-हॉकीस्टिक मीडिया का नगद और इक्विटी में किया सौदा
-बढ़ते ग्राहक-आधार के लिए एंड-टू-एंड डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन
-ऑनलाइन ग्रोथ सॉल्युशन देने के लिए पोर्टफोलियो को विविधता दी
नई दिल्ली
अपने ग्राहकों को एंड-टू-एंड डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की सुविधा देने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए, ओएनजीओ फ्रेमवर्क ने हैदराबाद का हॉकीस्टिक मीडिया को एक कैश-प्लस-इक्विटी सौदे में अधिग्रहण किया है। हालांकि, सौदे की राशि का खुलासा नहीं किया गया है।
गूगल के पूर्व कर्मचारियों, श्रीकांत काटकुरवार, अभिजित गोगोई और अंबुजम ने मिलकर प्रीमियम डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी हॉकीस्टिक मीडिया की स्थापना की थी, जिसने काफी कम समय में एंड-टू-एंड डिजिटल मार्केटिंग सॉल्युशन देने के क्षेत्र में कटिंग-एज टेक्नोलॉजी के जरिये अपना एक खास मुकाम हासिल कर लिया था। इसने भारत के कई एसएमई और उच्च वृद्धि दर्ज करने वाले स्टार्ट-अप्स के साथ-साथ अमेरिका और यूके में भी कई डिजिटल एजेंसियों को सहयोग कर रही थी।
अधिग्रहण पर ओएनजीओ फ्रेमवर्क के संस्थापक और सीईओ राम कुप्पा ने कहा कि हजारों ग्राहकों और कई चैनल पार्टनर्स को सेवाएं देने के बाद हमने देखा कि ज्यादातर कंपनियों को अपने डिजिटल असेट्स को आगे बढ़ाने और प्रमोट करने में दिक्कत महसूस हो रही है। रणनीतिक तौर पर हॉकीस्टिक का अधिग्रहण इस कमी को दूर करने के लिए किया गया है। आगे जाकर हॉकीस्टिक टीम अब और ज्यादा बिजनेस मालिकों को नए ग्राहक तलाशने, अपने ब्रांड को स्थापित करने, चाहा गया आरओआई हासिल करने के लिए कैम्पेन ड्राइव करने, प्रशिक्षण देने आदि में मदद करेगी। हकीकत तो यह है कि हमारे चैनल पार्टनर्स को भी डिजिटल मार्केटिंग और नए ग्राहक हासिल करने के प्रयासों को स्ट्रीमलाइन करने के लिए हॉकीस्टिक की सेवाओं की आवश्यकता होगी।
हॉकीस्टिक का अधिग्रहण एक मिलियन डॉलर के एंजिल इन्वेस्टमेंट के बाद संभव हो सका है। आंत्रप्रेन्योर और जाने-पहचाने एंजिल इन्वेस्टर मितश मजीठिया (जो 2016 में ओएनजीओ फ्रेमवर्क की स्थापना में निवेश कर चुके हैं।) ने भी एंजिल फंडिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस राउंड की फंडिंग में क्रेडिट सुइस के डायरेक्टर पारस पारेख, वर्तुसा के एसवीपी ऋषि चौहान, कोवेन एंड कंपनी में वीपी अनिल कुमार नरसिंहाराव, केल्जिन के डायरेक्टर हरेश केसवानी, अलायंस बर्नस्टीन के वीपी नवीन हरजानी, अनरेवल एडवाइजर्स के संस्थापक रसेश ठाकोर, व्यापारी श्रीनिवास अधिकारी, आईटीसी इंफोटेक में वीपी राज बसु और नगारो को अपनी कंपनी मोकरिया बेच चुके भाइयों दृ सुनील और प्रनील कंडेरी ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। ओएनजीओ फ्रेमवर्क में स्ट्रेटेजी और ग्रोथ डायरेक्टर मितेश वायन्यू में भी सह-संस्थापक हैं और उन्होंने ओएनजीसी के अलावा मार्टजैक, पेस्विफ्ट और सोलर्स जैसे उच्च-क्षमतावाले स्टार्ट-अप्स में भी निवेश किया है। हॉकीस्टिक के अधिग्रहण में भी उनकी भूमिका अहम रही।