वकीलों की हड़ताल

BREAKING: सोमवार से दिल्ली की जिला अदालतों में काम नहीं करेंगे वकील… कॉर्डिनेशन कमेटी का एलान

-द्वारका इलाके में वकील की हत्या करने वाले हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली: 02 अप्रेल, 2023।
सोमवार (Monday 3rd April) से दिल्ली की जिला अदालतों (Disttrict Courts) में काम ठप रहेगा। अदालतों में वकील (Advocate) कोई काम नहीं करेंगे। दिल्ली की जिला अदालतों की कॉर्डिनेशन कमेटी (Coordination Committee) ने एलान किया है कि जब तक द्वारका में वकील की गोली मारकर हत्या (Advocate Murder Case) करने वाले हत्यारे पकड़े नहीं जाते, तब तक कोई वकील अदालतों में काम नहीं करेगा।
बता दें कि दिल्ली के द्वारका इलाके (Dwarka Area) में शनिवार शाम बाइक सवार बदमाशों ने सरेराह चलते यातायात के बीच कार सवार वकील की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी पालम की ओर भाग गए थे। पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला है कि आपसी रंजिश की वजह से वकील को गोली मारी गई है। हत्या का मामला दर्ज कर पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी के जरिए हमलावरों की पहचान करने में जुटी है।
पुलिस के अनुसार, गोल्डन हाइट्स सोसाइटी, सेक्टर-12 द्वारका निवासी वीरेंद्र कुमार (53) अपनी अर्टिगा कार से घर की ओर जा रहे थे। द्वारका सेक्टर-एक की लालबत्ती के पास बाइक पर आए दो हमलावरों ने फिल्मी स्टाइल में ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। वीरेंद्र को दो गोली लगी। कॉलसेंटर कर्मी हरप्रीत ने उन्हें पास के मणिपाल अस्पताल में पहुंचाया।
अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शाम 4:22 बजे पुलिस को गोलीबारी की सूचना मिली थी। पुलिस और क्राइम टीम तुरंत ने जांच में जुट गई है। इसके बाद फोरेंसिक टीम ने नमूने उठाए हैं। वकील पर 2017 में भी रोहिणी कोर्ट के पास गोली चलाई गई थी। इसके बाद उन्हें सुरक्षा के लिए दो पीएसओ मुहैया करवाए गए थे।
साल 2021 में सुरक्षा को हटा लिया गया था। वीरेंद्र कुमार का कुछ करीबियों से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद भी चल रहा है। कई मामले अदालत में लंबित हैं। इससे आशंका जताई जा रही है कि रंजिश में हत्या की गई है। पुलिस परिजनों से जानकारी जुटा रही है।
बताया जा रहा है मृतक की पत्नी और बेटा उससे लंबे समय से अलग रह रहे हैं। एडवोकेट जे.जे. त्यागी एवं एडवोकेट अमित राघव ने कहा कि यह केवल एक वकील पर हमला नहीं बल्कि पूरे वकील समुदाय ओर हमला है। जब तक हमलावार गिरफ्तार नहीं हो जाते, तब तक वकील काम पर नहीं लौटेंगे। वकीलों के संगठनों ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लाने की मांग की है।