‘बाहरी उम्मीदवार’ पर नहीं थम रही CONGRESS में रार… बगावत पर उतरे ‘राजकुमार’… नेताओं में बावरिया के खिलाफ बढ़ती जा रही नाराजगी

-प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लवली को पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान ने लिखा बगावती पत्र

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 24 अप्रैल।
‘बाहरी उम्मीदवारों’ को लेकर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस (Delhi Pradsh Congress) में शुरू हुई रार लगातार ब़ढ़ती जा रही है। उत्तर पश्चिम दिल्ली (North West Seat) से कांग्रेस उम्मीदवार उदित राज (Udit Raj) और उत्तर पूर्वी दिल्ली (North East Delhi) से कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार (Kanhiya Kumar) को लेकर पार्टी में लगातार बगावत जारी है। अब प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया (Delhi Congress Incharge Deepak Babria) के खिलाफ भी पार्टी के बड़े बड़े नेता खुलकर बोल रहे हैं। दरअसल रविवार को दीपक बाबरिया को कांग्रेस के कई नेताओं ने खरी खोटी सुनाई थी। इस बैठक में बाबरिया के साथ कई वरिष्ठ कांग्रेसियों की तू-तू मैं-मैं हुई थी। अब एक-एक कर यह बातें सबके सामने आ रही हैं।
बुधवार को दिल्ली सरकार में मंत्री रहे राजकुमार चौहान (Former Minister Raj Kumar Chauhan) ने भी कांग्रेस प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली को एक पत्र लिखकर कांग्रेस में खलबली मचा दी है। उन्होंने अपने पत्र में अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। इसके बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में बगावत की चिंगारी और ज्यादा तेज होती जा रही है।
राजकुमार चौहान ने अपने पत्र में लिखा है कि बीते रविवार 21 अप्रैल को वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की बैठक पहले प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बुलाई गई थी, परंतु बाद में इसे साउथ एवेन्यू स्थित दीपक बाबरिया के घर पर कर दिया गया था। इस बैठक में ज्यादातर पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री और कुछ वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इस बैठक में करीब करीब सभी ने कांग्रेस नेतृत्व द्वारा दिल्ली की दो सीटों पर दो बाहरी उम्मीदवार उतारे जाने पर विरोध जताया था। कई लोगों के साथ दीपक बाबरिया की नोंक झोंक भी हुई थी।
राज कुमार चौहान के मुताबिक जब वह अपनी बात रख रहे थे, तब दीपक बाबरिया ने उन्हें कई बार बैठक छोड़कर बाहर जाने के लिए कहा था। ज्यादातर कांग्रेसी नेता अपनी नाराजगी जताते हुए यह बैठक छोड़कर चले गये थे। चौहान ने लिखा है कि पार्टी नेतृत्व चाहे तो वह कांग्रेस से इस्तीफा दे सकते हैं। उन्होंने अपनी बात पार्टी फोरम पर रखी थी, यह बात बाहर नहीं कही गई थी, फिर प्रदेश प्रभारी ने पार्टी नेताओं के साथ इस तरह का व्यवहार क्यों किया?