भीम महासंगम में अनुसूचित जाति मोर्चा पदाधिकारियों को मिला सम्मान
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी द्वारा रविवार को रामलीला मैदान में आयोजित भीम महासंगम में भीड़ भले ही कम रह गई हो, लेकिन प्रदेश भाजपा कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम संयोजक के रूप में परोसी गई ‘अभय खिचड़ी’ कार्यक्रम के बाद भी पसंद आ रही है। कारण है कि कार्यक्रम के संयोजक रहे प्रदेश उपाध्यक्ष अभय वर्मा ने अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष और बाकी पदाधिकारियों को मंच संभालने से लेकर कार्यक्रम में भागीदारी का पूरा मौका दिया। यही कारण रहा कि मोर्चा अध्यक्ष मोहनलाल गिहारा और उनकी टीम के सदस्य पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने मंच पर नजर आए। जबकि बीते 23 दिसंबर को दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित बूथ सम्मेलन में कार्यक्रम के संयोजक और प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल ने बूथ प्रबंधन विभाग के संयोजक धर्मवीर सिंह को मंच पर भी नहीं चढ़ने दिया था।
मोर्चा पदाधिकारियों को मिली पहचान
बूथ सम्मेलन से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की अनदेखी का विवाद सामने आने के बाद कुछ प्रदेश भाजपा नेता संभल कर चल रहे हैं। रविवार को दिल्ली प्रदेश भाजपा ने खिचड़ी बनाने का रिकॉर्ड बनाया। इस कार्यक्रम में मोर्चा पदाधिकारियों को मंच पर आने देने का रिकॉर्ड भी बनाया गया। खास बात यह रही कि कार्यक्रम संयोजक अभय वर्मा ने मंच संचालन से लेकर दूसरे कामों में भी अनुसूचित जाति मोर्चा पदाधिकारियों की भागीदारी करने का मौका दिया।
पार्टी नेताओं में नाराजगी
पिछले दिनों इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित बूथ सम्मेलन से जुड़ा विवाद पार्टी के आला नेताओं के दरबार में पहुंच चुका है। प्रदेश भाजपा के कुछ नेता और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर नाराजगी है कि डेढ़ साल तक जिस बूथ प्रबंधन समिति के नेताओं ने कड़ी मेहनत के साथ बूथ संयोजकों को खड़ा किया और कार्यक्रम तक लेकर आए। उन्हें प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल ने मंच पर भी नहीं चढ़ने दिया था। यहां तक कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को संबोधन के समय सोंपी गई सूची में भी बूथ प्रबंधन विभाग के संयोजक धर्मवीर िंसंह का नाम शामिल नहीं था।