नॉर्थ एमसीडीः कोरोना की मार के बीच व्यापारियों पर कनवर्जन के नाम पर करोड़ों रूपये का टारगेट

-व्यापारिक संस्थानों पर जाकर थमाया जा रहा लाखों रूपये का हिसाब किताब
-दोहरी मुसीबत में फंसे व्यापारी, एक ओर व्यापार बंद तो दूसरी ओर निगम का डंडा

 दिये जा रहे इस तरह के एस्टीमेट

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली में कोरोना की मार लगातार जारी है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते दिल्ली सरकार को वीकैंड में दो दिन के कर्फ्यू सहित रात्रि कर्फ्यू और व्यापारिक व औद्योगिक इकाईयों को खोलने के लिए लिए ऑड-ईवन की व्यवस्था की है। जिसकी वजह से पहले ही व्यापारियों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। दूसरी ओर अब नगर निगम ने ऐसे ही व्यापारियों के ऊपर कनवर्जन चार्ज की वसूली का शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि अधिकारियों के लिए कनवर्जन चार्ज की वसूली का टारगेट फिक्स किया गया है, जिसे हर महीने पूरा करके देना है।

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मामला उत्तरी दिल्ली नगर निगम से जुड़ा है। निगम अधिकारियों ने व्यापारिक संस्थानों पर जाकर कनवर्जन चार्ज की वसूली के लिए कारोबारियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। कारोबारियों को 8 फीसदी ब्याज के साथ कनवर्जन चाज जमा कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। नगर निगम से जुड़े सूत्रों के मुताबिक उत्तरी दिल्ली के सभी 6 जोन के लिए अलग अलग टारगेट फिक्स किये गये हैं। केशवपुरम जोन कनवर्जन चार्ज की वसूली के लिए 60 करोड़ रूपये टारगेट फिक्स किया गया है।

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निगम से जुड़े सूत्रों के मुताबिक उत्तरी दिल्ली के सभी 6 जोन में अलग अलग वार्ड्स के लिए कनवर्जन चार्ज की वसूली के लिए अलग अलग टारगेट तय किया गया है। हर वार्ड में 1 करोड़ से 3 करोड़ रूपये का कनवर्जन चार्ज वसूला जाना है। निगम के इंजीनियरिंग विभाग ने इस काम को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है। आश्चर्य की बात है कि ज्यादातर निगम पार्षदों को इसकी जानकारी ना तो निगम के आला अधिकारियों ने दी है और नाही संबंधित विभाग के एई-जेई या फिर सुपरिंटेंडिंग इजीनियर या चीफ इंजीनियर ने दी है। बल्कि सीधे कारोबारियों पर कनवर्जन चार्ज की वसूली के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है।

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भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के वरिष्ठ पदाधिकारी पवन कुमार का कहना है कि यह बेहद गलत है कि कोरोना के समय में जब व्यापारियों का व्यापार नहीं चल रहा है, लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऑड-ईवन में दुकानें और व्यापारिक संस्थान खोलने पड़ रहे हैं और पिछले दो वर्षों से कारोबार की यही स्थिति बनी हुई है। ऐसे में नगर निगम की ओर से कारोबारियों को छूट देने के बजाय उनके ऊपर कनवर्जन चार्ज की वसूली के लिए दबाव बनाया जा रहा है। अधिकारी व्यापारिक संस्थानों पर जाकर कारोबारियों को ब्याज सहित कनवर्जन चार्ज जमा करने के लिए कह रहे हैं।
मुश्किल की घड़ी में वसूली के लिए दबाव बनाना गलतः आप
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने कहा कि पिछले 15 वर्षों से नगर निगम में भ्रष्टाचार फैला हुआ है। अब सत्ताधारी बीजेपी के नेताओं की सरपरस्ती में दिल्ली के कारोबारियों पर लाखों-करोड़ों रूपये के कनवर्जन चार्ज की वसूली के लिए दबाव बनाया जा रहा है। राजधानी के कारोबारी बीते दो साल से आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। ऐसे में व्यापारियों को नगर निगम की ओर से विभिन्न चार्ज में छूट दी जानी चाहिए नाकि उनके ऊपर ब्याज और जुर्माने सहित कनवर्जन चार्ज वसूली के दबाव बनाना चाहिए।