-नोमिनेटिड (एल्डरमैन) पार्षद नहीं डाल सकेंगे वोटः SC
-उपराज्यपाल ही बुलाते हैं मेयर चुनाव की पहली बैठकः SC
-बार बार बैठकें बुलाने के बावजूद मेयर का चुनाव नहीं हो पाना गलतः SC
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 17 फरवरी, 2023।
दिल्ली के मेयर (Mayor) के चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) को राहत देते हुए कहा है कि मेयर के चुनाव में नोमिनेटिड (Elderman) पार्षद वोट नहीं डाल सकेंगे। कोर्ट ने यह आदेश भी दिया है कि उपराज्यपाल (LG) 24 घंटे के अंदर मेयर के चुनाव का आदेश जारी करेंगे। यानी कि शनिवार 18 फरवरी तक उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से मेयर के चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया जायेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मेयर, डिप्टी मेयर और स्टेंडिंग कमेटी के लिए 6 सदस्यों का चुनाव एक साथ नहीं कराया जायेगा। पहले मेयर का चुनाव होगा और इसके बाद मेयर ही डिप्टी मेयर और स्टेंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों का चुनाव करायेंगे। सीधे तौर पर कहा जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी की ओर से उठाये गये सभी मुद्दों पर राहत दे दी है।
बता दें कि आम आदमी पार्टी की मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबरॉय ने 7 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा के मेयर, डिप्टी मेयर और स्टेंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों का एक साथ चुनाव कराने और नोमिनेटिड पार्षदों को वोटिंग का अधिकार दिये जाने को चुनौती दी थी।
मेयर के चुनाव के लिए उपराज्यपाल ने पहली बैठक 6 जनवरी को बुलाई थी, लेकिन उस दिन पार्षदों के हंगामे की वजह से चुनाव नहीं हो सका था। इसके बाद 24 फरवरी को मेयर के चुनाव के लिए बैठक बुलाई थी, लेकिन इस दिन केवल पार्षदों ने शपथ ग्रहण की थी और बैठक को स्थगित करना पड़ा था। इसके पश्चात मेयर के चुनाव के लिए तीसरी बैठक 6 फरवरी को बुलाई गई थी। लेकिन इस दिन भी चुनाव नहीं हो सका था। अब उपराज्यपाल मेयर के चुनाव के लिए नई तारीख का ऐलान करेंगे।