-कमीशन 5 फीसदी से 12 फीसदी किये जाने में किया घोटालाः सीबीआई
जे.के.शुक्ला/नई दिल्लीः 27 फरवरी, 2023।
दिल्ली के शराब (एक्साइज) मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisidia) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया को सीबीआई (CBI) की पांच दिन की रिमांड पर भेज दिया है। सोमवार को सीबीआई ने उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश करते हुए पांच दिन की रिमांड मांगी थी। अब सीबीआई पूछताछ के साथ इस मामले में गिरफ्तार किये गये दूसरे आरोपियों के साथ सिसोदिया का सामना भी करवायेगी। सिसोदिया अब 4 मार्च तब सीबीआई की हिरासत में रहेंगे।
सीबीआई ने मामले की केस डायरी कोर्ट में पेश की। सीबीआई ने अदालत को बताया कि गिरफ्तार किये गए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि आबकारी नीति मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। लेकिन जांच से पता चलता है कि उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर फैसला किया। सीबीआई ने अदालत से कहा कि पूछताछ के लिये उसे सिसोदिया की हिरासत की आवश्यकता है।
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की 5 दिन की रिमांड मांगते हुए सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि ’बहुत ही सुनियोजित और गुप्त तरीके से साजिश रची गई थी। सीबीआई का कहना है पूरा खेल ही होलसेल में 5 फीसदी कमीशन को 12 फीसदी करने का है। जिसमें से फिर 5 फीसदी बंटता है। एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया 100 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ किया गया था। सिसोदिया केकंप्यूटर से ड्राफ्ट नोट मिला है जिससे ये सब बातें पता चली हैं।
मनीष सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में कहा कि सीबीआई ने जांच में शामिल होने के लिए नोटिस दिया, वो भी तब जब दिल्ली में बजट पेश करने की तैयारी की जा रही थी। उन्होंने सीबीआई से समय मांगा और कल पूछताछ के लिए गए। मनीष सिसोदिया के दूसरे वकील मोहित माथुर ने कहा एक्साइज पालिसी को लेकर उपराज्यपाल (LG) से भी चर्चा हुई थी। उनके द्वारा दिये गये सुझाव भी पालिसी में डाले गए। जब चर्चा हुई तो षड्यंत्र कहां से हो गया? ये ट्रांसफर्ड सब्जेक्ट था। फिर भी हमने उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा।
सिसोदिया के तीसरे वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि सीबीआई उस फैसले की जांच करनी चाहती है, जो चुनी हुई सरकार की कैबिनेट ने किया था। ऐसा नहीं हो सकता। मैं दिल्ली का वित्त मंत्री हूं, आप टाइमिंग देखिये, वित्त मंत्री को आप तब गिरफ्तार कर रहे हैं, जब उनको बजट पेश करना है। पब्लिक सर्वेंट को गिरफ़्तार करने से पहले सक्षम अथॉरिटी से मंजूरी लेनी चाहिए थी।