-सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने बिना काम के कर दिया भुगतानः बीजेपी
-टेंडर में हेरफेर कर मंत्री के दबाव में किया जा रहा काम, उपराज्यपाल के दरबार में होगी शिकायत
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली 6 दिसम्बर।
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार के ऊपर भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगाये हैं। भ्रष्टाचार के मामले में इस बार दिल्ली सरकार का सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बुधवार को एक पत्रकार सम्मेलन आई एंड एफसी विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार के कई मामलों का खुलासा किया। इस मौके पर प्रदेश मंत्री हरीश खुराना, मीडिया रिलेशन प्रमुख विक्रम मित्तल आदि मौजूद रहे।
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली सरकार के हर विभाग में भ्रष्टाचार फैला है, गत दो सप्ताह में हमने दिल्ली जल बोर्ड के टेंडर एवं अन्य घोटालों को उजागर किया। जिसके बाद केजरीवाल सरकार छटपटा कर दिल्ली में जल संकट का भ्रम फैला रही है ताकि उसके भ्रष्टाचार की जांच टल सके। उन्होंने मांग की कि फ्लड एवं इरिगेशन विभाग के घोटालों की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को उपराज्यपाल के दरबार में ले जाया जायेगा। फिलहाल निम्नलिखित मामलो पर सवाल उठाये गये हैंः-
1-खेंड़ा कला का मामलाः
यह खेड़ा कला ईएलडी 77 में दोनों ओर आर.सी.सी. ड्रेन और रोड बड़े हुए लाल डोरे (ईएलडी) में खेड़ा कला गांव उत्तरी जिले के संदर्भ
-टेंडर की राशिः 3 करोड़ 28 लाख 79 हजार 244 रूपये
-टेंडर दिया गया बाबा कंस्ट्रक्शन कंपनी को केवल 1 करोड़ 58 लाख 21 हजार 492 रुपए में
-कोई भी काम किसी भी तरह का चालू नहीं हुआ, जबकि कार्य समाप्ति की तारीख फरवरी 2024 है और भुगतान रनिंग बिल के नाम पर कर दिया गया है। सवाल यह है कि मनचाही कंपनी को टेंडर देने के बाद धरातल पर कोई भी काम नहीं और टेंडर के सात महीने बीतने के बाद जब काम शुरू नहीं हुआ तो रनिंग बिल के नाम पर आधे से ज्यादा रकम का भुगतान कैसे कर दिया गया। अब अगले 2 महीने में टेंडर का कार्य कैसे पूरा होगा?2-जी-20 से जुड़ा मामला
यह जी-20 के दौरान नाले की मरम्मत और पेंटिंग वर्क के काम के ठेके के संदर्भ में है। यह टेंडर लेफ्ट वाले किनारे की दीवार की मरम्मत और दीवार की पेंटिंग के काम करने का था। यह 800 मीटर से 2300 मीटर तक का मामला है, खास बात है कि 1440 मीटर तक का टेंडर पहले ही हो किया जा चुका था फिर नया टेंडर 800 मीटर के लिए क्यों किया गया?
आरोप है कि टेंडर 76 लाख 56 हजार 733 रूपये का था, परंतु अम्बा कंस्ट्रक्शन कंपनी को 38 लाख 98 हजार 42 रुपए में टेंडर दिया गया और बिना काम शुरू हुए ही ठेकेदार को 43 लाख 74 हजार 822 रूपये का भुगतान कर दिया गया। यह भुगतान 11 सितंबर 2023 को कर दिया गया और अभी तक कोई काम श्ुरू ही नहीं हुआ।
3- नरेला का मामला
मुख्यमंत्री सड़क पुनःनिर्माण योजना के तहत फ्लड विभाग के द्वारा यह टेंडर एक करोड़ 91 लाख 77 हजार 260 रूपये का था। यह टेंडर भी बाबा कंस्ट्रक्शन कंपनी को 94 लाख 14 हजार 476 रुपए में दिया गया। काम पूरा होने की तारीख थी 20 अक्टूबर 2023 थी। फ्लड कंट्रोल विभाग द्वारा 50 लाख रूपये का भुगतान 31 जुलाई 2023 को कर दिया गया। बची हुआ भुगतान 38 लाख 63 हजर 200 रूपये का भुगतान 11 सितंबर 2023 को कर दिया गया। आश्चर्य की बात है कि ठेकेदार ने इस काम के लिए एक करोड़ 13 लाख 45 हजार 341 रूपये का बिल दिया, जो कि टेंडर अमाउंट से 18 प्रतिशत ज्यादा है। सवाल यह उठता है कि टेंडर राशि से ज्यादा भुगतान किया गया और वहां पर जमीन पर इस रोड को बनाने से लेकर रोड पर कोई भी कार्य अभी तक शुरू ही नहीं हुआ।
4- गांव सिरसपुर का मामला
दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने गांव सीरसपुर की कॉलोनी में बड़े हुए लाल डोरा के नाम पर एक पार्ट फर्जी तौर पर बनाया। जो कि हकीकत में कहीं पर है ही नहीं। उसमें चार ठेके दिए गए और उन सभी ठेकों में बाबा कंस्ट्रक्शन कंपनी को ठेका दिया गया। जो काम हुए ही नहीं उनके लिए 95 प्रतिशत पेमेंट भी कर दी गईं। इस मामले में 14 करोड़ 64 लाख रुपए के चार टेंडर लगाये गये। 7 करोड़ 11 लाख रुपए के चारों ठेके दिए गये। इनमें से तीन ठेके एक ही ठेकेदार को दिए गये। बिना काम के भुगतान भी कर दिया गया। जिसमें 7 करोड़ 7 लाख रुपए का भुगतान हो चुका है और काम सिर्फ कागजों में है। जिस जगह के नाम पर टेंडर किया गया, हकीकत में वह जगह है ही नहीं।
70 विधानसभा क्षेत्रों में क्या होगा हाल?
यह केवल तीन विधानसभा क्षेत्रों में चार मामले हैं। 70 विधानसभा क्षेत्रों में इसी तरह इरीगेशन एंड फ्लड कंट्रोल डिपार्टमेंट द्वारा कितने ठेके फर्जी तौर पर किये गये होंगे? इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।