BJP ने की दिल्ली जल बोर्ड में चल रहे घोटाले की CBI जांच की मांग

-सच साबित हुई दिल्ली में पानी की कमी और गंदे पानी की आपूर्ति की बातः बीजेपी

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 16 अगस्त, 2023।
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP)अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Virendra Sachdeva) ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी लगातार कहती आ रही है कि दक्षिण और दक्षिण पश्चिम दिल्ली विशेषकर देवली, संगम विहार, महरौली और बिजवासन विधानसभा क्षेत्रों (Assembly Constituencies) में पानी (Drinking Water) की भारी कमी है और जो थोड़ा बहुत पानी आता है वह दूषित होता है। वह बात आज सही साबित हो गई, जब बिजवासन और देवली के आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों ने दिल्ली विधानसभा में खुलेआम कहा है कि हमारे निर्वाचन क्षेत्रों में नल सूखे रहते हैं या गंदा पानी आ रहा है। दिल्ली बीजेपी ने दिल्ली जल बोर्ड में चल रहे घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा है यह आश्चर्य की बात है कि यमुना में बाढ़ आई है, जल बोर्ड के तालाबों में बहुत अतिरिक्त पानी है, फिर भी दिल्लीवासियों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। दिल्ली में पानी की कमी का मुख्य कारण है कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड को अपने भ्रष्टाचार का खेल का मैदान बना लिया है। पिछले लगभग 9 वर्षों के दौरान नए जल उपचार संयंत्र स्थापित करना तो दूर, दिल्ली जल बोर्ड ने जल संयंत्रों की नियमित सफाई भी सुनिश्चित नहीं की है। केवल इतना ही नहीं बल्कि पानी की सप्लाई पाइपलाइनों के रखरखाव पर भी कोई ध्यान नहीं दिया गया है, जिनमें से अधिकांश में जंग लग गई है।
सचदेवा ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी लगातार केजरीवाल सरकार द्वारा एक लाभकारी सरकारी कंपनी दिल्ली जल बोर्ड को 70000 करोड़ से ज्यादा के घाटे में चलने वाली कम्पनी बनाये जाने की सीबीआई जांच की मांग करती रही है। सत्ता में आने से पहले अरविंद केजरीवाल दिल्ली जल बोर्ड में टैंकर माफिया घोटाले का आरोप लगाते थे। लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान पानी के टैंकरों की संख्या लगभग दोगुनी होकर 900 हो गई है और मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी विधायक प्रकाश जारवाल इसमें शामिल पाए गए हैं। करोड़ों रुपये का बिल वसूली घोटाला भी हुआ है जैसा घोटाला देश में कहीं नहीं देखा गया है।
भाजपा एक बार फिर दिल्ली जल बोर्ड में चल रहे घोटालों की तत्काल सी.बी.आई. जांच की मांग करती है ताकि यह पता चल सके कि दिल्ली जल बोर्ड को घाटे में धकेलने के लिए कौन जिम्मेदार है।