उत्तरी निगम में उड़ रही नियमों की धज्जियां

-लंबे समय से मलाईदार पदों पर काबिज हैं दागी अफसर
-निगम उपायुक्त ने कोर्ट में भी नहीं दिया हलफनामा

-10 इंजिनियर्स के तबादले को जरी करने पड़े पांच आर्डर

टीम एटूजेड/ नई दिल्ली

उत्तरी दिल्ली नगर निगम में नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बहुत से कर्मी वर्षों से एक ही मलाईदार पद एवं वार्ड में जमे बैठे हैं लेकिन इस ओर निगम आयुक्त का भी कोई ध्यान नहीं जा रहा।

ट्रांसफर पोस्टिंग में उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने कितनी लापरवाही बरती है वह इसी से साफ हो जाता है कि इतने बड़े निगम में निगम आयुक्त को एक भी ऐसा कर्मी नही मिला जो लम्बे समय से एक ही जगह टिका बैठा हो।

यहाँ यह भी ध्यान देने योग्य है कि निगम के हर ज़ोन में ऐसे अनेक अभियन्ता, सफाई दारोगा, शिक्षक, अधिकारी, बाबू हैं जो 3 से 10 सालों से सभी नियमों को धता बताकर एक ही दफ्तर या वार्ड में जमे बैठे हैं।

वैसे उत्तरी दिल्ली नगर निगम इस मुद्दे को कितनी लापरवाही से लेता है उसका उदाहरण है कि गत शुक्रवार 8 मार्च को मात्र 10 अभियंताओं को इधर उधर किया गया और उसके लिये दिन भर में 5 बार आदेश पत्र जारी करने पड़े।

यहाँ यह भी स्मरणीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय में चल रहे एक मामले में भी ऐसे सभी कर्मियों को स्थानांतरित कर उत्तरी दिल्ली नगर निगम को 7 मार्च तक शपथ पत्र देना था पर वह भी नही दिया गया।

इस संदर्भ में दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका कर्ता पवन शर्मा ने कहा कि दिल्ली में चुनाव अभी दो माह दूर है अतः हम इस संदर्भ में चुनाव आयोग से आपेक्षा करते हैं कि वह उत्तरी दिल्ली नगर निगम को आदेश दे कि वह ऐसे सभी कर्मियों को स्थानांतरित करे जो एक वर्ष या उससे अधिक से एक ही जगह पर जमे हैं, खास कर लाभ के पदों पर। बहुत सेबेइसे कर्मी हैं जो 3 से 10 सालों से एक ही जगह पर जमे हुए हैं।