-दिल्ली के आठों सांसदों को किया समिति में शामिल
-जातिगत, धार्मिक और सामाजिक समीकरणों पर नजर
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी यानि बीजेपी ने चुनाव समिति की घोषणा कर दी है। दिल्ली बीजेपी की ओर से जारी सूची में कुल 15 लोगों को शामिल किया गया है। इसमें दिल्ली के सभी सात सांसद और एक राज्यसभा सांसद को शामिल किया गया है। मतलब साफ़ है कि बीजेपी इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर किसी तरह की कोई ढील नहीं रखना चाहती है।
सूची में शामिल किए गए 15 नेताओं में प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुष्यंत गौतम, केंद्रीय मंत्री हर्ष वर्धन, राज्यसभा सांसद यानी दिल्ली के आठवें सांसद विजय गोयल, राष्ट्रीय मंत्री आरपी सिंह, संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, लोकसभा सांसद रमेश बिधूड़ी, लोकसभा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा, लोकसभा सांसद मीनाक्षी लेखी, लोकसभा सांसद गौतम गंभीर, लोकसभा सांसद हंसराज हंस, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय, प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष पूनम पराशर के नाम शामिल हैं।
चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है। चुनाव के लिए 14 जनवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसी दिन दिल्ली विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। दिल्ली में शनिवार 8 फरवरी को मतदान होगा और मंगलवार 11 फरवरी को मतगणना कर नतीजे घोषित किए जाएंगे।
जातिगत-सामाजिक समीकरणों पर नजरः
दिल्ली विधानसभा चुनाव समिति की घोषणा करते समय पार्टी ने दिल्ली में जातिगत, धार्मिक और क्षेत्रीय समीकरणों का ध्यान रखा गया है। दिल्ली में 12 सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। इसको ध्यान में रखते हुए पार्टी ने दुष्यंत गौतम को चुनाव समिति में रखा है। सिखों की भागीदारी के लिए राष्ट्रीय मंत्री आरपी सिंह और पूर्वांचल से खुद प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का प्रतिनिधित्व है तथा महिला को भागीदारी के लिए पूनम पाराशर को इस समिति में रखा गया है। चुनाव समिति में जाट-गूजर व स्थानीय लोगों का प्रतिनिधित्व सांसद रमेश बिधूड़ी और प्रवेश वर्मा करेंगे।
हाल ही में हुई उम्मीदवारों पर रायशुमारीः
बता दें कि विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने के लिए पिछले दिनों ही रायशुमारी की प्रक्रिया पूरी की गई है। भाजपा के सात केंद्रीय नेताओं ने लोकसभा स्तर पर दो-दो जिलों में जाकर रायशुमारी की थी। इसके बाद अब चुनाव समिति ने जिला और मंडलों से आए नामों पर विचार करना है। पार्टी ऐसे उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारने पर विचार कर रही है जिनमें जीतने की ज्यादा से ज्यादा संभावना हो। खास बात है कि 2015 के विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा में जिला और मंडल स्तर पर रायशुमारी नहीं की थी।