-स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खोलने की वाहवाही लूटने वाले सीएम केजरीवाल पर साधा निशाना
-काकरान बोलीः केजरीवाल सरकार से इनाम मिला न मदद, जारी किया 2018 का वीडियो
जे.के.शुक्ला/ नई दिल्लीः 7 अगस्त, 2022।
बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय महिला पहलवान दिव्या काकरान ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ‘धोबी पछाड़’ दी है। दिल्ली में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खोलने के नाम पर मुख्यमंत्री केजरीवाल भले ही वाहवाही लूट रहे हों, लेकिन दिव्या ने आप सरकार की खेल नीति की पोल खोलकर बहुत ज्यादा किरकिरी कर दी है। 23 वर्षीय दिव्या काकरान ने अपने ट्विटर हेंडल से किये एक ट्वीट में लिखा है कि वह दिल्ली में पिछले 20 वर्षों से रहकर पहलवानी के दांवपेंच सीख रही हैं। लेकिन उन्हें दिल्ली सरकार की ओर से कभी ना तो इनाम की राशि मिली और नाही उन्हें कोई सरकारी सहायता मिली।
बता दें कि दिव्या ने बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में 8 वें दिन कांस्य पदक अपने नाम किया था। इसके बाद देशभर से उन्हें बधाईयां दी गई थीं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए उन्हें बधाई दी थी। इसी के जवाब में ट्वीट करते हुए दिव्या ने लिखा कि ‘मेडल की बधाई देने पर दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री जी को तहे दिल से धन्यवाद। मेरा आपसे एक निवेदन है कि मैं पिछले 20 साल से दिल्ली में रह रही हूं और यहीं अपने खेल कुश्ती का अभ्यास कर रही हूं परंतु अब तक मुझे राज्य सरकार से किसी तरह की कोई इनाम राशि नहीं दी गई न कोई मदद दी गई’।
उन्होंने आगे लिखा कि “मैं आपसे इतना निवेदन करती हूँ की जिस तरह आप अन्य खिलाड़ियों को सम्मानित करते हैं जो दिल्ली के होकर किसी ओर स्टेट से भी खेलते हैं। उसी तरह मुझे भी सम्मानित किया जाए।“ इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा किरकिरी हो रही है। केजरीवाल सरकार का दावा है कि उसने दिल्ली में स्पोर्टस यूनिवर्सिटी खोली है, कर्णम मल्लेश्वरी को इसका हेड बनाया गया है। इसमें देशभर से प्रतिभाओं को छांटकर लाया जायेगा और खेलों का प्रशिक्षण दिया जायेगा। लेकिन सरकार की खेल नीति की सच्चाई अब सबके सामने आ गई है।
भारत के लिए 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में सबसे ज्यादा मेडल जिस खेल में आए हैं वह रेसलिंग ही है। जिसमें 6 गोल्ड, एक सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। आपको बता दें कि दिव्या काकरान ने राष्ट्रमंडल खेलों की महिला फ्रीस्टाइल 68 किग्रा कुश्ती स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम किया था। दिव्या ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स के 8वें दिन ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। इससे पहले 2018 गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में भी दिव्या ने कांस्य पदक जीता था।
2018 का वीडियो शेयर कर जताई पीड़ा
https://twitter.com/A2ZNEWS14/status/1556522725375889408?s=20&t=8xm3oOGUaru7n7d7ss8Kfw
दिव्या काकरान ने एक निजी समाचार एजेंसी का 5 सितंबर 2018 का एक वीडियो शेयर करते हुए एक और ट्वीट किया है। उन्होंने इस ट्वीट में लिखा है कि ‘समय ने खुद को दोबारा दोहराया एसा लगता है, सब कुछ पहले जैसा ही है ना कल मेरे लिए कुछ किया गया था ना ही अब।’ 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली दिव्या 2018 के इस वीडिया में दिल्ली के सीएम से यह कहते हुए दिखाई दे रही हैं कि सरकार की ओर से उन्हें इनाम या सहायता नहीं दी गई है। यदि थोड़ी भी सहायता दी गई होती तो वह गोल्ड भी जीत सकती थीं। इस वीडिया में तिमारपुर से आप विधायक दिलीप पांडे भी बैठे दिखाई दे रहे हैं। दिव्या काकरान ने रविवार को एक बार फिर वही पीड़ा जताई है कि पहले भी केजरीवाल सरकार ने कुछ नहीं किया और बाद में भी कुछ नहीं किया।
ओलंपिक खिलाड़ियों ने भी खोली थी आप सरकार की पोल
साल 2020 में हुए टोक्यो ओलंपिक खेलों में दिल्ली से जाने वाले खिलाड़ियों ने भी दिल्ली की आप सरकार की पोल खोलकर रख दी थी। तब दिल्ली सरकार की स्पोर्टस यूनिवर्सिटी की ओर से राजधानी में पांच खिलाड़ियों के फोटो वाले ‘दिल्ली बोले जीतके आना’ वाले होर्डिंग बड़ी संख्या में लगाये गये थे। इन होर्डिंग में मनिका बत्रा (टेबल टेनिस), दीपक कुमार (शूटिंग), अमोज जेकब (एथलीट), सार्थक भांबरी (एथलीट) और सुमित नागल (टेनिस) के छोटे-छोटे और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बड़ा फोटो लगाया गया था। तब सार्थक भांबरी ने सामने आकर कहा था कि दिल्ली सरकार ने कभी खिला़ड़यों को तैयारी के लिए आर्थिक मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने जितना पैसा उनके फोटो वाले होर्डिंग लगाने पर खर्च किया है, उसका 10 फीसद पैसा भी यदि उन्हें खेलों की तैयारी के लिए दे दिया जाता तो वह और अच्छी तैयारी के साथ ओलंपिक खेलों में जा सकते थे।

