कानपुर के विकास की तरह पलट न जाये पुलिस की गाड़ी, इसलिए याकूब के रिश्तेदारों-जानकारों ने 8 गाड़ियों में दिल्ली से खरखौदा (मेरठ) तक किया पीछा

-पुलिस वालों के सामने पड़ते ही बोला 9 महीने से फरार याकूब ‘मैं तो अयूब हूं, याकूब नहीं’
-ठेली पर नींबू बेचने वाले ने अवैध मांस के कारोबार से तय किया अरबपति बनने तक का सफर

जे.के. शुक्ला/ नई दिल्लीः 9 जनवरी, 2023।
50 साल पहले ठेले पर नींबू बेचने वाले याकूब कुरैशी ने अवैध मांस के कारोबार से अरबपति बनने का सफर तय किया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) हो या समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार, लेकिन उसका रूतबा कभी कम नहीं हुआ। वह कभी विवादित बयान देकर तो कभी अराजकता करके हमेशा सुर्खियों में रहा। मेरठ जनपद में दंगा हो जाए या फिर कोई बवाल। उसको शांत करने के लिए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को याकूब की याद आती थी। हालांकि अब याकूब के सलाखों में पहुंचते ही उसका रुतबा खत्म होने की कगार पर जाता दिख रहा है।

याकूब कुरैशी और इमरान पुलिस की गिरफ्त में

खास बात है कि जब मेरठ पुलिस के कुछ पुलिसकर्मियों ने दिल्ली के चांदनी चौक इलाके की एक कोठी से उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी और उसके बेटे को गिरफ्तार किया, तो उसके रिश्तेदारों और समर्थकों को डर सताने लगा कि कानपुर के विकास की तरह याकूब कुरैशी और उसके बेटे को मेरठ लेकर जाने वाली गाड़ी भी कहीं पलट नहीं जाये। इसके चलते याकूब के रिश्तेदार और समर्थक 8 गाड़ियों में भरकर तब तक पीछा करते रहे, जब तक कि पुलिस की गाड़ी उसको लेकर मेरठ जिला के खरखौदा थाने तक नहीं पहुंच गई।

यहां पढ़ें पूरी कहानी

याकूब कुरैशी और उसका बेटा भले ही 50-50 हजार रूपये के इनामी थे, लेकिन उनका रुतबा कम नहीं था। दिल्ली में एक आलीशान कोठी में वह परिवार सहित फरारी काट रहे थे। पुलिस के मुताबिक दबिश के दौरान इमरान ने अपने पिता याकूब के कमरे का दरवाजा खटखटाया और कहा कि अब्बू बाहर आ जाओ, अब चलना पड़ेगा। इतना कहते ही याकूब ने दरवाजा खोल दिया और वह सर्दियों वाले कपड़े पहनने लगे। याकूब ने पुलिसवालों से कहाः चलो, वक्त-वक्त की बात है।
पुलिस को देखते ही याकूब बोला ‘मैं तो अय्यूब हूं, याकूब नहीं’
पुलिस ने बताया कि शुक्रवार की रात करीब 1ः00 बजे एसओजी के दो सिपाही कोठी में घुसे। उन्हें पहले याकूब कुरैशी दिखाई पड़े। याकूब को सिपाहियों ने रोक लिया। इस पर वह बोले कि ‘मैं याकूब नहीं…अय्यूब हूं।’ यह कहकर याकूब अपने कमरे में चले गए। कोठी में इन लोगों का एशोआराम देखकर पुलिसकर्मी भी दंग रह गए।

