-सियासी रंजिश निकालने के लिए दिया आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं का साथ
-बीजेपी सांसद हर्ष वर्धन ने नहीं उठाया संकट में फंसे पार्टी पदाधिकारी का फोन
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 28 अप्रैल, 2023।
सियासी अदावत में नेता कहां तक गिर सकते हैं, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक पूर्व जिला अध्यक्ष और वर्तमान निगम पार्षद ने अपनी ही पार्टी के एक पूर्व पदाधिकारी को एक झूठे मामले में सलाखों के पीछे पहुंचवा दिया। आरोप है कि दिल्ली बीजेपी के इस नेता ने आम आदमी पार्टी (AAP) कार्यकर्ताओं के साथ हाथ मिलाकर पूरे कारनामे को अंजाम दिया। फिलहाल पार्टी के पीड़ित नेता ने बीजेपी के प्रदेश पदाधिकारियों से लेकर जिला अध्यक्ष तक से इस बात की शिकायत कर दी है। खास बात है कि चांदनी चौक से बीजेपी सांसद और पूर्व मंत्री हर्ष वर्धन ने भी संकट में फंसे अपनी ही पार्टी के नेता का फोन तक नहीं उठाया।
चांदनी चौक जिला बीजेपी के पूर्व मंत्री व जिला के पूर्व युवा मोर्चा अध्यक्ष और प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रह चुके सचिन दीवान का एक छोटा सा विवाद अपने ही बिल्डिंग की पहली मंजिल पर रहने वाले राजकुमार कोहली के साथ चल रहा है। हालांकि इस विवाद में कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि राजकुमार आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है और एलपीजी गैस का काम करता है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सचिन दीवान ने अपने मकान के पुराना होने की वजह से दिल्ली नगर निगम में दोबारा बनाने की अनुमति देने के लिए आवेदन किया था। तभी से पहली मंजिल पर रहने वाले राजकुमार कोहली के साथ लगातार विवाद चला आ रहा था। इस मामले में इलाके और आरडब्लूए के कई लोगों ने विवाद को खत्म कराने के लिए प्रयास भी किये हैं। ताजा घटनाक्रम के मुताबिक राजकुमार कोहली ने अपने घर की छत गिरने की शिकायत पुलिस और नगर निगम में की थी।
मामला 26 अप्रैल, 2023 का है। पार्टी नेताओं को की गई शिकायत के मुताबिक इसी दौरान मॉडल टाउन से बीजेपी के निगम पार्षद और चांदनी चौक के पूर्व जिला अध्यक्ष विकेश सेठी ने राजकुमार कोहली का सहयोग करते हुए सचिन दीवान के खिलाफ 107/51 की धाराओं में केस बनवा दिया। जिसकी वजह से सचिन दीवान को एक रात स्थानीय पुलिस थाने में काटनी पड़ी। इस दौरान विकेश सेठी के इशारे पर सचिन दीवान को बदनाम करने के लिए ‘वार्ड-68’ के नाम से बनाये गये व्हाट्सएप ग्रुप पर सचिन दीवान को बिल्डिंग माफिया बताते हुए कई पोस्ट कराई गईं।
मंडल अध्यक्ष और कई दूसरे पदाधिकारियों ने भी निकाली खुन्नस
गौरतलब है कि जब सचिन दीवान को पुलिस थाने में बिठाये रखा था तब उन्हीं की पार्टी के बीजेपी नेता सचिन के खिलाफ सोशल मीडिया पर बिल्डिंग माफिया बताने वाले पोस्ट डाल रहे थे। इन लोगों में बीजेपी के माडल टाउन मंडल अध्यक्ष संजय मित्तल, मंडल उपाध्यक्ष राजीव आनंद मंडल मंत्री और सोशल मीडिया प्रभारी विकास गुप्ता सहित कई लोग शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इन व्हाट्सएप ग्रुपों में कई लोगों को तो उसी समय जोड़ा गया था और उन्होंने ग्रुपों में जुड़ते ही सचिन दीवान के खिलाफ पोस्ट डालनी शुरू कर दी थीं।
पार्षद ने प्रदेश उपाध्यक्ष को भी दिखाई हेकड़ी
