-धरने के दौरान आप ने सदन में किया बहुमत साबित, गिनाए 151 वोट
-धरने में शामिल हुए दिल्ली से तीनों राज्यसभा सांसद, चुनाव होने तक बैठने का दावा
-अगली बैठक तक के लिए टली निगम सदन की कार्यवाही
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 24 जनवरी, 2023।
दिल्ली के मेयर का चुनाव एक बार फिर टल गया। लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षदों, विधायकों व सांसदों ने दिल्ली नगर निगम के मुख्यालय, सिविक सेंटर (Civic Centre) पर कब्जा कर लिया। मंगलवार को मेयर (Mayor) के चुनाव के लिए बुलाई गई बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। इसके पश्चात पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने सदन की बैठक की कार्यवाही को अगली बैठक तक के लिए टाल दिया। इसके विरोध में आम आदमी (AAP) के सांसद, विधायक और पार्षद सदन में ही धरने पर बैठ गए।
खास बात यह रही कि धरने के दौरान आप नेताओं ने दिल्ली के मेयर के चुनाव के लिए अपना बहुमत साबित करने का दावा किया। इस मौके पर राज्यसभा सांसद संजय सिंह, सुशील गुप्ता और एनडी गुप्ता के साथ विधायक आतिशी और दुर्गेश पाठक सहित सभी विधायक और पार्षद मौजूद रहे। बहुमत साबित करने के दौरान आम आदमी पार्टी ने अपने मेयर व डिप्टी मेयर के पक्ष में 151 वोट होने का दावा किया। गौरतलब है कि एक निर्दलीय पार्षद ने भी धरने के दौरान आप का समर्थन किया।
मंगलवार को दिल्ली नगर निगम की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में पहले मनोनीत पार्षदों को और फिर चुने हुए पार्षदों को शपथ दिलाई गई। जैसे ही सभी पार्षदों की शपथ पूरी हुई तो सत्या शर्मा ने मेयर के चुनाव की घोषणा कर दी और 2 मिनट के लिए बैठक को स्थगित कर दिया। इसके पश्चात 15 मिनट के लिए दोबारा बैठक को स्थगित किया गया।
जैसे ही बैठक शुरू हुई तो बीजेपी पार्षदों ने आप के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर आप पार्षदों ने विरोध जताया तो हगांमा और बढ़ गया। इसको आधार बनाकर सत्या शर्मा ने सदन की कार्यवाही को अगली बैठक तक के लिए स्थगित कर दिया।
बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के पार्षद सदन में बैठे मनोनीत पार्षदों को मतदान के दौरान बैठक से बाहर निकाले जाने की मांग कर रहे थे। इसी बात को लेकर उन्होंने हंगामा तेज कर दिया और पीठासीन अधिकारी को बैठके की कार्यवाही अगली बैठक तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के पार्षद दल के नेता और लीडर ऑफ हाउस मुकेश गोयल ने कहा कि बीजेपी के पास बहुमत नहीं है और आम आदमी पार्टी के पास मेयर के चुनाव के लिए स्पष्ट बहुमत है। जिसकी वजह से बीजेपी नेता डरे हुए हैं और लगातार मेयर के चुनाव टलवाते आ रहे हैं। मंगलवार को भी उन्होंने ऐसा ही किया।
मुकेश गोयल ने आगे कहा कि मंगलवार को शपथ शुरू होने से पहले हमने मांग की थी कि परंपरा के अनुसार पहले चुने हुए पार्षदों की शपथ कराई जानी चाहिए, इसके पश्चात मनोनीत पार्षदों की शपथ कराई जानी चाहिए। लेकिन पीठासीन अधिकारी ने हमारी मांग को नहीं माना।
जब सभी पार्षदों की शपथ पूरी हो गई तो पीठासीन अधिकारी ने मेयर के चुनाव की घोषणा करते हुए बैठक को स्थगित कर दिया। जब दोबारा बैठक शुरू हुई तो हमने मांग रखी कि मतदान के दौरान सदन में केवल वही लोग रहने चाहिए जो वोट डालेंगे, बाकी लोगों को सदन से बाहर किया जाना चाहिये। इसको मुद्दा बनाकर पीठासीन अधिकारी ने बैठक की कार्यवाही को ही स्थगित कर दिया।