-मेले के दौरान आने पर आपदा प्रबंधन कानून के तहत होगी कार्रवाई
-हरिद्वार की सीमाएं रहेंगी सील, किसी भी प्रदेश से नहीं होगा प्रवेश
एसएस ब्यूरो/ हरिद्वार
कोरोना महामारी के चलते इस साल भी कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया है। यदि कोई कांवड़ यात्री हरिद्वार में प्रवेश करता है, तो उसे 14 दिन तक सरकारी संस्थान में क्वारंटीन यानी कि प्रथक वास में रखा जायेगा। हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने चेतावनी जारी की है, जिसमें लिखा है कि मेले के दौरान हरिद्वार जनपद की सभी सीमाएं सील रहेंगी। इसलिए कोई भी भक्त जल भरने के लिए हरिद्वार नहीं पहुंचे। एसएसपी ने जारी एडवाइजरी में यह भी कहा है कि जनपद में प्रवेश का प्रयास करने वालों के वाहन जब्त कर लिए जाएंगे और नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई करेगी।
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इस दौरान हरिद्वार में हर की पौड़ी भी सील रहेगी। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि बिजनौर और हरिद्वार की सीमा पर चिड़ियापुर में शनिवार को दोनों राज्यों की समन्वय समिति की बैठक हुई। बैठक के दौरान उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा पर पाबंदी को देखते हुए तय किया गया कि हरिद्वार में कांवड़ यात्रियों को प्रवेश करने से रोकने के लिए दोनों राज्यों की सीमा पर निगरानी रखी जाएगी। बैठक में यह भी तय किया गया कि नजीबाबाद तहसील और हरिद्वार के बीच सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे।
लगातार दूसरे साल कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध
यह लगातार दूसरा साल है जब महामारी के कारण कांवड़ यात्रा का संचालन नहीं किया जा रहा है। कई संगठनों ने भी हाल में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रदेश और देश के हित में यात्रा को अनुमति न देने को कहा था। श्रावण माह से शुरू होने के साथ ही पखवाड़े भर चलने वाली कांवड़ यात्रा हर साल अगस्त के पहले सप्ताह तक चलती है और इस दौरान उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों से लाखों की संख्या में शिवभक्त गंगा जल लेने हरिद्वार आते हैं। गंगा जल से वे अपने गांवों के शिवालयों में भगवान शिव का अभिषेक करते हैं।