हाथ होने की संभावना है। उपराज्यपाल से इस मामले की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा या सतर्कता विभाग से जांच कराने का अनुरोध किया है।