खरखौदा में उमड़े याकूब के समर्थक

दरवाजा खटखटाया तो इमरान बोला- वाईफाई ठीक करने आए हो क्या?
यूपी पुलिस के सिपाहियों ने इमरान के कमरे का गेट खुलवाया तो वह बोले कि क्या आप वाई-फाई ठीक करने आए हो। सिपाही बोले, नहीं मेरठ से आए हैं और पुलिस वाले हैं। यह कहते ही इमरान ने कहा कि हम तो सर्दी के बाद खुद सरेंडर होने जा रहे थे। पुलिस वाले बोले, मंत्रीजी को भी साथ ले लें। इमरान ने कहा कि मंत्री जी यहां नहीं हैं, सिपाही बोले कि हमसे झूठ मत बोलो, उनको देख लिया है। दोनों में बातचीत का सिलसिला चल रहा था तब याकूब ने अंदर से अपने कमरे की कुंडी लगा ली।
गिरफ्तार होते ही चिल्लाने लगे पत्नी और बच्चे
याकूब और इमरान की गिरफ्तारी हुई तो इमरान की पत्नी व बच्चे चिल्लाने लगे। शोर मचा तो कोठी में काम करने वाले नौकर भी आ गए। इमरान ने पुलिस से कहा कि अब्बू को रहने दो, मैं चलने को तैयार हूं। पुलिस वाले बोले, नहीं ऐसा नहीं होगा। दोनों को चलना पड़ेगा। पैसे की पेशकश भी हुई, लेकिन पुलिस वाले नहीं माने। बातचीत चलती रही, याकूब के समर्थक और रिश्तेदारों की भीड़ कोठी पर लगती रही। पुलिस वालों ने भी चांदनी महल थाने से पुलिस फोर्स को बुला लिया।
समझाने में पुलिस को लगा डेढ़ घंटा
यूपी पुलिस ने भले ही कोठी पर दबिश दे दी थी और दोनों फरार आरोपी सामने थे लेकिन पुलिस को करीब डेढ़ घंटा याकूब और इमरान को समझाने में लगा। इसी दौरान इमरान की पत्नी और बच्चों ने काफी हंगामा भी किया। बाद में इमरान ने याकूब के कमरे का दरवाजा खुलवाया और पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
नेपाली नौकर से दोस्ती कर कोठी में घुसी पुलिस
याकूब कुरैशी और उसके बेटे की गिरफ्तारी के लिए यूपी पुलिस ने दिल्ली में 22 दिसंबर से डेरा डाला हुआ था। चांदनी महल थाने के पास याकूब और इमरान रहे रहे हैं, इसकी जानकारी लगने पर पुलिस ने कोठी में काम करने वाले नेपाली नौकर से दोस्ती कर ली। उसको दस हजार रुपये का लालच दिया था। शुक्रवार रात नेपाली नौकर ने सादी वर्दी में दो पुलिसकर्मियों को कोठी में अंदर घुसा लिया। जिसके बाद अन्य पुलिसकर्मी भी वहां पर पहुंचे।
पुलिस में उठे सवाल, गिरफ्तारी या सेटिंग
याकूब और इमरान की पुलिस ने गिरफ्तारी की या फिर उनको सेटिंग से पकड़ा है? बता दें कि मेरठ से सिर्फ एक दरोगा और चार सिपाही ही दिल्ली आये हुए थे। जिन्होंने 9 महीने से फरार पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया है। इसको लेकर पुलिस विभाग में भी अलग-अलग तरह की चर्चा है। याकूब और इमरान के चेहरे पर गिरफ्तारी की कोई भी सिकन नहीं थी। इसलिए यह सवाल उठाये जा रहे हैं कि कहीं याकूब ने सैटिंग के साथ तो खुद को गिरफ्तार नहीं करवाया है?
पहली बार जेल गया इमरान
याकूब कुरैशी का पुलिस और जेल से पुराना नाता रहा है। करीब 20 साल पहले याकूब कुरैशी व पूर्व सांसद शाहिद अखलाक के बीच नगर निगम में ठेकेदारी को लेकर विवाद हुआ था। गोलीबारी में एक युवक की हत्या भी हुई थी। जिसमें याकूब जेल गए थे। हालांकि बाद में याकूब को क्लीनचिट मिल गई थी। लेकिन याकूब का बेटा इमरान पहली बार जेल में गया है। याकूब का एक बेटा पहले ही सरेंडर कर चुका है और फिलहाल जेल में है, जबकि याकूब की पत्नी को अग्रिम जमानत मिली हुई है।