-उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों में पत्रकारों पर हमलों का मामला
-शीर्ष पत्रकार संगठन एनयूजे व डीजेए ने की थी शिकायत
राजधानी के उत्तर-पूर्वी दिल्ली इलाके में इसी साल फरवरी महीने में कवरेज के दौरान पत्रकारों पर हुए हमलों के मामले में प्रेस कांउसिल ऑफ इंडिया ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त को तलब किया है। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने दिल्ली में हुए दंगों के दौरान मीडियाकर्मियों पर हमलों की शिकायत की थी। काउंसिल ने दिल्ली सरकार के गृह विभाग और दिल्ली पुलिस के आयुक्त से दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान कई मीडियाकर्मियों पर हमले हुए थे। एनयूजे-आई और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने कवरेज के दौरान पत्रकारों पर हुए हमलों की जांच और दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इन शीर्ष पत्रकार संगठनों की मांग पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
एनयूजे-आई के अध्यक्ष रास बिहारी और डीजेए के अध्यक्ष राकेश थपलियाल, महासचिव के पी मलिक और सचिव हीरेन्द्र सिंह राठौड़ के मुताबिक इसी साल फरवरी महीने में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों के दौरान जेके 24-7 के रिपोर्टर आकाश और एनडीटीवी के रिपोर्टर अरविंद गुनाशेखर व सौरभ पर हमला किया गया था। आकाश को गोली मारी गई थी। जबकि दूसरी घटना में अरविंद और सौरभ बुरी तरह घायल हो गए थे। दंगों में कवरेज के दौरान एक महिला पत्रकार पर भी हमला किया गया था।
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दंगों के दौरान कई पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर अपनी आपबीती बताई थी। 26 फरवरी 2020 को एनयूजे और डीजेए ने मीडियाकर्मियों की सुरक्षा और हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। प्रेस कांउसिल ने अधिनियम 1979 के तहत जांच प्रक्रिया के नियम के तहत यह जांच की है।
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एनयूजे-आई अध्यक्ष रास बिहारी ने बताया कि पत्रकार संगठन की ओर से कवरेज के दौरान मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के लिए केंद्र और राज्य सरकारों से पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग की गई है। पत्रकार संगठनों के नेताओं ने कहा है कि प्रेस कांउसिल के संज्ञान लेने से पुलिस दोषियों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करेगी।