-श्री हरिमंदिर साहब पटना में बेशकीमती सामान की हेराफेरी का मामला
-जत्थेदार हित को हटाने की मांग पर अकाल तख्त के सामने धरना देने का ऐलान
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली 22 अगस्त।
देश की राजधानी दिल्ली से लेकर बिहार की राजधानी पटना तक सिख-गुरूद्वारा सियासत में जोरों का घमासान जारी है। तख्त श्री हरिमंदिर साहब पटना के अध्यक्ष जत्थेदार अवतार सिंह हित ने दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका को पंथक गद्दार तक कह दिया है। दूसरी ओर हरमीत सिंह कालका ने हित को पटना साहब के बेशकीमती सामान में हेराफेरी (डकैती) के लिए जिम्मेदार बताते हुए अवतार सिंह के इस्तीफे की मांग की है।
दिल्ली सिक्ख गुरूद्वारा प्रबेंधक कमेटी (DSGMC) के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका एवं महासचिव जगदीप सिंह काहलों ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से मांग की है क ‘श्री हरिमंदिर जी, पटना साहिब में गुरू घर के प्रेमी डॉ. गुरविन्दर सिंह समरा ने बेशकीमती सामान भेंट किया था। लेकन इसमें हेराफेरी (डकैती मारने) के आरोप लगने पर वह (जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह) चुप्पी क्यों साधे हुए हैं? दोनों ने कहा कि इस मामले में जत्थेदार अवतार सिंह हित के तख्त साहिब के अध्यक्ष के पद पर रहते हुए सच सामने आना असंभव है। क्योंकि एक चोर को कोतवाल बनाकर कभी किसी मामले की स्चच्छ पड़ताल नहीं करवाई जा सकती। इसलिए जब तक इस मामले की मुक्कमल जाँच रिर्पोट नहीं आती तब तक जत्थेदार हित को भी उनके पद से हटाया जाये।
कालका और काहलों ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब को तुरन्त हस्तक्षेप करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो डीएसजीएमसी व पंथक जत्थेबंदियों को साथ लेकर श्री अकाल तख्त साहिब के समक्ष धरना दिया जायेगा। डीएसजीएमसी के दोनों पदाधिकारियों ने कहा कि जिस जत्थेदार अवतार सिंह हित पर डीएसजीएमसी के हरि नगर स्कूल की जमीन हड़पने का मामला चल रहा हो, जिस पर तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब की गेंहू चोरी करने का केस दर्ज हो, उसके द्वारा किस अधिकार से पांच सिंह साहिबानों से पत्र जारी करवा के सिंह साहिब जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह की सेवाओं पर रोक लगाई जा सकती है?
जानें करोड़ों रूपये के बेशकीमती सामान का पूरा मामला
बताया जा रहा है कि डॉ. गुरविंदर सिंह समरा द्वारा पटना साहिब के गुरू घर में करोड़ों रूपये का यह बेशकीमती सामान भेंट किया गया गया था। इस सामान में एक बेशकीमती हीरा जड़ित सोने की कलगी व एक बेशकीमती 1300 हीरे जड़ित 5 फुट का सोने का हार जिसमें बेशकीमती हीरे-रतन लगाये गये थे और एक सवा सेर सोने की श्री साहिब कृपाण व बेशकीमती सुखआसन के लिए पलंग शामिल हैं। इसके लिए ज्ञानी रणजीत सिंह ने इसी वर्ष जनवरी महीने में पत्र जारी करके तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के लिए यह भेंट किये जाने के लिए डॉ. गुरविन्दर सिंह समरा को ‘‘अनिन सेवक‘‘ सम्मान के साथ नवाजा गया था। आरोप है कि इस मामले में जत्थेदार अवतार सिंह हित ने कहा था कि यह करोड़ों रूपये का बेशकीमती सामान उन्होंने आज तक देखा भी नहीं। इसके बाद पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह की सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी।
हरमीत सिंह कालका को बताया पंथक गद्दार
दूसरी ओर तख्त श्री हरिमन्दिर जी पटना साहिब के अध्यक्ष जत्थेदार अवतार सिंह हित ने दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका को पंथक गद्दार बताते हुए कहा कि वह और जगदीप सिंह काहलो को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। वह दोनों तख्त पटना साहिब कमेटी की चिन्ता छोड दें।़ धोखे और छल कपट से दिल्ली कमेटी पर काबिज हुए हरमीत सिंह कालका और जगदीप सिंह काहलो को अपनी कमेटी के कामकाम पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। हित ने दोनों के ऊपर संगत और पार्टी के साथ गद्दारी करने का आरोप लगाया।
जत्थेदार अवतार सिंह हित ने कहा कि तख्त पटना साहिब में सोने चांदी का जो विवाद चल रहा है उसमें कमेटी का कोई रोल है ही नहीं। कमेटी को संगत के माध्यम से और सोशल मीडीया पर चल रही चर्चा के जरिए जैसे ही इस विषय की जानकारी मिली, हमने तुरन्त एक कमेटी बनाकर जांच के आदेश दे दिये और जांच भी विपक्षी नेता को सौंपी ताकि कोई यह ना कह सके कि जांच में गढ़बढ़ी पाई गई है। इससे पहले जब गेहूं चीनी विवाद सामने आया था तो उस समय भी हमने तुरन्त कमेटी बनाकर जांच करवाई और सच सामने लाया गया।
जत्थेदार अवतार सिंह हित ने कहा कि तख्त साहिब पर जो सोना चढ़ाया गया वह उसी तरह से बरकरार है, उसमें किसी तरह का कोई हेर फेर नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि इसका जवाब या तो सोना देने वाला शख्स दे सकता है या फिर जत्थेदार साहिब जिन पर आरोप लग रहे हैं वह बेहतर दे सकते हैं। इसलिए इस मामले की निष्पक्ष जांच हेतु हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज आरएस सोढ़ी की अध्यक्षता में पांच सदस्यी कमेटी बनाई गई है।
जत्थेदार अवतार सिंह हित ने हरि नगर स्कूल मामले में भी सिख गुरूद्वारा प्रबंधन की दिल्ली कमेटी को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वह स्कूल मेरा निजी था पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब के आदेश पर स्कूल कमेटी को सौंपा गया था। जिसके बदले कमेटी ने मुझे एक करोड़ दस लाख रुपये देने थे जो आज तक नहीं दिये गये। उल्टा मुझ पर चोरी और धोखाधड़ी का आरोप लगाए जा रहे हैं पर संगत जागरुक है और सब जानती है कि कौन चोर है और किसके इशारां पर दिल्ली कमेटी में खुलकर भ्रष्टाचार हो रहा है।