दिल्ली विधानसभा चुनाव:… BJP ने लगाया ‘हारे हुए’ दलबदलुओं पर दांव!

-कांग्रेस और आप से आये दलबदलू नेताओं को दिया अपने आर्यकर्ताओं से ऊपर जाकर महत्व
-मतदान और नतीजों के दिन भारी पड़ सकती है पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं की नाराजगी

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 17 जनवरी।
राजधानी में 1998 ये सत्ता का बनवास भुगत रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) में कुछ ‘हारे हुए’ दलबदलुओं पर दांव खेला है। जिसकी वजह से पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय पदाधिकारियों में भारी नाराजगी है। पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पैराशूट की जरिये थोपे गये इन नेताओं के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी भारी पड़ सकती है। इनमें से ज्यादातर कांग्रेस से आये नेता हैं, जबकि कुछ आम आदमी पार्टी से भी आये हैं। हालांकि कुछ इसी तरह का दांव आम आदमी पार्टी ने भी खेला है और बीजेपी से आप में गये कई नेताओं को विधानसभा चुनाव में टिकट दिया गया है।
मंगोलपुरी सीट
ऐसे दलबदलू नेताओं में पहला नाम दिल्ली सरकार में मंत्री रहे राजकुमार चौहान का है। वह दोबारा बीजेपी में आये हैं, लेकिन इससे पहले वह 2013, 2015 और 2020 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर हार चुके हैं। अब 2025 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें मंगोलपुरी (सुरक्षित) सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। हालांकि 2020 में बीजेपी के टिकट पर इसी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ चुके करम सिंह करमा के समर्थकों ने राजकुमार चौहान की उम्मीदवारी पर विरोध जताया था।
पटेल नगर सीट
इसी कड़ी में दूसरा नाम पटेल नगर सीट से चुनाव लड़ रहे राज कुमार आनंद का है। दिल्ली की आप सरकार में मंत्री रहे राजकुमार आनंद ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी छोड़ी थी। इसके पश्चात उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था, परंतु इस चुनाव में उन्हें बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें 10 हजार वोट भी नहीं मिल पाये थे। अब बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओं की अनदेखी करके उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारा है।
जंगपुरा सीट
जंगपुरा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे तरविंदर सिंह मारवाह पूर्व विधायक हैं, परंतु कांग्रेस के टिकट पर पिछले विधानसभा चुनावों में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था। अब उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ है। हालांकि विधानसभा क्षेत्र के एक वार्ड से उनके पुत्र बीजेपी के निगम पार्षद हैं। परंतु उनकी उम्मीदवारी को लेकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है।
बदरपुर सीट
आम आदमी पार्टी से बीएसपी और बीएसपी से बीजेपी में आये पूर्व विधायक नारायण दत्त शर्मा को बीजेपी ने बदरपुर सीट से टिकट दिया है। तत्कालीन आप उम्मीदवार नारायण दत्त शर्मा ने 2015 के चुनाव में रामबीर सिंह बिधूड़ी को हराया था। परंतु उन्होंने 2020 का विधानसभा चुनाव बीएसपी के टिकट पर लड़ा था और बुरी तरह से हाम का सामना किया था। लोकसभा चुनाव के मौके पर वह बीजेपी में शामिल हो गये थे। नारायण दत्त शर्मा की उम्मीदवारी को लेकर बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है।
गांधी नगर सीट
एक और बड़ा और चर्चित नाम कांग्रेस से दोबारा बीजेपी में आये अरविंदर सिंह लवली का है। लवली को बीजेपी ने गांधी नगर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके लिए आप से बीजेपी में आने वाले और सिटिंग विधायक अनिल वाजपेयी का टिकट काटा गया है। अरविंदर सिंह लवली 2020 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे और अनिल वाजपेयी के सामने हार गये थे। 2020 के विधानसभा चुनाव में लवली तीसरे स्थान पर रहे थे और उस समय दूसरे स्थान पर रहे नवीन चौधरी के साथ अब 2025 के विधानसभा चुनाव में उनका सीधा मुकाबला है।
कस्तूरबा नगर सीट
