-ग्राहकों, आम नागरिकों को नहीं मिलता निकलने को रास्ता
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 02 मई।
सत्ता किसी भी पार्टी की हो मगर दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) के अधिकारी सुधरने को तैयार नहीं हैं। हाल ही में एमसीडी (MCD) में सत्ता परिवर्तन हुआ है मगर एमसीडी अधिकारियों ने खुलकर लूट मचा रखी है। आला अधिकारियों की मिलीभगत से जमकर अवैध अतिक्रमण किया जा रहा है। ताजा मामला सिटी सदर-पहाड़गंज जोन (City Sadar- Pahar Ganj Zone) से जुड़ा है। यहां फतेहपुरी-खारी बावली की पटरियों पर ड्राई फ्रूट्स का बाजार सजा है और इस अतिक्रमण को जोन के उपायुक्त का संरक्षण प्राप्त है। शुक्रवार को यह आरोप दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने लगाया है।
प्रवीण शंकर कपूर ने शुक्रवार को एक फोटो जारी करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों में सिटी सदर-पहाड़गंज जोन की एमसीडी उपायुक्त के संरक्षण में चांदनी चौक एवं बल्ली मारान वार्ड के कुछ इलाकों में अतिक्रमण 10 गुना तक बढ़ गया है। गौरतलब है कि लाल किला के सामने से लेकर फतेहपुरी चौक तक चांदनी चौक का पुनर्विकास किया गया है। यहां बड़े वाहनों का आना-जाना पूरी तरह से वर्जित कर दिया गया है। फिर भी आम लोगों का चांदनी चौक बाजार की पटरियों पर से निकलना आसान नहीं है। कारण है कि दोनों ओर की पटरियों पर अवैध दुकानें धड़ल्ले से चल रही हैं।
यही हालत खारी बावली बाजार की दोनों ओर की पटरियों का है। एक ओर फतेहपुरी चौक से गाड़ोदिया मार्केट, गली बताशान, नया बांस और लाहौरी गेट तक तो दूसरी ओर नया बाजार से कटरा तंबाकू, तिलक बाजार, कटरा मेदगरान, कटरा ईश्वर भवन और फतेहपुरी के गोल हट्टी तक बाजार की दोनों ओर की पटरियों पर धड़ल्ले से ड्राई फ्रूट्स, मसालों और अन्य सामानों की दुकानें खुली हुई हैं। आश्चर्य की बात है कि खास तौर पर फतेहपुरी चौक की स्थिति ज्यादा सोचनीय है। स्थानीय लोगों का कहना है कि एमसीडी ने लंबे समय से पटरियों पर हो रहे अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है और पिछले कुछ समय में पटरियों पर अवैध कब्जे तेजी से बढ़े हैं।
दिल्ली में फिलहाल ट्रिपल इंजन सरकार है और हाल ही में दिल्ली नगर निगम में बीजेपी ने सत्ता में वापसी की है। अब देखना यह है कि सिटी सदर-पहाड़गंज जोन के अंतर्गत आने वाले चांदनी चौक के थोक बाजारों की पटरियों पर तेजी से बढ़ते अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या फिर एमसीडी के आला अधिकारियों की मनमानी इसी तरह जारी रहेगी।