-शालीमार बाग-ए वाड- 55 मंडल में बीजेपी कार्यकर्ताओं में असंतोष
-पार्टी की ही एक नेता का आशीर्वाद, बीजेपी आलाकमान तक पहुंची शिकायत
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 2 सितंबर, 2023।
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा जिला और मंडल पदाधिकारियों की नियुक्ति को लेकर घोषणा से पहले ही उठापटक तेज हो गई है। ऐसा ही एक मामला शालीमार (Shalimar Bagh) विधानसभा क्षेत्र से सामने आ रहा है। यहां शालीमार बाग-ए मंडल (वार्ड संख्या 55) के लिए मंडल अध्यक्ष पद के लिए की गई नाम की सिफारिश को लेकर कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है। मामले की शिकायत पार्टी आलाकमान तक पहुंच गई है।
बता दें कि प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने पिछले सप्ताह जिला एवं मंडल पदाधिकारियों के लिए प्रस्तावित नामों को लेकर रायशुमारी कराई थी। इस रायशुमारी के दौरान शालीमार बाग-ए, वार्ड संख्या-55 के लिए कुछ लोगों ने किशन स्वामी का नाम लिया है। बताया जा रहा है कि किशन के नाम को चलाने के लिए पार्टी की ही एक वरिष्ठ नेता ने मुहिम चलाई है।
इस बात का पता चलते ही पार्टी कार्यकर्ता सक्रिय हो गये हैं और इसकी शिकायत बीजेपी आलाकमान तक पहुंचा रहे हैं। शिकायत करने वालों का कहना है कि किशन स्वामी ने पिछले तीन चुनावों के दौरान बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया है। बताया जा रहा है कि साल 2016 में नगर निगम के उपचुनाव में शालीमार बाग नॉर्थ से बीजेपी उम्मीदवार भूपेंद्र भंडारी के खिलाफ काम किया था।
इसके पश्चात जब फरवरी 2021 में एक बार फिर से नगर निगम उपचुनाव हुए तो शालीमार बाग- नॉर्थ से बीजेपी ने सरभि जाजू को मैदान में उतारा था। लेकिन एक बार फिर से किशन स्वामी ने बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ काम किया था। इसके पश्चात जब 2022 में नगर निगम के चुनाव हुए तो पार्टी ने सुजीत ठाकुर को शालीमार बाग-ए, वार्ड संख्या 55 से अपना उम्मीदवार बनाया था। बताया जा रहा है कि इस बार भी किशन स्वामी ने आम आदमी पार्टी के पक्ष में काम किया था। जिसकी वजह से बीजेपी उम्मीदवार सुजीत ठाकुर निगम का चुनाव हार गये।
बीजेपी आलाकमान को की गई शिकायत में कहा गया है कि इन चुनावों के दौरान संगठन महामंत्री सिद्धार्थन कई-कई दिन तक किशन स्वामी और उनके साथियों को मनाने के लिए जुटे रहे। जगदीश बेरीवाल के यहां कई दौर की बैठकें हुईं। इसके बावजूद बीजेपी उम्मीदवारों को इस मंडल (वार्ड) में हार का मुंह देखना पड़ा। इस व्यक्ति की कई शिकायतें मूलचंद चावला एवं नंद किशोर गर्ग के नेतृत्व वाली पार्टी की अनुशासन समिति को पहले ही की जा चुकी हैं।
पार्टी के ही एक वरिष्ठ नेता का संरक्षण
बताया जा रहा है कि किशन स्वामी को भारतीय जनता पार्टी की ही एक वरिष्ठ नेता का संरक्षण प्राप्त है। वही नेता अब उनका नाम मंडल अध्यक्ष के लिए चलवा रही हैं। कहा यह भी जा रहा है कि प्रदेश बीजेपी और नगर निगम में अपने लिए कोई विशेष स्थान नहीं बना पाने के बाद वह अब अपने कुछ चेलों को संगठन मे महत्वपूर्ण पदों पर आसीन कराना चाहते हैं। हालांकि इन्ही नेता से आशीर्वाद प्राप्त केतन छाबड़ा बीजेपी में मिला अपना पद त्यागकर आम आदमी पार्टी में जा चुके हैं। उनके साथियों में विकास, सूरज, चर्चित और कई ऐसे लोग हैं जो पिछले चुनावों के दौरान बीजेपी को हराने के लिए आम आदमी पार्टी के लिए काम करते रहे हैं।
1993 से 2013 तक रहा बीजेपी का कब्जा
1993 से 2013 तक शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी का परंपरागत सीट रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुक डॉ साहिब सिंह वर्मा 1993 से 1998 तक शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। उस समय यह सीट बाहरी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में आती थी। उनके बाद 1998 से 2013 तक रविंद्र बंसल बीजेपी के टिकट पर लगातार तीन बार चुनाव जीतकर दिल्ली विधानसभा में विधायक बनकर जाते रहे हैं। लेकिन इसके पश्चात आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी ने 2013 में रविंद्र बंसल को हराया था और 2015 व 2020 में बीजेपी की रेखा गुप्ता को दो बार लगातार हराकर विधानसभा में चुनकर जाती रही हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से बीजेपी इस मंडल में दो बार नगर निगम का उपचुनाव और 2022 का निगम चुनाव हार चुकी है।