-मेयर शैली ओबरॉय ने गुरूवार को किया दौरा, लगाये नाम के पत्थर लगाने के लिए लाखों रूपये की वसूली के आरोप
हीरेन्द्र सिंह राठौड़़/ नई दिल्लीः 24 नवंबर।
हरदयाल म्यूनिसिपल लायब्रेरी (Hardayal Municipal Library) के बाद अब आम आदमी पार्टी (AAP) की नजर राजधानी दिल्ली के सबसे बड़े शमशान घाट ‘निगम बोध घाट’ (Nigam Bodh Ghat) पर पड़ गई है। मेयर शैली ओबरॉय (Mayo Shelly Obroy) ने गुरूवार को यहां का दौरा किया और संचालन करने वाले संगठन के ऊपर ‘नाम वाले पत्थर’ लगाने के लिए लाखों रूपये की वसूली करने के आरोप लगाये। मेयर ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि शमशान घाट का संचालन करने वाली संस्था के साथ हुए एमओयू का अध्ययन करके बताया जाये कि यहां क्या खामियां की जा रही हैं।
गौरतलब है कि यमुना बाजार स्थित निगम बोध घाट का संचालन बड़ी पंचायत वैश्य बीसे अग्रवाल के द्वारा वर्षों से किया जा रहा है। जब से इस संगठन ने यहां का काम संभाला है, उसके बाद से शमशान घाट में हर तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। संचालन करने वाले सगठन ने नगर निगम की बिना किसी सहायता और अंतिम संस्कार कराने के लिए आने वालों के ऊपर बिना कोई बोझ डाले यहां करोड़ों रूपये खर्च करके कई तरह की सुविधाएं प्रदान की हैं। हालांंकि कर्मकांड कराने वालों के द्वारा कुछ मामलों में दुर्व्यवहार और ज्यादा पैसे मांगने की शिकायतें भी आती रही हैं, परंतु यह कार्य इस संगठन से संबंधित नहीं है।
सेवा नहीं, सियासी कब्जे की है लड़ाई
निगम बोध घाट की संचालन पर मेयर शैली ओबरॉय के द्वारा उठाये गये सवाल सियासत की वजह से हैं। दरअसल शमशान घाट का संचालन करने वाली संस्था के सर्वेसर्वा सुमन गुप्ता हैं। सुमन गुप्ता भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता हैं और वह चांदनी चौक (Chandni Chowk) से निगम पार्षद भी रह चुके हैं। बताया जा रहा है कि यही कारण है कि आम आदमी पार्टी के सिटी- सदर पह़ाड़गंज जोन के कुछ पार्षदों को यह बात हजम नहीं हो रही है। इनमें से कुछ पार्षदों को हाल ही में चांदनी चौक में ही स्थित हरदयाल म्यूनिसिपल लायब्रेरी में सदस्य बनाया गया है। अब वह नहीं चाहते कि इतने अच्छे तरीके से चलाये जा रहे निगम बोध घाट के संचालन का श्रेय बीजेपी के किसी नेता को मिले। एक कारण यह भी है कि बड़ी पंचायत वैश्य बीसे अग्रवाल संगठन के द्वारा करोड़ों रूपये खर्च करके शमशान घाट को आधुनिक बना दिया गया है। अब यहां बहुत ज्यादा खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। अतः आम आदमी पार्टी किसी न किसी बहाने नगर निगम (Municipal Corporation Of Delhi) के साथ हुए एमओयू को खत्म करना चाहती है। इसी के तहत यह आरोपों का दौर शुरू किया गया है।
VHP एवं धार्मिक महासंघ ने राजनीति से प्रेरित बताये शैली के आरोप
विश्व हिन्दू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) दिल्ली प्रांत एवं दिल्ली धार्मिक महासंघ (Delhi Dharmik Mahashang) ने महापौर शैली ओबराय के आरोपों को पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित बताया हैं। वक्तव्य में कहा गया है कि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी आम आदमी पार्टी अपने भ्रष्टाचार से लोगों ध्यान भटकाने के लियें बड़ी पंचायत वैश्य बीसे अग्रवाल संगठन के कामों को बदनाम करना चाह रही है। आम आदमी पार्टी के साँसद डॉ. सुशील कुमार गुप्ता, दिल्ली विद्यानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल और दिल्ली नगर निगम सदन के नेता मुकेश गोयल समेत अनेकों धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं ने निगम बोध घाट का संचालन कर रही संस्था के कार्यों की समय-समय पर प्रशंसा की है।
दोनों संगठनों (VHP and DDM) की ओर से कहा गया है कि दिल्ली नगर निगम द्वारा ईधन लकड़ी व सी.एन.जी. से दाह संस्कार की तय दरों के अनुसार संचालन समिति शुल्क लेकर रसीद जारी करती है। निगम बोध घाट पर संस्था के द्वारा अति गरीब एवं लावारिस शवों के दाह संस्कार पर वर्ष 2017 से 2022 तक कुल 20,53,300 रूपये खर्च किये गये हैं। यह खर्च उन दानदाताओं ने किया है जिनपर महापौर द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि उनके नाम के शिलापट लगाये गये हैं जो कि दुर्भाग्यपूर्ण हैं। लकड़ी काटने के लिये लगाई गई आरा मशीन का इस्तेमाल तब से हो रहा है जब निगम बोध घाट का प्रबंध पूरी तरह से दिल्ली नगर निगम के अधीन था।
दिल्ली धार्मिक महासंघ ने कुछ दिन पूर्व ही दिल्ली के चुनिंदा शमशान घाटों के प्रबंधकों के साथ बैठक कर शमशान घाटों के आचार्यों की वर्दी, आचार्यों द्वारा क्रियाकर्म के लिये ली जाने वाली राशि, उनका परिचय पत्र और उनकी योग्यता (मंत्र उच्चारण हेतू) सुनिश्चित करने के लिये कहा था। दोनों संगठनों माग की है कि महापौर शमशान घाटों के आचार्यों के लिये तुरंत दिशा-निर्देश तय करें।
दो पार्षदों के दबाव में संचालन प्रबंधन को बदनाम कर रहीं शैली ओबरॉयः राजा इकबाल सिंह’
दिल्ली नगर निगम (MCD) में विपक्ष के नेता व पूर्व महापौर राजा इकबाल सिंह ने महापौर शैली ओबरॉय के निगम बोध घाट के दौरे और इसके बाद संचालन करने वाली संस्था पर लगाये गये आरोपों को अपने दो पार्षदों के दबाव में उठाया गया कदम बताया है। उन्होंने कहा कि दो पार्षदों की मनगढ़ंत कहानी आगे बढ़ाने से बेहतर होगा महापौर अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से समझें कि निगम बोध घाट प्रबंधन कितना श्रेष्ठ कार्य कर रहा है। उन्होंने आश्चर्य जतया कि एक ओर नगर निगम में नेता सदन मुकेश गोयल, दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता निगम बोध घाट के उत्कष्ट संचालन के लिए बड़ी पचायत वैश्य बीसे अग्रवाल की जमकर तारीफ करते रहे हैं और मेयर इसी संगठन पर मनगढ़ंत आरोप लगा रही हैं।