-कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार पर लगाया प्रदूषण के नाम पर घोटालों का आरोप
-जनता से वसूला गया ग्रीन टैक्स प्रदूषण समाप्त करने पर खर्च क्यों नही हुआः चौपड़ा
-स्कूलों में बांटे जा रहे मास्क की खरीद व वितरण संदेह के घेरे मेंः हारुन यूसूफ
टीम एटूजेड/ नई दिल्ली
कांग्रेस ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने दिल्ली सरकार के घोटालों की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राजधानी में जानलेवा प्रदूषण को समाप्त करने की आड़ में दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा विभिन्न स्तरों पर किए जा रहे घोटालों, मास्क की खरीद, वितरण व ऑड-इवन के नाम आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पहुचाए जा रहे आर्थिक लाभ पहुचाया जा रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चौपड़ा, दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री हारुन यूसूफ व प्रदेश कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता व वरिष्ठ नेता मुकेश शर्मा ने संयुक्त रूप से संवाददाताओं को संबोधित किया। सुभाष चौपड़ा ने सरकार द्वारा वसूली गई ग्रीन टैक्स की राशि को लेकर खुलासा करते हुए बताया कि सरकार ने ग्रीन टैक्स के नाम पर 2015 से अब तक 1174.67 करोड़ रुपये वसूल किए है, लेकिन मात्र 272 करोड़ रुपये ही दिल्ली सरकार खर्च पाई है। उन्होंने बताया कि 265 करोड़ रुपये की धनराशि उच्चतम न्यायालय की फटकार के बाद दिल्ली-मेरठ रीजनल रेपिड ट्रांजिट सिस्टम पर खर्च किए है। केवल 7 करोड़ रुपये प्रदूषण खत्म करने के नाम पर दिल्ली की सड़कों की मरम्मत पर खर्च करने का फर्जीवाड़ा किया है, जिसका कोई हिसाब दिल्ली सरकार के पास नही है। उन्होंने कहा कि लगभग 400 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार के पास है जिसका कोई हिसाब उपलब्ध नही है।
सुभाष चौपड़ा ने चौकाने वाले आंकड़े देते हुए बताया कि हवा के प्रदूषण से हो रही बीमारियों के कारण 63,142 बच्चों की मौत 2015 से 2017 तक हो चुकी है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 58 बच्चे प्रतिदिन मर जाते है। उसके बाद भी केन्द्र की भाजपा सरकार व दिल्ली सरकार इस मामले में गंभीर नही है।
पूर्व मंत्री हारुन यूसूफ ने कहा कि आज दिल्ली की नई पीढ़ी को आंखों में जलन और फेफड़ों की बीमारी केजरीवाल सरकार व केन्द्र की भाजपा सरकार के निकम्मेपन के कारण झेलनी पढ़ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार व केन्द्र सरकार प्रदूषण समाप्त करने के नाम पर लोगों से ग्रीन टैक्स तो वसूल रही है लेकिन प्रदूषण कम करने की बजाए प्रदूषण को कम करने वाले ऑड-इवन का नाटक करने वाली केजरीवाल सरकार ने भ्रष्टाचार को आधुनिक प्रदूषण की आड़ में दिल्ली में फैला दिया है। उन्होंने कहा कि ग्रीन टैक्स का पैसा केजरीवाल सरकार अपने प्रचार पर खर्च कर रही है।
मुकेश शर्मा ने आरोप लगाया कि दिल्ली के स्कूलों में 6-12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को मास्क बांटने के लिए 10 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की गई है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली में जानलेवा प्रदूषण झेल रही जनता को गुमराह करने के लिए केजरीवाल सरकार ने अपने प्रचार पर 40 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है। प्रदेश कांग्रेस ने मास्क की खरीद, उसके मानको पर सवाल उठाते हुए कहा कि मास्कों की खरीद और इनका वितरण दोनो पूरी तरह संदेह के घेरे में है।
कांग्रेस नेताओं ने सवाल पूछा कि दिल्ली के सरकारी और निजी स्कूलों में लगभग 55 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण करते है, क्या यह सही नही है कि मास्क का वितरण चुनिंदा जगहों पर करके फर्जीवाड़ा किया गया है? कांग्रेस ने यह सवाल भी उठाया है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली की जनता को यह बताए कि ग्रीन टैक्स का 900 करोड़ अभी तक दिल्ली में हवा के प्रदूषण को रोकने के लिए क्यों नही खर्च किया गया? कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार से यह सवाल भी किया है कि क्या यह सही नही है कि जो हरे रंग के मास्क बांटे गए है वो 4 घंटे के बाद बेअसर हो जाते है? क्योंकि वो घटिया स्तर के है।
सुभाष चौपड़ा व मुकेश शर्मा ने ऑड-इवन पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदूषण कम करने के नाम पर शुरु की गई ऑड-इवन योजना का लाभ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पहुॅचाया जा रहा है। उन्होंने इस घोटाले का खुलासा करते हुए कहा कि दिल्ली के चौराहों पर जैकेट और एक रंग की वर्दी पहने हुए जो लोग खड़े है वो दिल्ली पुलिस या होम गार्ड के नही है, बल्कि आप पार्टी के वालियंटर है जिन्हें 600 रुपये प्रतिदिन और जैकेट व वर्दी मुफ्त में उपलब्ध कराई गई हैं।
मुकेश शर्मा ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार ऐसे लोगों की सूची जारी करे जिनको ऑड-इवन के नाम पर 600 प्रति दिन दिया गया है या दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इनको वर्दी व जैकेट देने के लिए कितनी धनराशि खर्च की गई है उसकी जानकारी भी दिल्ली के लोगों को दी जाए, क्योंकि इसमें भी बड़ा घोटाला हुआ है।
कांग्रेस नेताओं ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रदूषण मुक्त रखने पर केन्द्र सरकार ने हवा का प्रदूषण खत्म करने का यंत्र खरीदने के लिए 3.6 मीलियन राशि खर्च की है। उन्होंने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री कार्यालय के अलावा राजधानी में रहने वाले इंसानों के जीवन की कोई कीमत नही है?