-दिल्ली सरकार के मंत्रालयों में अटकी पड़ी हैं दिल्ली के विकास की 3060 फाइलेंः सचदेवा
-2016 से अटकी है खेल विश्वविद्यालय के भूमि अधिग्रहण की फाइल, उपकुलपति व कर्मियों के वेतन पर करोड़ों खर्च
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 26 अप्रैल।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) और ‘420’ का पुराना रिश्ता है। यह हम नहीं बल्कि दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (Delhi BJP) का आरोप है। प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा (Delhi BJP President Virendra Sachdeva)ने शुक्रवार को दिल्ली बीजेपी के मंत्री हरीश खुराना एवं मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर की उपस्थिति में अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली का विकास रोकने के गंभीर आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार की हठधर्मी के चलते दिल्ली में विकास एवं प्रशासनिक मामलों से जुड़ी 3060 से फाइलें मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों के पास लंबित हैं।
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि हम हमेशा से कहते थे कि अरविंद केजरीवाल सरकार प्रशासन की नहीं प्रचार की सरकार है। वर्षों से धूल फांकती 3 हजार से अधिक फाइलों का सच सामने आने से यह प्रमाणित हुआ है। यह तो सबको मालूम था कि मुख्यमंत्री अकर्मण्य व्यक्ति हैं। उन्होंने किसी विभाग की जिम्मेदारी नहीं ली। पर उनके कार्यालय में 420 प्रशासनिक फाइलें रूका होना दर्शाता है वह कितने लापरवाह हैं। मुख्यमंत्री के पास 420 फाइलें रूकी है, यह आंकड़ा खुद में बहुत कुछ कहता है। 420 का रिश्ता धोखाधड़ी से है और इतनी फाइलें लटकाना जनता के साथ धोखा और विश्वासघात है।
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने गरीबों की संजीवनी आयुष्मान भारत योजना लागू करने की फाइल लटका रखी है तो वहीं वरिष्ठ नागरिक परिषद एवं महिला आयोग के पुनर्गठन की फाइल भी रोक रखी है। लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त की शक्तियां बढ़ाने की फाइल भी दो साल से अटका रखी है। दिल्ली जल नीति से जुड़ी फाइल 7 साल से अटकी है, दिल्ली बाढ़ नियंत्रण बोर्ड के पुनर्गठन की भी फाइल लटका रखी है। दिल्ली देहात के गांवों में विकास फंड लगाने की फाइल 2018 से, अंधिकृत कॉलोनियों के विकास से जुड़ी फाइल दो वर्ष से मंत्रियों के पास लटकी है।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली में यमुना सफाई एक बहुत बड़ा मुद्दा है और केजरीवाल सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड की एस.टी.पी. निर्माण की फाइलें 2015 एवं 2018 से अटका रखी हैं। 2022 में केजरीवाल ने बार बार उपराज्यपाल के ऊपर शिक्षकों को फिनलैंड में ट्रेनिंग पर नहीं भेजने के आरोप लगाये थे। वही फाइल उपराज्यपाल की स्वीकृति के बाद भी डेढ़ साल से शिक्षा विभाग में अटकी पड़ी है। दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों के कल्याण एवं शिक्षा सुधार और इलेक्ट्रिसिटी रिफार्म्स, खेलकूद, व्यापार एवं विरासत संरक्षण से जुड़ी फाइलें भी लटकी हुई हैं।
दिल्ली बीजेपी नेताओं ने कहा कि दिल्ली सरकार ने तीन वर्ष पूर्व दिल्ली में खेल विश्विद्यालय की स्थापना कर उपकुलपति एवं कुछ कर्मियों की नियुक्ति कर करोड़ों रूपये वेतन में बांट दिये। जबकि खेल विश्विद्यालय है ही नहीं और उसके लिए भूमि अघिग्रहण की फाइल 2016 से लंबित है। पिछले तीन माह में 272 नई फाइलें विभिन्न मंत्रालयों में अटक गई हैं।