-संपत्ति संख्या 13/03 डब्लूईए करोलबाग को निगम ने किया था सील, लेकिन यहां भी चल रहा कारोबार
-सामने आया बिल्डर माफिया, निगम अधिकारियों और कुछ नेताओं की मिलीभगत का एक और कारनामा
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
करोलबाग में बिल्डर माफिया का ‘मायाजाल’ इस कदर फैला है कि जहां हाथ डालो, वहीं एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ जाता है। ताजा मामला करोलबाग के सरस्वती मार्ग के पास स्थित ‘भरत भवन’ नामक शॉपिंग कॉम्पलेक्स का है। एनडी मॉल और एजीएम प्लाजा की तरह बिल्डर माफिया ने इस बिल्डिंग को भी सारे नियम-कायदे और कानूनों को ताक पर रखकर खड़ा कर दिया। नगर निगम के अधिकारियों ने इस अवैध निर्माण के खिलाफ कागजों में तो सीलिंग और तोड़-फोड़ की कार्रवाई की, लेकिन धरातल पर इस शॉपिंग कॉम्पलेक्स में धड़ल्ले से कारोबार जारी है।
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प्राप्त जानकार के मुताबिक बिल्डर माफिया ने करोलबाग में डब्लूईए इलाके की संपत्ति संख्या 13/03 में ‘भरत भवन’ के नाम से एक शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण किया था। लेकिन यह शॉपिंग कॉम्पलेक्स के ग्राउंड फ्लोर, फर्स्ट फ्लोर और सैकेंड फ्लोर पर इतना अवैध निर्माण करवाकर बनाया गया कि कंपाउंडेबल ही नहीं रहा। इसके पश्चात उत्तरी दिल्ली नगर निगम के करोलबाग जोन के बिल्डिंग विभाग ने अनऑथराइज्ड कंसट्रक्शन इस शॉपिंग कॉम्पलेक्स को बुक करके 2016 में दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट की धारा 343 व 344 के तहत अवैध निर्माण को गिराने के लिए शोकॉज नोटिस भेजा गया था। लेकिन बिल्डर माफिया के गठजोड़ ने इस अवैध निर्माण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने दी।
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खास बात है कि ‘भरत भवन’ नाम का यह शॉपिंग कॉम्पलेक्स एजीएम प्लाजा के सामने रिहायशी गली में ही स्थित है। नियमानुसार रिहायशी गलियों में शॉपिंग कॉम्पलेक्स या व्यापारिक गतिविधियों के निर्माण नहीं किया जा सकता है। साथ ही भरत भवन का ग्राउंड फ्लोर, पहला तल और दूसरा तल पहले से ही अवैध निर्माण के चलते कागजों में सील हैं। अब इस बिल्डिंग में एक और फ्लोर का निर्माण किया जा चुका है। लेकिन निगम अधिकारियों ने इसके खिलाफ नाम मात्र की कार्रवाई की है।
करोलबाग इलाके में अवैध निर्माण के मामले लगातार सामने आने और उनके खिलाफ नगर निगम द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं किये जाने की बात सामने आने के बाद नगर निगम में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी पहले ही नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार के मुद्दे को हवा दे रही है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता भी भ्रष्टाचार का केंद्र बने करोलबाग जोन से ही निगम पार्षद के रूप में चुनकर आये हैं। ऐसे में बीजेपी के ऊपर और भी नैतिक दबाव बन जाता है कि वह भ्रष्टाचार के मामले के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई कराये।
एनडी मॉल-एजीएम प्लाजा के बाद भरत भवन
गौरतलब है कि जिस बिल्डर माफिया के एनडी मॉल और एजीएम प्लाजा को उत्तरी दिल्ली नगर निगम के करोलबाग जोन के अधिकारियों ने सील किया है, उन्हीं लोगों का यह भरत भवन शॉपिंग कॉम्पलैक्स बताया जा रहा है। इनकी पहुंच का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक के बाद एक इसी बिल्डर माफिया द्वारा बनवाये गये सभी शॉपिंग कॉम्पलेक्स अवैध निकल रहे हैं। लेकिन कागजी कार्रवाई के बावजूद निगम अधिकारियों ने इन इमारतों को खुली छूट दे रखी है।