-अदालत में किया पेश, मांगी 10 दिन की हिरासत; फैसला सुरक्षित
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 02 सितंबर।
प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आप विधायक अमानतुल्ला खान को गिरफ्तार करके दिल्ली की एक अदालत में पेश किया। अमानतुल्ला खान को विशेष न्यायाधीश राकेश स्याल के समक्ष पेश किया गया, क्योंकि ईडी ने उनकी 10 दिन की हिरासत मांगी थी। ईडी ने कहा कि मामले में अन्य आरोपियों और सबूतों के साथ उनका आमना-सामना कराना जरूरी है। आरोपी की ओर से पेश हुए वकील ने मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी।
आम आदमी पार्टी के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान के घर पर सोमवार सुबह ईडी की टीम पहुंची। उन्होंने एक्स पर पोस्ट साझा कर जानकारी दी। जानकारी मिली है कि ईडी की टीम घंटों तलाशी के बाद अमानतुल्लाह को गिरफ्तार कर लिया है। तलाशी अभियान के बाद ईडी विधायक को अपने साथ लेकर गई। आप नेता संजय सिंह ने अमानतुल्लाह खान के परिजनों से मुलाकात की है। वहीं आप पार्टी का दावा है कि अमानतुल्लाह को हिरासत में लिया गया है। अपनी गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने पहले ही एक्स पर पोस्ट साझा किया था।
दिल्ली में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था
प्रवर्तन निदेशालय ने आप विधायक को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी की टीम विधायक को अपने साथ लेकर आफिस पहुंची है। दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। ईडी कार्यालय के आस पास स्थित सभी मार्गों को बंद किया गया।
ईडी की कार्रवाई पर आप विधायक का बयान
आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने कहा कि ईडी के लोग मेरे आवास पर सर्च वॉरेंट के नाम पर मुझे अरेस्ट करने आए हैं। सर्च वॉरेंट के नाम पर उनका उद्देश्य केवल मुझे गिरफ्तार करना है। मुझे ही नहीं मेरी पूरी पार्टी को तंग किया जा रहा है। उनका मकसद है केवल मुझे और मेरी पार्टी को तोड़ना है। आगे कहा कि मैं वादा करता हूं कि जो भी मेरे काम अधूरे हैं वो मेरी टीम, मेरी सरकार करवाएगी। मुझे पूरा यकीन है कि पहले जैसे हमें कोर्ट से इंसाफ मिला है वैसे ही फिर हमें इंसाफ मिलेगा।
इसके बाद उन्होंने कहा कि 2016 से यह मुकदमा चल रहा है। जिसमें सीबीआई ने खुद कहा है कि किसी भी किस्म का कोई भी भ्रष्टाचार या लेन-देन नहीं हुआ है। मैं आप लोगों को यकीन दिलाता हूं कि मैंने ऐसा कुछ नहीं किया कि जिससे मैं शर्मिंदा रहूं।
जानें क्या है दिल्ली वक्फ बोर्ड मामला
अमानतुल्ला खान पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में काम करते हुए 32 लोगों को नियमों का उल्लंघन करते हुए भर्ती किया था। आरोप था कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में आप विधायक ने भ्रष्टाचार और पक्षपात किया था। इसके अलावा, अवैध रूप से दिल्ली वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियों को किराये पर दिया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने बोर्ड के धन का भी दुरुपयोग किया है, इसमें दिल्ली सरकार से मदद अनुदान शामिल है।