यमुना पार वालों के साथ सीएम केजरीवाल ने किया धोखा… बजट में प्रावधान के बावजूद नहीं किया कोई खर्च… यमुनापार विकास बोर्ड के गठन में देरी

-डेढ़ महीने के अंदर करना होगा यमुना पार विकास बोर्ड का गठन, तीन साल के 1500 करोड़ व 2023-24 के 600 करोड़ उपलब्ध कराने की मांग

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 11 मार्च, 2023।
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने यमुना पार में रहने वाले लाखों लोगों के साथ धोखा किया है। बजट पिछले तीन वर्षों में हर साल बजट में प्रावधान तो किया गया लेकिन एक भी पैसा विकास कार्यों पर खर्च नहीं किया गया। यहां तक कि तीन साल तक यमुना पार विकास बोर्ड का गठन ही नहीं किया गया। अब कोर्ट के आदेश पर दिल्ली सरकार को अगले डेढ़ महीने के अंदर इस बोर्ड का गठन करन होगा।
प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा (Virender Sachdeva) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल द्वारा बोर्ड का गठन ना करना गंदी राजनीति है और एक सोची समझी साजिश है। उन्हें दिल्ली की जनता से कोई मतलब नहीं है। अगर दिल्ली की जनता नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं तो उससे उन्हें कोई सरोकार नहीं क्योंकि बोर्ड के गठन के बाद केजरीवाल सरकार द्वारा हर साल पैसे देने पड़ेंगे जो केजरीवाल को मंजूर नहीं। उन्होंने कहा कि यमुना पार के सभी अनाधिकृत कॉलोनियों में सड़कों की हालत बदतर है, पानी की सुविधा नहीं है लेकिन केजरीवाल द्वेष और भेदभाव की राजनीति में मग्न है।
सचदेवा ने कहा कि दिल्ली के यमुना पार में 16 विधानसभाएं हैं और जब श्री मदन लाल खुरना जी मुख्यमंत्री थे तो ट्रांस यमुना विकास बोर्ड का गठन हुआ था जिसका कार्य अनाधिकृत कॉलोनियां की समस्याओं को समाधान करने का प्रयास करना था। इसका कारण था कि यमुना पार दिल्ली के अन्य क्षेत्रों की तुलना में पिछड़ा क्षेत्र माना जाता था लेकिन इस बार जब चुनाव हुआ तो यमुना पार के लोगों ने भाजपा को भरपूर स्नेह दिया। 6 विधायक, 2 सांसद, 35 निगम पार्षद सिर्फ यमुना पार से जीते और सिर्फ यही कारण है कि केजरीवाल ने बोर्ड का गठन नहीं किया।
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि जब दिल्ली सरकार का बजट 25000 करोड़ रुपये था तो यमुना पार विकास बोर्ड को 200 करोड़ रुपये प्रति वर्ष दिया जाता था और अब अगर बजट 75000 करोड़ रुपये हो गया तो बोर्ड को उसी के हिसाब से राशि दी जानी चाहिए। उन्होंने केजरीवाल सरकार से मांग की कि पिछले तीन सालों के बदले 1500 करोड़ रुपये दिल्ली के यमुना पार के विकास के लिए दिया जाना चाहिए और साथ ही 2023-24 के बजट में 600 करोड़ रुपये यमुना पार विकास बोर्ड को उपलब्ध कराया जाए जिससे यमुना पार के लोगों का सर्वांगिण विकास हो सके।
अभय वर्मा ने कहा कि पिछले तीन सालों से लगातार संघर्ष के बाद जब केजरीवाल सरकार ने बोर्ड का गठन नहीं किया तो हमने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद केजरीवाल सरकार ने छह सप्ताह के अंदर बोर्ड का गठन करने की बात कोर्ट में कही है। सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि तीन सालों से इस बोर्ड का गठन नहीं किया गया है जिसके कारण यमुना पार का विकास ठप्प है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के निक्कमेपन के कारण बोर्ड का गठन ना करके अरविंद केजरीवाल ने बोर्ड को दिए जाने वाले पैसों से अपना चेहरा चमकाने का काम किया है।