-बीजेपी ने टाला निगम संचालन के लिए नेताओं की कमेटी का गठन
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 7 जुलाई, 2022
बिना चुनाव के नगर निगम की सत्ता में शामिल होने के सपने सजा रहे बीजेपी नेताओं के लिए अच्छी खबर नहीं है। भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली नगर निगम के संचालन के लिए नेताओं की कमेटी के गठन की योजना को टाल दिया है। अब नवगठित दिल्ली नगर निगम में अगले चुनाव होने तक स्पेशल ऑफिसर का ‘सरकार राज’ ही चलेगा।
गौरतलब है कि केंद्रीय ग्रह मंत्रालय ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों को इसी साल मई महीने में एक कर दिया है। चर्चा थी कि नये चुनाव होने तक दिल्ली नगर निगम को चलाने में स्पेशल ऑफिसर के सहयोग के लिए नेताओं की समिति का गठन किया जाना था। माना जा रहा था कि इस कमेटी में विभिन्न राजनीतिक दलों से 12 या 15 सदस्य रखे जाने थे। जाहिर सी बात है कि सत्ता पक्ष यानी कि बीजेपी नेताओं ने अपना नाम इस कमेटी शामिल किये जाने के लिए जोरआजमाइश शुरू कर दी थी।
अब केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि ऐसी किसी कमेटी के गठन पर सरकार के स्तर पर कोई विचार नहीं किया जा रहा। संसद में लाये गये नगर निगम के एकीकरण के प्रस्ताव में केवल स्पेशल ऑफिसर की नियुक्ति की बात कही गई थी। उसमें भी राजनीतिक दलों के नेताओ की कमेटी का कोई प्रस्ताव नहीं था। अतः अब दिल्ली नगर निगम के लिए नेताओं की किसी कमेटी के गठन पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।
स्पेशल ऑफिसर के साथ बैठक में लिये जा रहे सभी निर्णय
बता दें कि नई व्यवस्था में स्पेशल ऑफिसर के द्वारा मेयर और स्टेंडिंग कमेटी चेयरमैन के सभी अधिकारों का उपयोग किया जा रहा है। नगर निगम की बैठकों में पहले की तरह ही ऐजेंडा में आइटम लाकर प्रस्ताव पारित किया जा रहे हैं और उसके आधार पर नगर निगम का संचाल किया जा रहा है। इन बैठकों में स्पेशल ऑफिसर के साथ निगम आयुक्त और बैठक में चर्चा के लिए लाये गये एजेंडा से संबंधित विभागों के आला अधिकारी शामिल होते हैं।
नेताओं की नहीं जरूरत
दिल्ली नगर निगम के उच्चाधिकारी का कहना है कि नगर निगम के सभी काम पहले की तरह किये जा रहे हैं। बैठकों में एजेंडा में शामिल प्रस्तावों पर चर्चा के बाद उन्हें स्वीकृति दी जा रही है। अतः निगम अधिकारियों को अब नेताओं के मार्गदर्शन या सलाह की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि इन बैठकों में राजनीतिक दलों के लोगों को शामिल किया जायेगा तो फिर से एक बार मुद्दों का राजनीतिकरण होना शुरू हो जायेगा।