इसी कड़ी में अगला नाम 2025 के विधानसभा चुनाव में कस्तूरबा नगर सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे पूर्व विधायक नीरज बसोया का है। उन्होंने 2015 का विधानसभा चुनाव इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था, परंतु उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। नीरज बसोया तीसरे स्थान पर रहे थे और बीजेपी के रविंद्र चौधरी दूसरे स्थान पर रहे थे। इसके पश्चात उन्होंने पिछले कुछ समय पहले ही बीजेपी का दामन थाम लिया था। अब बीजेपी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि उनका सीधा मुकाबला आप के रमेश पहलवान के साथ है, जो हाल ही में अपने पार्षद पत्नी के साथ बीजेपी छोड़कर आप में शामिल हुए हैं।
बाबरपुर सीट
2025 के चुनाव में बाबरपुर सीट से बीजेपी ने अनिल वशिष्ठ को टिकट दिया है। परंतु अनिल वशिष्ठ भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हार चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर 2008 का विधानसभा चुनाव लड़ा था और तीसरे स्थान पर रहे थे। इसके पश्चात कांग्रेस ने उन्हें कभी विधानसभा चुनाव में नहीं उतारा। पिछले कुछ समय पूर्व ही अनिल वशिष्ठ बीजेपी में शामिल हुए थे और अब उन्हें आप सरकार में मंत्री गोपाल राय के सामने बीजेपी ने चुनावी मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस ने आप के पूर्व विधायक इशराक खान के ऊपर चुनावी दांव खेला है। ऐसे में अनिल वशिष्ठ के लिए यह चुनाव बेहत परेशानी वाला बना हुआ है।
सीमापुरी सीट
बीजेपी ने सीमापुरी सेट से कांग्रेस से आईं कुमारी रिंकू को अपना उम्मीदवार बनाया है। रिंकू 2015 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर गोकलपुर सीट से लड़ी थीं परंतु भारी मतों के अंतर से हार गई थीं। इसके पश्चात 2022 में वह बीजेपी में शामिल हो गई थीं। अब बीजेपीने उन्हें 2025 के विधानसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है। परंतु पार्टी में अंदरखाने उनका जमकर विरोध हो रहा है। ऐसे में उनके लिए चुनावी डगर आसान नजर नहीं आ रही है।
करावल नगर सीट
आम आदमी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे कपिल मिश्रा को बीजेपी ने करावल नगर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। आप मुखिया अरविंद केजरीवाल ने विवादों के चलते मंत्री पद से हटा दिया था, तब वह आप छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गये थे। 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें मॉडल टाउन सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था। लेकिन वह चुनाव हार गये थे। अब बीजेपी ने सिटिंग विधायक मोहन सिंह बिष्ट का टिकट काटकर करावल नगर सीट से कपिल मिश्रा को चुनावी मैदान में उतारा है। मोहन सिंह बिष्ट को दबाव के बाद मुस्तफाबाद सीट पर शिफ्ट कर दिया गया है। परंतु कपिल मिश्रा के साथ उनके पुराने कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी बढ़ी हुई है।
बिजवासन सीट
बीजेपी ने आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत को बिजवासन सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। कैलाश गहलोत की यह परंपरागत सीट नहीं है। वह कुछ दिन पूर्व ही आप छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। उससे पूर्व उनके कई ठिकानों पर जांच एजेंसियों ने छापेमारी भी की थी। गहलोत की उम्मीदवारी पर स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं ने खुलकर विरोध जताया था। अब देखना यह है कि बिजवासन सीट पर कैलाश गहलोत का जादू चल पाता है अथवा नहीं।
छतरपुर सीट
छतरपुर सीट से बीजेपी ने आप से आये पूर्व विधायक करतार सिंह तंवर को चुनावी समर में उतारा है। आप में जाने से पूर्व करतार सिंह बीजेपी के टिकट पर निगम पार्षद रहे हैं। जब बीजेपी ने उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया था तो वह आप में चले गये थे। परंतु उनके खिलाफ सरकारी जांच एजेंसियों ने छापेमारी की थी और उनके खिलाफ बहुत से सबूत जुटाए थे। इसके कुछ समय बाद ही करतार सिंह ने आप छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। अब बीजेपी ने उन्हें छतरपुर सीट से अपने टिकट पर चुनावी समय में उतारा है।