-प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का आरोपः प्रदूषण रोकने में नाकाम केजरीवाल
-कोर्ट की टिप्पणी से स्पष्ट है कि प्रदूषण नहीं रोक पाई केजरीवाल सरकार
टीम एटूजेड/नई दिल्ली
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को रोक पाने में नाकाम साबित हुई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि वह दिल्ली की जहरीली हवा को साफ करने में असफल रही है। उन्होंने पूछा कि पर्यावरण सेस के रूप में सरकार को प्राप्त हुए 1500 करोड़ रूपये उन्होंने प्रदूषण के निपटान के लिए क्यों नहीं खर्च किए। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार के खिलाफ टिप्पणी की है। इस पर अमल नहीं किये जाने पर दिल्ली की केजरीवाल सरकार को शर्म आनी चाहिए। न्यापालिका के हस्तक्षेप करने का मतलब स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री दिल्ली का शासन चलाने में पूरी तरह से फेल हो चुके हैं। जो सरकार फेल है उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
न्यापालिका ने भी सवाल किया है कि प्रदूषण पर बेपरवाह सरकार सत्ता में क्यों बनी हुई है ? प्रदूषण इस स्तर पर पहुंच चुका है कि खुली हवा में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। दिल्ली में धूल, सड़कों के गड्ढों और निर्माण कार्य से होने वाले प्रदूषण को रोक पाने में असमर्थ मुख्यमंत्री अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए पड़ोसी राज्यों पर पराली जलाने का आरोप-प्रत्यारोप कर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार को कोर्ट की फटकार सुनने के बाद ही काम करने की आदत है। इससे पहले कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही उन्होंने मेट्रो के निर्माण में दिया जाने वाला अपना हिस्सा जारी किया था।
मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को लगी फटकार इस बात का उदाहरण है कि सरकार प्रदूषण को लेकर गंभीर नहीं है। करोड़ों लोगों की जान को केजरीवाल सरकार की अकर्मण्यता की भेंट नहीं चढ़ाया जा सकता। प्रदूषण की वजह से उड़ानों को डाइवर्ट करना पड़ रहा है। अस्पतालों में मरीजों का बोझ बढ़ता जा रहा है। 57 महीने के अपने कार्यकाल में केजरीवाल सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर कभी आपात बैठक नहीं बुलाई।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने केजरीवाल से सवाल किया कि उन्होंने दिल्ली वालों को किसके भरोसे छोड़ दिया है। जनता ने आम आदमी पार्टी को भारी जनादेश देकर सत्ता के शीर्ष पर बैठाया था। ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके। लेकिन समाधान तो दूर उन्हीं के पैसों का दुरूपयोग कर मुख्यमंत्री ने अपना राजनीतिक चेहरा चमका रहे हैं। यदि समय रहते उपाय किये गये होते तो आज विनाशकारी स्थिति उत्पन्न नहीं होती। सत्ता के मद में चूर मुख्यमंत्री ने जनता के हितों को दरकिनार कर अपने राजनीतिक हितों को ही प्राथमिकता दी।
मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार का ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) पूरी तरह फेल हो गया है। सड़कों पर कहीं भी इस व्यवस्था का पालन नहीं देखा जा रहा। स्थानीय कारणों से बढ़ रहे प्रदूषण को पराली का नाम देकर जनता को गुमराह किया जा रहा है। जनता की सांसों से राजनीति करते मुख्यमंत्री को शर्म आनी चाहिए जो काम करने के बजाय लोगों को मास्क बांटकर कहते हैं कि घर से बाहर न निकलें। जनता अबकी बार घर से बाहर जरूर निकलेगी और विधानसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन करके दिल्ली में कमल खिलायेगी।