-स्पेशल एवं एडहॉक कमेटियों का गठन मई महीने में ही हो जाने की उम्मीद
-आप को सुप्रीम कोर्ट से लगातार मिल रहीं तारीख पर तारीख
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 3 मई, 2023।
दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव दोबारा भले ही हो गया हो, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एल्डरमैन (मनोनीत सदस्य) आम आदमी पार्टी (AAP) के गले की फांस बने हुए हैं। इसकी वजह से दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) के 12 जोन (वार्ड समितियों) के चेयरमैन (Zone Chairman) का चुनाव अब भी अटका रहेगा। दिल्ली नगर निगम में अब आम आदमी पार्टी सत्ता में है और मनोनीत सदस्यों (Elder man) के मामले में कोर्ट का फैसला आने से पहले आप नेता जोन के चुनाव करवाने के मूड में नहीं है। माना जा रहा है कि निगम में स्पेशल और एडहॉक कमेटियों के चुनाव मई महीने के अंत तक हो जायेंगे।
गौरतलब है कि नगर निगम चुनाव के नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी 8 जोन और बीजेपी 4 जोन में बहुमत में थी। लेकिन उपराज्यपाल के द्वारा एल्डरमैन के रूप में 10 सदस्यों के मनोनयन के बाद दोनों ही पार्टियां 6-6 जोन में बहुमत में हो गई हैं। आप के बहुमत वाले 6 जोन में से एक सेंट्रल जोन में कांग्रेस के दो सदस्य (निगम पार्षद) निर्णायक भूमिका में हैं। जिसकी वजह से यहां भी बीजेपी कांग्रेस को समर्थन देकर आप को गच्चा देने की स्थिति में आ गई है।
इस तरह से कुल 12 जोन में से एक पर कांग्रेस, पांच पर आप और 6 जोन पर बीजेपी का कब्जा होने की पूरी संभावना है। क्योंकि आप के पास केवल 5 जोन में ही स्पष्ट बहुमत रह सकता है। जबकि केवल दो सदस्यों के साथ कांग्रेस अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी के समर्थन से सेंट्रल जोन पर कब्जा करने की स्थिति में है। वहीं बीजेपी स्पष्ट बहुमत के साथ शाहदरा उत्तर, शाहदरा दक्षिण, केशव पुरम और नजफगढ़ जोन में सबसे आगे है। वहीं एल्डमैन सदस्यों के जरिये नरेला और सिविल लाइंस जोन में भी बीजेपी बहुमत में आ गई है।
अभी हुए चुनाव तो बीजेपी का हो सकता है स्टेंडिंग कमेटी पर कब्जा
आम आदमी पार्टी के नेताओं को आशंका है कि यदि जोन के चुनाव अभी करा दिये जायें तो उनके हाथ दिल्ली के 12 में से केवल पांच जोन ही आ सकेंगे। इसके साथ ही स्टेंडिंग कमेटी भी आप के हाथ से निकल जाने की आशंका है। नगर निगम की स्टेंडिंग कमेटी में कुल 18 सदस्य होते हैं, जिनमें से 12 सदस्य सभी 12 जोन से चुनकर आते हैं और 6 सदस्यों का चुनाव हाउस में होता है। दरअसल यदि 7 जोन में बीजेपी का कब्जा (सेंट्रल जोन में कांग्रेस के साथ) हो जाता है, तो स्टेंडिंग कमेटी के लिए भी बीजेपी के 7 सदस्य चुनकर आ जायेंगे। जबकि आम आदमी पार्टी के केवल 5 जोन से 5 सदस्य ही चुनकर आ पायेंगे। ऐसे में यदि सदन चुने गये 6 सदस्यों में से दोनों पार्टियों के 3-3 सदस्यों को मान्यता मिल जाती है (यह मामला भी अभी कोर्ट में है) तो 18 में से बीजेपी के पास 10 और आप के पास 8 सदस्य रह जायेंगे। ऐसे में स्टेंडिंग कमेटी में बीजेपी के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन चुने जायेंगे और इस पर बीजेपी का कब्जा हो जायेगा।