मॉडल टाउन इलाके में रहने वाले दिल्ली बीजेपी के एक प्रदेश उपाध्यक्ष को इस मामले की पूरी जानकारी है। लेकिन बीजेपी के यह पार्षद महोदय पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष को भी अपनी हेकड़ी दिखाने से बाज नहीं आये। जैसे ही इन प्रदेश उपाध्यक्ष महोदय को सोशल मीडिया पर इस तरह की पोस्ट डालने की जानकारी मिली तो उन्होंने तुंरत विकास गुप्ता को फोन करके अपनी ही पार्टी के एक नेता के खिलाफ डाली गईं झूठी पोस्ट को हटाने के लिए कहा। उस व्यक्ति ने अपनी पोस्ट्स को डिलीट भी कर दिया। आरोप है कि विकेस सेठी ने फिर उस मंडल पदाधिकारी पर दबाव डालकर सचिन दीवान के खिलाफ पोस्ट डलवा दीं। विकास गुप्ता ने अगले दिन विकेस सेठी की ओर से आये मैसेज और कॉल्स की डिटेल्स प्रदेश उपाध्यक्ष महोदय को सोंप दी हैं।
पार्टी कार्यकर्ता को बंद कराने के लिए पुलिस पर बनाया दबाव
प्रदेश बीजेपी पदाधिकारियों को की गई शिकायत में कहा गया है कि माडल टाउन से पार्षद विकेस सेठी ने सचिन दीवान को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए स्थानी पुलिस अधिकारियों के ऊपर भी दबाव बनाया था। एक पुलिस अधिकारी ने सचिन दीवान के सामने बाकायदा पार्षद का नाम और फोन कॉल दिखाते हुए इस बात की पुष्टि भी की है। इस आरोप की पुष्टि विकेस सेठी के मोबाइल नंबर से उस दिन किये गये फोन कॉल्स के जरिये भी की जा सकती है।
सांसद हर्ष वर्धन ने नहीं उठाया फोन
बताया जा रहा है कि बीजेपी नेता सचिन दीवान ने इस मामले को लेकर चांदनी चौक से अपनी ही पार्टी के सांसद हर्ष वर्धन को कई बार फोन किये। लेकिन सांसद जी ने एक बार भी अपने संसदीय क्षेत्र के वरिष्ठ कार्यकर्ता और पार्टी में कई पदों पर रह चुके नेता का फोन नहीं उठाया। एक-दो बार फोन करने पर सांसद के पीए और सहयोगियों ने फोन तो उठाया और पूरी बात भी सुनी और समझी लेकिन सांसद महोदय से बात नहीं कराई। आश्चर्य की बात तो यह है कि तीन दिन बीत जाने के बावजूद भी बीजेपी सांसद ने सचिन दीवान को पलट कर भी फोन कॉल नहीं किया।
जिला अध्यक्ष पद और टिकट की दावेदारी पड़ी भारी
सचिन दीवान को बीजेपी पार्षद विकेस सेठी के सामने अपने लिए जिला अध्यक्ष पद और निगम पार्षद के टिकट के लिए दावेदारी भारी पड़ गई। सचिन दीवान ने जिलों के गठन के समय तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और कुछ वरिष्ठ नेताओं से अपने लिए जिला अध्यक्ष पद की दावेदारी की थी। लेकिन तब पार्टी ने विकेस सेठी को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया था। इसके बाद सचिन दीवान ने 2022 में हुए निगम चुनावों में मॉडल टाउन वार्ड से अपने लिए टिकट की दावेदारी की थी। बताया जा रहा है कि यह सियासी अदावत का ही नतीजा है कि बिना किसी झगड़े और गंभीर मामले के सचिन दीवान को एक रात थाने में बितानी पड़ी।
सांसद की गुड बुक में है पार्षद का नाम
बताया जा रहा है कि विकेस सेठी का नाम केंद्रीय मंत्री के पद से हटाये जा चुके चांदनी चौक से सांसद डॉ हर्ष वर्धन की गुड बुक में है। उन्होंने ही विकेस सेठी को जिला अध्यक्ष बनाने की सिफारिश की थी। केवल इतना ही नहीं सांसद ने 2022 के निगम चुनाव में टिकट दिलवाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ऐसे में एक पार्षद द्वारा अपनी ही पार्टी के नेता को पुलिस के चक्कर में डालने और सांसद द्वारा अपनी ही पार्टी के पीड़ित नेता के साथ फोन पर बात तक नहीं करना, पार्टी में बड़ी गुटबाजी की ओर इशारा कर रहा है।