-हरदयाल लायब्रेरी की प्रबंध समिति पर आप पार्षदों का कब्जा
-नेता सदन मुकेश गोयल को को भी नहीं दी गई तवज्जो
-कांग्रेस से आप में आये नेताओं पर आप नेताओं को नहीं भरोसाः बीजेपी
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीःः 20 अक्टूबर, 2023।
आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) की सत्ता में आते ही यहां चली आ रही दशकों पुरानी परंपराओं को तोड़ना शुरू कर दिया था। अब चांदनी चौक की करीब 160 वर्ष पुरानी हरदयाल म्यूनिसिपल पब्लिक लायब्रेरी (Hardayal Municipal Public Library) की प्रबंधत समिति (Management Committee) के मामले में भी ऐसा ही किया है। दिल्ली नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आने के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब नगर निगम में विपक्ष के प्रमुख नेताओं को लायब्रेरी की प्रबंध समिति में स्थान नहीं दिया गया हो। यहां तक कि आम आदमी पार्टी ने नेता सदन मुकेश गोयल को भी इस बार प्रबंध समिति में नहीं रखा है।
बता दें कि चांदनी चौक स्थित हरदयाल म्यूनिसिपल पब्लिक लायब्रेरी का नाम पहले हार्डिंग लायब्रेरी हुआ करता था। वर्ष 1970 में इसका नाम बदलकर चांदनी चौक के निवासी और क्रांतिकारी लाला हरदयाल के नाम पर रख दिया गया था। यह लायब्रेरी जब से दिल्ली नगर निगम के संचालन में आई, तभी से नगर निगम में सत्ता पक्ष की ओर से अपना सचिव और कुछ सदस्य बनाये जाते थे। इसके साथ ही नगर निगम में नेता सदन यानी कि सत्ता पक्ष के लीडर और निगम में विपक्ष के नेता को लायब्रेरी की प्रबंध समिति में सदस्य बतौर रखा जाता था।
इस बार आम आदमी पार्टी के दिशानिर्देश पर मेयर शैली ओबरॉय ने हरदलया लायब्रेरी की प्रबंध समिति में बदलाव किये हैं, इसके लिए सदन की बैठक में एक प्रस्ताव भी लाया गया है। नई व्यवस्था के मुताबिक अब हरदयाल लायब्रेरी की प्रबंध समिति में सभी सदस्य आम आदमी पार्टी के रखे गये हैं। औपचारिकता के लिए एक सदस्य कांग्रेस पार्टी का रखा गया है। जबकि प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के किसी भी निगम पार्षद को इसमें नहीं रखा गया है। यहां तक कि कांग्रेस से आम आदमी पार्टी में आये वरिष्ठ नेता और दिल्ली नगर निगम में सदन के नेता मुकश गोयल को भी तवज्जो नहीं दी गई है। दशकों पूर्व से विपक्ष के नेता के साथ नेता सदन को प्रबंध समिति में रखा जाता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया है।
AAP को नहीं रहा कांग्रेस से आये नेताओं पर भरोसाः राजा इकबाल सिंह
दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व महापौर राजा इकबाल सिंह ने आम आदमी पार्टी पर निगम में चली आ रहीं दशकों पुरानी परंपराओं एवं प्रक्रियाओं को तोड़कर अपनी मनमर्जी से निगम चलाने का आरोप लगाया। राजा इकबाल सिंह ने कहा कि आप नेतृत्व को कांग्रेस से आम आदमी पार्टी में आये नेताओं के ऊपर भी भरोसा नहीं रहा है। मेयर ने हरदयाल म्युनिसिपल पब्लिक लाइब्रेरी की प्रबंधन कमेटी बनाने में पहले से चली आ रही परंपराओं को तोड़ते हुए उसमें नेता प्रतिपक्ष एवं नेता सदन को शामिल न करके आप पार्टी के ही सभी पार्षदों को प्रबंधन कमेटी में सदस्य बना दिया है। मेयर साहिबा हरदयाल म्युनिसिपल पब्लिक लाइब्रेरी की प्रबंधन कमेटी में विपक्ष से एक भी पार्षद को सदस्य नहीं बनाया है। ऐसा लगता है कि बंद दरवाजे के पीछे गुपचुप तरीके से लायब्रेरी के नाम पर बड़ा भ्रष्टाचार करने का इरादा है। शायद उन्हें यह डर भी सता रहा है कि यदि विपक्षी सदस्यों को प्रबंध समिति में लिया गया तो आप नेताओं के द्वारा लाइब्रेरी के संचालन में किया जा रहा भ्रष्टाचार बाहर उजागर हो जायेगा।
राजा इकबाल सिंह ने मेयर पर आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष को तो उन्होंने प्रबंधन कमेटी से हटा ही दिया किंतु उन्होंने अपने खुद के पार्षद एवं वरिष्ठ सदस्य मुकेश गोयल पर भी विश्वास नहीं है कि नेता सदन जैसे पद पर रहते हुए उन्हें भी इस कमेटी का सदस्य बनाने के लायक नहीं समझा। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को डर सता रहा है कि चुनाव के समय कांग्रेस से आम आदमी पार्टी में शामिल हुए नेता दोबारा कांग्रेस में ना चले जाएं, या फिर उनके भ्रष्टाचार को उजागर न कर दें। राजा इकबाल सिंह ने कहा कि हरदयाल म्युनिसिपल पब्लिक लाइब्रेरी की प्रबंधन कमेटी में नेता प्रतिपक्ष एवं नेता सदन को स्थान दिया जाना चाहिए, नहीं तो भारतीय जनता पार्टी इस तानाशाही को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी और इसके खिलाफ आंदोलन करेगी।