-रिटर्न टिकट दिखाने के बाद बीएमसी ने लिया फैसला
-शर्तों के साथ दी गई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को छूट
टीम एटूजैड/ मुंबई
एक्टर सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच करने मुंबई पहुंचे बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को क्वारंटीन से छोड़ दिया गया। पटना पुलिस की सिफारिश पर बीएमसी ने 5 दिन की क्वारंटीन के बाद आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को छोड़ने का फैसला किया। हालांकि यह फैसला रिटर्न टिकट दिखाने के बाद लिया गया।
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आईपीएस विनय तिवारी को क्वारंटीन से छोड़ने के लिए बीएमसी की ओर से कुछ शर्तें रखी गई हैं। इनके मुताबिक वह 8 अगस्त के बाद महाराष्ट्र छोड़ सकते हैं। उन्हें अपने रिटर्न टिकट के बारे में बीएमसी को जानकारी देनी होगी। वह एयरपोर्ट तक प्राइवेट कार में जाएंगे और एसओपी का पालन करेंगे। यात्रा के दौरान सभी नियमों का पालन करेंगे।
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इसके साथ ही बीएमसी ने इस बात पर हैरानी जताई कि एक सीनियर अधिकारी को नियम के बारे में जानकारी नहीं है। गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह ने पटना में रिया चक्रवर्ती के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इसकी जांच करने के लिए आईपीएस विनय तिवारी को मुंबई भेजा गया था।
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लेकिन जैसे ही आईपीएस विनय तिवारी मुंबई पहुंचे तो उन्हें क्वारंटीन कर लिया गया था। इसको लेकर बिहार पुलिस और मुंबई पुलिस में ठन गई। बाद में मुंबई पुलिस ने अपनी भूमिका से इनकार कर दिया। इसके बाद बिहार पुलिस ने बीएमसी को चिट्ठी लिखकर आईपीएस विनय तिवारी को तुरंत छोड़ने की अपील की थी।
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इस बीच बिहार सरकार ने मुंबई पुलिस पर सहयोग न करने का आरोप लगाते हुए केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया। मुंबई और पटना पुलिस की खींचतान ने मामले को और पेंचीदा बना दिया है। जिसके बाद अब सीबीआई ने मामले की जांच शुरू करने की तैयारी कर ली है। रिया चक्रवर्ती के खिलाफ केस दर्ज किया जा चुका है और जांच टीम का गठन हो गया है।
सूत्रों की माने तो सीबीआई पटना पुलिस से दस्तावेज हेडओवर लेगी। मामले में अभी सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का इंतजार किया जा रहा है। वहीं रिया के वकील ने एक बार फिर सीबीआई जांच के फैसले पर विरोध जताया है। उनका कहना है कि कानूनी तौर पर बिहार सरकार की सिफारिश पर सीबीआई जांच नहीं की जा सकती। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार की सिफारिश जरूरी है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र और बिहार सरकार को जवाब देने के लिए समय दिया था। ऐसे में सीबीआई ने अपनी तैयारी कर ली है और अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का इंतजार है। यदि सुप्रीम कोर्ट में फैसला केंद्र या बिहार सरकार के पक्ष में आता है तो सीबीआई जांच शुरू हो जाएगी। अगर नहीं आता है तो सीबीआई जांच नहीं कर पाएगी।