-मोहन भागवत बोले हिटलर और नाजीवाद की तरह है राष्ट्रवाद
-बीजेपी की छवि सुधारने में जुटा संघ, मुद्दे बदलने की सलाह
शक्ति सिंह/ रांची। 20 फरवरी, 2020
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने नसीहत दी है कि देश में राष्ट्रवाद के नाम को नहीं फैलाएं। कई राज्यों में बीजेपी की विधानसभा चुनावों में हार के बाद अब संघ ने पार्टी की छवि सुधारने का जिम्मा संभाल लिया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ने रांची में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि शब्द बदलने से उनका अर्थ भी बदल जाता है। राष्ट्रवाद शब्द से कट्टरवाद की बू आती है। इसलिए अब नेशनलिज्म या राष्ट्रवाद शब्द का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
संघ प्रमुख ने कहा कि आप नेशन कहेंगे तो चलेगा, नेशनल कहेंगे तो चलेगा, नेशनलिटी कहेंगे तो भी चलेगा। लेकिन नेशनलिज्म नहीं कहा जाना चाहिए। नेशनलिज्म या राष्ट्रवाद का मतलब हिटलर, नाजीवाद या फासीवाद निकलता है। उन्होंने किसी अपने भाषण में किसी विशेष राजनीतिक दल का नाम नहीं लिया। लेकिन भागवत के बयान को बीजेपी की विभिन्न राज्यों में घटती लोकप्रियता के साथ जोड़कर देखा जा रहा है।
मोहन भागवत ने अपनी यनाइटेड किंगडम की यात्रा का हवाला देते हुए कहा कि वहां आरएसएस के प्रबुद्ध कार्यकर्ताओं के से बातचीत के दौरान पता चला कि बातचीत में शब्दों के अर्थ बदल जाते हैं। मोहन भागवत ने आगे कहा कि अगर हम देखें तो देश महाशक्ति बनकर क्या करते हैं? वो सारी दुनिया पर प्रभुत्व स्थापित करते हैं। सारी दुनियां के साधनों का स्वयं के लिए उपयोग करते हैं। सारी दुनिया पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपनी राजनीतिक सत्ता चलाते हैं। सारी दुनिया पर अपना रंग चढ़ाने की कोशिश करते हैं। अब बहुत से लोग यह सोचने लगे हैं कि राष्ट्र बड़ा होना दुनिया के लिए खतरनाक बात है।
बता दें कि संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में बीजेपी दिल्ली विधानसभा चुनाव हारी है। इससे पहले बीजेपी पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड में अपनी सत्ता गंवा चुकी है। हरियाणा में भी बहुमत नहीं मिलने पर उसे दूसरे दल के साथ हाथ मिलाना पड़ा है। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी का राष्ट्रवाद नहीं चल पाने की वजह से ही बीजेपी को इतने चुनावों में पिछड़ना पड़ा है। जबकि राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों पर पार्टी 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव जीत चुकी है।