पार्किंग माफिया-अफसरशाही के गठजोड़ से DMRC को करोड़ों का चूना!

-‘स्मार्ट’ के नाम पर बिना टेंडर के पुरानी दरों पर 15 साल के लिए पार्किंग के ठेके देने की तैयारी
-सार्थक जन मंच की मांगः जनता के लिए डीएमआरसी द्वारा फ्री किये जायें मेट्रो के पार्किंग साइट
-प्रतिक्रया देने को तैयार नहीं डीएमआरसी के अधिकारी

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली। 12 मार्च, 2023।
अफसरों के साथ मिलकर पार्किंग (Parking) माफिया दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation) को करोड़ों रूपये का चूना लगा रहा है। आने वाले दिनों में डीएमआरसी का यह घाटा और बढ़ सकता है। अधिकारियों ने स्मार्ट पार्किंग (Smart Parking) के नाम पर बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के पुराने ठेकेदारों को घटे हुई पुराने मासिक शुल्क पर अगले 15 साल के लिए इन पार्किंग साइट्स के ठेके देने की तैयारी कर ली है। स्वयं सेवी संगठन सार्थक जन मंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुंख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर डीएमआरसी के अफसरों और पार्किंग माफिया पर लगाम लगाने की मांग की है।
सार्थक जन मंच के महासचिव ललित कुमार ने अपने पत्र में लिखा है कि डीएमआरसी अपने विभिन्न स्टेशनों पर ढाई दर्जन से ज्यादा पर्किंग साइट चला रहा है। अब इन्हें स्मार्ट पार्किंग का रूप दिया जाना है। इसके लिए डीएमआरसी के अधिकारियों ने किसी तरह के टेंडर जारी नहीं किये हैं, और नाही कोई पॉलिसी बनाई है। ताकि पहले से काबिज पार्किंग माफिया को फायदा पहुंचाया जा सके। आश्चर्य की बात तो यह है कि अधिकारियों ने पुराने ठेकेदारों को लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) भी जारी कर दिये हैं।
ललित कुमार ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मांग की है कि यदि डीएमआरसी (DMRC) अपने पार्किंग साइट्स से कोई फायदा नहीं चाहता तो जनता के लिए सभी पार्किंग मुफ्त कर दिये जायें। ऐसा न करके अधिकारी जनता के पैसे को पार्किंग माफिया की जेब में पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि डीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक पार्किंग ठेकेदार के साथ पार्टनरशिप कर ली है, जिसके चलते उसकी ओर ढाई-तीन करोड़ रूपये बकाया होने के बावजूद ऐसे ठेकेदारों को 15 साल के ठेके के एलओआई जारी कर दिये गये हैं।
गौरतलब है कि कोरोनाकाल में डीएमआरसी ने अपने पार्किंग साइट्स के मासिक शुल्क की दरों में आधे से ज्यादा तक कमी कर दी थी। अब आने वाले 15 वर्षों के लिए उन्हीं घटी हुई दरों पर पार्किंग के ठेके पार्किंग माफिया को बिना किसी टेंडरिंग प्रक्रिया के दिये जा रहे हैं। जिसकी वजह से डीमएआरसी को हर महीने करोड़ों रूपये का घाटा होगा। जबकि अगले 15 वर्षों में गाड़ियों की संख्या और पार्किंग के उपयोग में कई गुना ज्यादा बढ़ोतरी होगी। जिसकी वहज से जनता के पैसे से पार्किंग माफिया की जेबें भरेंगी और डीएमआरसी का बड़ा नुकसान होगा।
प्रतिक्रिया देने को तैयार नहीं अधिकारी
जब इस संबंध में डीएमआरसी के डिप्टी जनरल मैनेजर विपिन जैन से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि इसके बारे में केवल पीआरओ ही बता सकते हैं। इसके पश्चात डीमएआरसी के प्रिंसिपल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस) से ईमेल के जरिये प्रतिक्रिया मांगी गई, लेकिन उन्होंने भी इन आरोपों को कोई जवाब नहीं दिया है।