बिधूड़ी का जल बोर्ड कार्यालय पर ‘डिस्टेंसिंग प्रोटेस्ट’

-मुख्यमंत्री केजरीवाल की नीतियों पर जताया विरोध
-उठाई पानी की समस्या से जूझ रहे लोगों की मांग

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने केजरीवाल की नीतियों के खिलाफ ग्रेटर कैलाश जलबोर्ड कार्यालय पर प्रदर्शन कर अधिकारियों को ज्ञापन सोंपा। प्रदर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हुए बिधूड़ी ने देवली व संगमविहार विधानसभा क्षेत्रों में वर्षों से चली आ रही पानी की समस्या को उठाया। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद रमेश बिधूड़ी ने दिल्ली जल बोर्ड के क्षेत्रीय मुख्य अभियन्ता को ज्ञापन सौंपकर अपना रोष प्रकट किया।

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रमेश बिधूड़ी ने कहा कि इलाके में पीने के पानी की समस्या इस हद तक बढ़ गई कि पानी से संबन्धित एक विवाद में विधायक द्वारा जबरन वसूली से डॉक्टर राजेन्द्र ने आत्महत्या कर ली थी। केजरीवाल की शह पर उनके विधायकों द्वारा पीने के पानी की कालाबाजारी कराई जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह ईमानदारी से नहीं कर रहे है। वह केवल सत्ता पर बने रहने का प्रपंच रचते रहते हैं। क्या वो यह नहीं जानते कि उनके विधायक, जल बोर्ड के टैंकर हों या राशन की दुकानें बगैर हफ्ता वसूली के चलने ही नहीं दे रहे। विकास के हर कार्य में ठेकेदारों से हिस्सा लेते हैं।

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रमेश बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि यह केजरीवाल जी की ईमानदारी की हालत है। सवाल उठता है कि ऐसी स्थिति में लोगों को कैसे मरने दिया जाए। अब कोई कितना भी कहे कि हम राजनीति कर रहे हैं, हम राजनीति नहीं कर रहे। कोरोना वायरस से आप 4 गुना लोगों को मारना चाहते हैं। क्योकि जल ही जीवन है ‘जान है तो जहान है’ पानी नहीं होगा तो लोगों को घर से बाहर निकलना ही पड़ेगा और घर से बाहर निकलेंगे तो कोरोना वायरस बढ़ेगा।

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बीजेपी सांसद ने कहा कि केजरीवाल साहब होम-क्वारंटाइन का मतलब है कि उसकी सभी व्यवस्था घर में कराई जाएं। जब व्यवस्था ही नहीं होंगी तो लोगों को मजबूरन घर से बाहर निकलना ही पड़ेगा। दिल्ली में हेल्थ व्यवस्था को ही लें, हमने पहले ही कहा था कि जब केजरीवाल जी ने विडियो कॉनफ्रेन्सिंग से पहली बार बात करने कि जहमत उठाई थी कि स्टेडियमों में 10 से 15 हज़ार बेडों की व्यवस्था की जाए।

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मुख्यमंत्री केजरीवाल ने उस बात को केंद्र पर डालकर टाल दिया। इस मामले में उन्होंने राजनीति की है क्योंकि यह स्टेडियम दिल्ली सरकार के हैं। यदि महाराष्ट्र में स्टेडियम में व्यवस्था की जा सकती है तो दिल्ली में क्यों नही? गरीब लोगों को इलाज के लिए बेड नहीं मिल रहे, लोगों को अस्पतालों में भर्ती नहीं किया जा रहा है। कोरोना का इलाज कराने के लिए लोग मारे-मारे फिर रहे हैं।

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जो लोग कोरोना वायरस से पीड़ित नहीं हैं उनका भी इलाज नहीं हो रहा है। उनको कह दिया जाता है कि पहले कोरोना टेस्ट कराइए। चाहे वो हार्ट का पेशेंट हो या कैन्सर का, जब तक उनको टेस्ट कराकर रिपोर्ट मिलती है तब तक उनकी मौत हो चुकी होती है। बिधूड़ी ने कहा कि ये सब केजरीवाल का पाप है इसलिए आज हम यहां हैं ताकि लोगों को घरों में पानी मिल सके।