450 टेस्ट की घोषणा पर बड़ा सवाल… तीन महीने से नहीं मिला डॉक्टर्स का वेतन… मोहल्ला क्लीनिकों में दो महीने से बंद पड़े टेस्ट

-70 से ज्यादा मोहल्ला क्लीनिक बंद होने से चरमराया मोहल्ला क्लीनिकों का ढांचा: BJP

नई दिल्ली, 15 दिसम्बर, 2022।
दिल्ली प्रदेश भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आरोप लगाया है कि दुनियाभर में आम आदमी पार्टी जिस मोहल्ला क्लीनिक को वर्ल्ड क्लास बताती है, उसका पूरा ढांचा चरमरा गया है। अगस्त के बाद से मोहल्ला क्लीनिकों के डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ को वेतन नहीं दिया गया। पिछले दो महीनों से मोहल्ला क्लीनिकों में सभी टेस्ट बंद पड़े हैं और दवाइयों का नितांत अभाव है। दिल्ली के 520 में से 70 से ज्यादा मोहल्ला क्लीनिक बंद हो गए हैं और बाकी बंद होने के कगार पर हैं।
पत्रकार वार्ता का संचालन प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने किया और मीडिया रिलेशन विभाग सह-प्रमुख विक्रम मित्तल उपस्थित थे।
भाजपा नेताओं ने आज संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के साथ एक और फ्रॉड किया है। उन्होंने घोषणा की है कि अब मोहल्ला क्लीनिकों और दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में 450 टेस्ट निःशुल्क होंगे जबकि सच्चाई यह है कि मोहल्ला क्लीनिकों में जो 212 टेस्ट पहले से मुफ्त होने की बात कही जाती है, वही दो महीने से बंद पड़े हैं। इसकी वजह यह है कि पूरी दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों से टेस्ट के लिए जिन लैब्स को अनुबंधित किया गया था, पिछले दो महीनों से उन लैब्स ने टेस्ट करने से मना कर दिया है। इसकी वजह यह है कि इन लैब्स का पिछला भुगतान ही नहीं किया गया। इस तरह मुख्यमंत्री सिर्फ झूठ बोलकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं कि टेस्ट मुफ्त किए जा रहे हैं।
भाजपा नेताओं ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिकों में काम करने वाले डॉक्टरों और अन्य स्टाफ को पिछले अगस्त के बाद से वेतन का भुगतान नहीं किया गया। सिर्फ वेतन ही नहीं, मोहल्ला क्लीनिकों में होने वाले बाकी खर्च के बिलों का भुगतान भी इन डॉक्टरों को नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि किसी सरकारी विभाग में ऐसा नहीं होता कि कर्मचारी कार्यालय का खर्चा अपनी जेब से करता हो लेकिन मोहल्ला क्लीनिकों में सफाई के लिए दो हजार रुपया महीना, वाई फाई के बिल के लिए 700 रुपया महीना, पीने के पानी, स्टेशनरी और बाकी खर्चों के लिए एक हजार रुपया महीना डॉक्टर अपनी जेब से खर्च करते हैं और सरकार बाद में इनका भुगतान करती है। हैरानी की बात यह है कि डॉक्टरों को वेतन तो मिल नहीं रहा, ऊपर से वे यह खर्चा भी कर रहे हैं और पिछले सात महीनों से उनके बिल अटके पड़े हैं। यही नहीं डॉक्टरों ने अपने जेब से ही 15 हजार रुपए की कीमत के टैब खरीदे और मोहल्ला क्लीनिक में वाई फाई के लिए 2500 रुपए के राउटर खरीदे लेकिन इन बिलों का भी भुगतान नहीं किया गया। इससे डॉक्टर गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं।
भाजपा नेताओं ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिकों में दवाइयों का अभाव है और टेस्ट न होने तथा दवाइयां न मिलने के कारण प्रतिदिन मरीजों की डॉक्टरों से कहा-सुनी हो रही है और अपमान भी झेल रहे हैं। मोहल्ला क्लीनिक दिल्ली की जनता के साथ क्रूर मजाक बनकर रह गए हैं। इन पर सैकड़ों करोड़ रुपये बर्बाद कर दिये गये हैं और ये सिर्फ अपना झूठा प्रचार करने के लिए खोले गए हैं।