-मध्य प्रदेश के 19 शहरों में नहीं मिलेगी शराब, 1 अप्रैल से लागू हुआ फैसला
एसएस ब्यूरो/ उज्जैन-भोपाल।
आप महाकाल के भक्त हैं और दर्शन के लिए उज्जैन जा रहे हैं, तो जान लें कि पहले से व्यवस्था नहीं की है तो आप काल भैरव को शराब का भोग नहीं लगा सकेंगे! 1 अप्रैल 2025 से उज्जैन में शराब बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के 19 धार्मिक शहरों में 1 अप्रैल से शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मैहर, मंडलेश्वर, मंदसौर, किट, दतिया, अमरकंटक, सलकनपुर, पन्ना, मंडला, मुलताई, बरमान कला, लगा, कुंडलपुर और ओरछा जैसे शहरों के नाम भी शामिल हैं।
हालांकि मध्य प्रदेश के 19 स्थानों पर शराब की बिक्री पर रोक लगाई गई है, परंतु इन शहरों में शराब पीने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। नई नीति के तहत शहर में चलने वाली कुल 17 दुकानों और 11 बार को 1 अप्रैल से बंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सरकार का यह शराब बंदी की ओर पहला कदम है।
काल भैरव मंदिर के लिए विशेष नियम
गौरतलब है कि कालभैरव को शराब का भोग लगाने की परंपरा है। उज्जैन के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि नगर निगम की सीमा में सभी शराब की दुकानों को बंद कर दिया गया है। काल भैरव मंदिर के पास स्थित दो शराब के काउंटर भी बंद कर दिये गये हैं। हालांकि श्रद्धालु भगवान काल भैरव को शराब को प्रसाद के रूप में चढ़ा सकेंगे। इसके लिए काल भैरव मंदिर में कोई काउंटर नहीं होगा और शराब की बिक्री प्रतिबंधित रहेगी। मंदिर समिति प्रसाद की व्यवस्था करेगी। यदि कोई श्रद्धालु एक क्वार्टर शराब प्रसाद के तौर पर चढ़ाना चाहता है, तो इसमें कोई रोक नहीं है। लेकिन इसकी आड़ में ब्लैक मार्केटिंग या दुरूपयोग पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जायेगी।