MCD: पार्किंग टेंडर प्रक्रिया विवादों में… RP सेल में फिर होगी CBI की छापेमारी?

-टेंडर प्रक्रिया में शामिल बड़े पार्किंग स्थलों को ‘पूल’ में देने की तैयारी के आरोप!

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 15 सितंबर, 2025।
दिल्ली नगर निगम में पिछले दिनों पार्किंग माफिया ‘ओवर चार्जिंग’ के लिए भारी चर्चा में आया था। निगम आयुक्त ने ‘गंदगी’ को साफ करने के उद्देश्य से कुछ पार्किंग ठेकेदारों के खिलाफ बड़े जुर्माने की कार्रवाई भी की थी। परंतु ताजा मामले में तो एमसीडी के पार्किंग स्थलों की टेंडर प्रक्रिया ही विवादों में आती जा रही है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री कार्यालय को भेजी गई एक शिकायत में आरोप लगाया गया है कि एमसीडी के कुछ निचले स्तर के अधिकारियों ने पार्किग माफिया के साथ मिलीभगत कर ली है। जिसकी वजह से फाइनेंशियल बिड खोलने में लगातार देरी की जा रही है। टेंडर प्रक्रिया में शामिल कुछ बड़े पार्किंग स्थलों को उच्चतम बोली लगाने वालों को देने के बजाय ‘पूल’ में देने की कागजी कार्रवाई की जा रही है। जिसके चलते एमसीडी का आरपी सेल एक बार फिर से सीबीआई और एंटी करप्शन ब्रांच के निशाने पर आ सकता है।
गौरतलब है कि एमसीडी ने अपने 82 सर्फेस पार्किंग स्थलों को संचालित करने के लिए ठेके पर देने के लिए जुलाई माह में टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी। इसके लिए 5 अगस्त को टैक्नीकल बिड खोली गई थी। परंतु एक माह से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद इसकी फाइनेंशियल बिड नहं खोली गई है। आरोप लगाया जा रहा है कि पार्किंग माफिया जोर-शोर से सक्रिय हो गया है और ‘सैटिंग’ के जरिये कम बोली पर ही अपने कुछ पुराने पार्किंग स्थलों को ‘पूल’ के जरिये अपने पास बनाये रखना चाहता है। बताया जा रहा है कि इससे एमसीडी को आर्थिक नुकसान होने की आशंका है।
चर्चा में मोहन कोऑपरेटिव इंडस्ट्रियल एस्टेट पार्किंग
पीएमओ और गृहमंत्री कार्यालय को भेजे गये पत्र में कई पार्किंग साइट्स के मामले आशंका व्यक्त की गई है। परंतु मोहन कोऑपरेटिव इंडस्ट्रियल एस्टेट के पार्किंग का विशेष उल्लेख किया गया है। आरोप है कि इस पार्किंग के ठेके को लेकर कई ठेकेदारों ने टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया है और पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा मासिक लाइसेंस शुल्क प्रस्तावित है। आरोप है कि इस पार्किग स्थल को टेंडर प्रक्रिया में आई अधिकतम बोली के मुकाबले काफी कम राशि पर ‘पूल’ करने का प्रयास किया जा रहा है।
जुलाई में ही सीबीआई और एसीबी ने की थी पार्किंग्स मामले में छापेमारी
गौरतलब है कि भ्रष्टाचार की शिकायतों को लेकर बीते 15 जुलाई को सीबीआई ने सिविक सेंटर की 25 वीं मंजिल पर स्थित आरपी सेल के पार्किंग विभाग में कई घंटों तक छापेमारी की थी। इसके बाद एंटी करप्शन ब्रांच के अधिकारियों ने भी कुछ लोगों से पूछताछ की थी। पिछले दिनों एमसीडी के पार्किंग स्थलों पर ओवर चार्जिंग को लेकर भी मामला बहुत ज्यादा गरमाया था। इसके पश्चात आरपी सेल के दो अधिकारियों को यहां से हटा दिया गया था। अब सवाल यह उठता है कि क्या फिर से सीबीआई और एसीबी को कोई कार्रवाई करने का मौका दिया जा रहा है?
एमसीडी अधिकारियों की चुप्पी!
पूरे मामले में एमसीडी के प्रेस एंड इन्फॉर्मेशन विभाग के निदेशक सुमित कुमार से पिछले सप्ताह गुरूवार को प्रतिक्रिया मांगी गई थी। इसके साथ ही आरपी सेल के असिस्टेट कमिश्नर से भी इसके संबंध में गुरूवार और शुक्रवार को जानकारी मांगी गई थी। परंतु दोनों अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई अधिकृत प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है।