BJP विधायकों ने की LG से मुलाकात… CAG की 12 रिपोर्ट्स को विधानसभा में प्रस्तुत कराने की मांग

-बीजेपी विधायक प्रतिनिधि मंडल ने उपराज्यपाल से भेंट कर सोंपा ज्ञापन
-आप सरकार ने विधानसभा में नहीं पेश की 2017-18 से 2021-22 तक 12 रिपोर्ट्स

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 28 नवंबर।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार द्वारा पिछले कईं सालों से वित्त मंत्री के पास लंबित पड़ी कैग की 12 रिपोर्ट्स को कल से शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र में प्रस्तुत करने के लिए उपराज्यपाल से मांग की है । इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने आज उपराज्यपाल से भेंट की और उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस प्रतिनिधि मंडल में भाजपा विधायक अजय महावर, जितेंद्र महाजन एवं अनिल वाजपेई भी शामिल थे।
उपराज्यपाल से भेंट करने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि उन्होंने उपराज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में उनसे आग्रह किया है कि वह अपने विशेष अधिकार का प्रयोग कर दिल्ली सरकार को निर्देश दें कि वह 2017-18 से लेकर 2021-22 तक की लंबित कैग की रिपोर्ट्स को विधानसभा के आगामी सत्र में प्रस्तुत करें क्योंकि आप सरकार के कार्यकाल का यह आखिरी सत्र होगा।
गुप्ता ने कहा कि हमने उपराज्यपाल से कहा है कि विपक्ष द्वारा बार-बार सरकार को चेताने और मांग करने के बावजूद सरकार ने इस संबंध में कोई संज्ञान नहीं लिया और रिपोर्ट्स को अभी तक सदन पटल पर प्रस्तुत नहीं किया है। ज्ञापन में विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि संविधान के नियम 151(2) और जीएनसीटीडी के नियम 48 के अंतर्गत दिल्ली सरकार कैग की इन रिपोर्ट्स को सदन में प्रस्तुत करने के लिए बाध्य है । बार-बार विपक्ष की मांग के बावजूद उसकी आवाज को अनसुना करना सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करता है ।
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को 20 सितंबर 2024 को पत्र लिखकर उन्हें कैग रिपोर्ट्स को सदन में रखवाने के लिए सरकार को आवश्यक दिशा निर्देश देने का आग्रह किया था । बावजूद इसके, सरकार ने 26 सितंबर से शुरू हुए मानसून सत्र में कैग की किसी भी रिपोर्ट को प्रस्तुत नहीं किया । विधानसभा में विपक्ष द्वारा चर्चा का नोटिस देने के बाद भी इस विषय में चर्चा करने की मांग को स्वीकार नहीं किया गया । 24 सितंबर को मुख्य सचिव को भी पत्र भेजकर इस संबंध में सूचित कर दिया गया था । 25 सितंबर को स्पीकर से मिलकर विपक्षी विधायकों ने एक बार फिर से चर्चा को सत्र में शामिल करने का आग्रह किया, लेकिन विपक्ष की आवाज को अनसुना कर दिया गया । 26 सितंबर को सत्र के दौरान जब विपक्षी विधायकों ने स्पीकर से कैग की रिपोर्ट्स को सदन के पटल पर रखने और इस पर चर्चा करने की मांग की तो आप पार्टी के विधायकों द्वारा शोर मचाकर उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की गई। 15-20 मिनट तक विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद जब दुबारा शुरू हुई तो विपक्ष ने फिर से इस संबंध में अपनी आवाज उठाई तो उन्हें मार्शलों द्वारा सदन से बाहर करवा दिया गया । 27 सितंबर को कैग रिपोर्ट्स को प्रस्तुत किए बिना ही विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि जो 12 रिपोर्ट्स वित्तमंत्री आतिशी के पास पेंडिंग पड़ी हैं उनमें स्टेट फाइनेंस ऑडिट रिपोर्ट, वाहनों के धुएं से होने वाले प्रदूषण को कम और नियंत्रित करने के उपायों की परफॉर्मेस ऑडिट रिपोर्ट, फाइनेंस सेक्टर और च्ैन् की ऑडिट रिपोर्ट, जरूरतमंद बच्चों की देखभाल, सुरक्षा और सहायता के विषय पर परफॉर्मेस ऑडिट रिपोर्ट समेत कुछ अन्य महत्वपूर्ण रिपोर्ट्स शामिल हैं । गुप्ता ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में वित्तीय और प्रशासनिक स्थितियों का आकलन करने के लिए कैग की 12 रिपोर्ट्स एक महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं और इन्हें संवैधानिक नियमों के अनुसार उप राज्यपाल की अनुमति लेकर विधानसभा में प्रस्तुत किया जाना आवश्यक होता है । लेकिन दिल्ली सरकार भ्रष्टाचार की अपनी कारगुजारियों को छुपाने के लिए इन्हें जान बूझकर सदन में प्रस्तुत नहीं कर रही है।
गुप्ता ने उपराज्यपाल से आग्रह किया है कि चूंकि 29 नवंबर से शुरू हो रहा यह ‘आप‘ सरकार के कार्यकाल का आखिरी सत्र होगा, इसलिए जीएनसीटीडी के रूल-253 के अंतर्गत संविधान द्वारा प्रदत्त विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए वे सरकार को लिखित आदेश देकर कैग की लंबित सभी रिपोर्ट्स को विधानसभा में प्रस्तुत करवाने का कष्ट करें, ताकि सरकार की कार्यप्रणाली की पारदर्शिता और खर्च किये गए पैसों का हिसाब किताब जनता के सामने आ सके ।