केजरीवाल का एक और तोहफा: सेप्टिक टैंक अब मुफ्त में साफ होगा

– मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री सेप्टिक टैंक सफाई योजना पर लगी मुहर

– सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए दिल्ली जल बोर्ड की ओर से एजेंसी को दिया जाएगा टेंडर

– अगले माह तक टेंडर प्रक्रिया पूरी करने की कोशिश, एक काँल पर साफ हो जाएगा सेप्टिक टैंक

टीम एटूजेड/ नई दिल्ली
दिल्ली की कच्ची कालोनियों व गांवों में रह रहे लगभग 45 लाख परिवारों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से बड़ा तोहफा दिया गया है। अब दिल्ली जल बोर्ड कच्ची कालोनियों व गांव में स्थित सेप्टिक टैंक की मुफ्त सफाई करेगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आयोजित दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में इस पर निर्णय हुआ है। इसके तहत दिल्ली जल बोर्ड एक एजेंसी को सेप्टिक टैंक की सफाई का जिम्मा देगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि अगले माह तक इसके लिए टेंडर होने की संभावना है। प्रारंभ में सफाई का जिम्मा संभालने वाली एजेंसी 80 सेप्टिक टैंक सफाई ट्रक को काम पर लगाएगी। दिल्ली जल बोर्ड की ओर से सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए एक फोन नंबर दिया जाएगा। उस नंबर पर फोन कर दिल्ली जल बोर्ड से कोई भी सेप्टिक टैंक से सफाई करा सकेगा। फोन करने पर एक निश्चित समय दे दिया जाएगा। समय का निर्धारण जल बोर्ड व सफाई कराने वाले की आपसी सहमति से तय होगा। जिसके बाद ट्रक जाएगा और सेप्टिक टैंक की सफाई कर देगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कच्ची कालोनी में रहने वाले लाखों लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा जिनके पास सेप्टिक टैंक है व सीवर की व्यवस्था नहीं है, उसकी सफाई का जिम्मा अब दिल्ली सरकार व दिल्ली जल बोर्ड का है।
सीवरेज ट्रिटमेंट प्लांट को भेजा जाएगा मलवा
मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि सेप्टिक टैंक की सफाई कर जल बोर्ड का ट्रक मलवा को लेकर सीवरेज ट्रिटमेंट प्लांट जाएगा। जहां सीवरेज की सफाई हो जाएगी। इससे लोगों को कानूनी तरीके से सेप्टिक टैंक साफ कराने की सुविधा मिलेगी। साथ ही साफ करने वाले मजदूरों की जान जोखिम में नहीं पड़ेगी ओर दिल्ली व यमुना गंदा होने से बच जाएगी। इसके लिए किसी को एक रूपये देने की आवश्यकता नहीं है। यह योजना दिल्ली की सफाई के लिए बड़ा कदम साबित होगा।
इस योजना के यह होंगे तीन प्रमुख फायदे:
कच्ची कालोनी में रहने वालों की जेब अब ढीली नहीं होगी। निजी कंपनी की मनमानी वसूली भी बंद होगीदिल्ली की कच्ची कालोनी में रहने वालों के लिए जल बोर्ड का यह निर्णय एतिहासिक साबित होगा। दिल्ली की कई कच्ची कालोनियों में सीवर की व्यवस्था नहीं है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड सभी जगह सीवर डालने का काम तेजी से कर रहा है। काफी जगह पर सीवर लाईन डल गई है। अगले कुछ समय में सभी जगह सीवर लाईन डाल दी जाएगी। जहां सीवर लाईन नहीं है, वहां बहुत सारे लोग अपने घरों में सेप्टिक टैंक लगाकर उसका इस्तेमाल करते हैं। ऐसे लोगों को सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए काफी परेशान होना पड़ता था। साथ ही निजी एजेंसियां उनसे मनमानी रुपये वसूलती थीं। अब इस योजना के बाद लोगों के सेप्टिक टैंक की सफाई मुफ्त होगी।
सफाई के दौरान होनी वाली मजदूरों की मौत पर लगेगी लगा:मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमें कई बार सुनने को मिलता है कि सेप्टिक टैंक की सफाई करने के लिए घुसे मजदूर की मौत हो गई। जितनी प्राइवेट एजेंसी सेप्टिक टैंक की सफाई करती हैं, उनमें ज्यादातर के पास लाइसेंस नहीं है। इसी कारण वह टैंक की सफाई करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के लिए निर्धारित मापदंड का पालन नहीं करती हैं। वह गैर कानूनी तरीके से सेप्टिक टैंक की सफाई करती हैं, इससे मजदूर भाईयों के लिए जान का खतरा होता है। अब मुख्यमंत्री सेप्टिक टैंक सफाई योजना के तहत कानूनी तरीके से एजेंसी को सफाई का जिम्मा मिलेगा, इस कारण वह मजदूरों की सुरक्षा के सारे मापदंडों का पालन करेंगी। इससे मजदूरों की मौत जैसी घटनाएं नहीं हो पाएंगी।
दिल्ली व यमुना की गंदगी पर लगेगी लगाम:
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी प्राइवेट एजेंसी सेप्टिक टैंक से मलवा निकालकर नालों में व इधर उधर फेंक देती हैं। वह आखिरकार यमुना में पहुंचता है और यमुना की गंदगी का कारण बनती हैं। साथ ही दिल्ली में गंदगी फैलती है। नई योजना के तहत सेप्टिक टैंक से निकाली गई गंदगी को सीवरेज ट्रिटमेंट प्लांट को भेजा जाएगा। जिससे उसका नियमानुसार निस्तारण होगा। यह कदम दिल्ली व यमुना की सफाई में क्रांतिकारी कदम साबित होगा।
एमसीडी फेल तो दिल्ली जल बोर्ड ने संभाला जिम्मा:
कच्ची कालोनियों व गांवों में रह रहे अधिकांश लोग सेप्टिक टैंक भरने पर निजी ठेकेदारों से सफाई कराते हैं। यह प्रक्रिया न केवल महंगी है, बल्कि यमुना के प्रदूषण को बढ़ाती है। साथ ही भूजल को दुषित करने का भी कारण बनती हैं। एक अनुमान के अनुसार प्रतिदिन 20 लाख लीटर सेप्टेज को असुरक्षित तरीके से निपटाया जाता है। दिल्ली जल बोर्ड ने नवंबर 2018 में सेप्टेज प्रबंधन नियम लागू किया। इसके तहत सेप्टिक सफाई की दरों का निर्धारित किया गया। सफाई के नियम निर्धारित हुए। एमसीडी को केवल लाइसेंस प्राप्त ठेकेदारों को नियुक्त कर सेप्टिक टैंक की सफाई का निर्देश दिया गया था, लेकिन ऐसा करने में वह विफल रहे। एमसीडी की विफलता के कारण, अब दिल्ली जल बोर्ड ने इस मामले को अपने हाथ में लेने का फैसला किया। इस योजना के तहत 149.7 करोड़ की लागत से 80 ट्रक खरीदे जाएंगे। जिसपर 149.7 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है।

एक नजर में आंकड़े:
दिल्ली में पंजीकृत कच्ची कालोनी – 1797
इतनी कच्ची कालोनियों में मौजूद सीवर व्यवस्था- 430
इतनी कालोनियों में सीवर लाईन डालने का काम चल रहा है – 400
इतनी कच्ची कालोनियों में मौजूद है सेप्टिक टैंक – 968