आप ने की एल्डरमैन का मनोनयन और वोटिंग अधिकार खारिज करने की मांग
आम आदमी पार्टी ने एल्डरमैन सदस्यों के मनोनयन के मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अपनी याचिका में आप ने कहा है कि उपराज्यपाल को एल्डरमैन मनोनीत करने का अधिकार नहीं है, यह अधिकार दिल्ली सरकार का है। आप ने कोर्ट में एल्डरमैन सदस्यों के जोन में वोटिंग के अधिकार को भी वापस लेने की मांग की है। हालांकि 2012 से 2017 के नगर निगम के कार्यकाल में आम आदमी पार्टी ने ही दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करके एल्डरमैन सदस्यों को वोटिंग का अधिकार देने की मांग की थी और इसके बाद ही मनोनीत सदस्यों को जोन के चुनाव में मतदान का अधिकार प्राप्त हुआ था।
दोनों ही परिस्थितियों में आप को लाभ की उम्मीद
आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि कोर्ट यदि एल्डरमैन सदस्यों के मनोनयन को रद्द कर देता है अथवा उनका मतदान का अधिकार खत्म कर देता है तो या फिर इनमें से एक आदेश भी आप के पक्ष में दे देता है तो पार्टी को बड़ा फायदा हो जायेगा। कोर्ट द्वारा एल्डरमैन सदस्यों के मनोनयन को गलत ठहराया जाता है तो दिल्ली सरकार को 10 सदस्य मनोनीत करने का अधिकार मिल सकता है। ऐसे में आप अपने हिसाब से सदस्यों को मनोनीत करवाकर कम से कम तीन जोन और अपने कब्जे में कर सकती है। दूसरे यदि मनोनीत सदस्यों का मतदान का अधिकार खत्म हो जाता है तो आप फिर से नरेला, सिविल लाइंस और सेंट्रल जोन में बहुमत में आ जायेगी। इस तरह से आप का 12 में से 8 जोन के साथ स्टेंडिंग कमेटी पर भी कब्जा हो सकता है। हालांकि दोनों ही परिस्थितियों में बड़े तकनीकी पेंच हैं।
कांग्रेस को मिले आप व बीजेपी से ऑफर
सेंट्रल जोन पर कब्जे के लिए आप और बीजेपी ने पूरा जोर लगा रखा है। इस जोन में कुल 25 वार्ड हैं। इनमें से आप के 13 पार्षद, बीजेपी के 10 पार्षद और कांग्रेस के 2 पार्षद जीतकर आये हैं। इस तरह से यहां आप बहुमत में है। लेकिन उपराज्यपाल ने इस जोन में बीजेपी के 2 एल्डरमैन पार्षद मनोनीत किये हैं। इस तरह से अब यहां आप के पास 13 और बीजेपी के पास 12 का आंकड़ा हो गया है। पूरा दारोमदार कांग्रेस पार्षदों के ऊपर है। इसलिए आप और बीजेपी की ओर से कांग्रेस की दोनों महिला पार्षदों को चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन बनाने का ऑफर दिया गया है। ताकि यहां से स्टेंडिंग कमेटी के लिए एक सदस्य आप या बीजेपी का चुनकर जा सके। हालांकि बीजेपी ने इस मामले में एक कदम आगे बढ़ा दिया है और कांग्रेस की एक पार्षद को दिल्ली हज कमेटी का सदस्य मनोनीत करवा दिया है।
अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी का साथ देने की संभावना
गौरतलब है कि निगम चुनाव के कुछ दिन बाद ही कांग्रेस के दो पार्षद आप में शामिल हो गये थे, जिसके बाद उनके समर्थकों ने भारी विरोध जताया था। यही कारण रहा कि कांग्रेस पार्षदों को रातोंरात अपनी घरवापसी करनी पड़ी थी। एसे में सेंट्रल जोन के दोनों कांग्रेस पार्षदों की अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी के साथ जाने की संभावना ज्यादा है। यदि कांग्रेस पार्षद मेयर के चुनाव की तरह जोन के चुनाव का भी बहिष्कार करते हैं तो सेंट्रल जोन पर आप का कब्जा हो जायेगा।