नॉर्थ निगम में विज्ञापन विभाग में भ्रष्टाचारः फाड़े सीएम केजरीवाल के होर्डिंग… इन्सपेक्टर को हटाया

-स्थायी समिति बैठक में मामला उठने के बाद पीतमपुरा इलाके में बड़ी कार्रवाई

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
नगर निगम में भ्रष्टाचार की खबरें तो रोज ही आती रहती हैं। लेकिन जब कार्रवाई हुई तो पीतमपुरा इलाके में लगाये गये अवैध होर्डिंग हटा दिये गये खास बात है कि आला अधिकारियों ने एक एडवरटिजमेंट को ‘रिलीव’ करके अपना पल्ला झाड़ लिया है। हालांकि एक वार्ड में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लगाये गये अवैध हार्डिंग्स (विज्ञापनों) को भी हटा दिया गया। फिर भी जिन पोल पर यह विज्ञापन लगाये गये थे, वह अब भी वहीं खड़े हैं।
बता दें कि नगर निगम के विज्ञापन विभाग में फैले भ्रष्टाचार का मामला पीतमपुरा से निगम पार्षद अंजू जैन ने बुधवार को हुई स्थायी समिति की बैठक में उठाया था। उन्होंने कहा था कि जगह जगह मुख्यमंत्री के बड़े बड़े विज्ञापन वाले होर्डिंग्स लगे हुए हैं। लेकिन निगम का विज्ञापन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इसकी वजह से आर्थिक तंगी झेल रहे नगर निगम को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। यदि यह विज्ञापन अवैध हैं तो इन्हें तुरंत हटाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह विज्ञापन ऑथराइज हैं तो इनसे कितनी राशि नगर निगम को प्राप्त हो रही है? यह बताया जाये। उन्होंने माल्स में लगे बड़े बड़े विज्ञापनों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की थी।
स्थायी समिति की बैठक में सभी जोन के उपायुक्त को आदेश दिया गया कि वह अपने अपने इलाकों में लगे अवैध होर्डिंग्स और विज्ञापनों को तुरंत हटवाएं। इसके पश्चात गुरूवार को केशव पुरम जोन के विज्ञापन विभाग के अधिकारियों ने एक अभियान चलाकर सबसे पहले आम आदमी पार्टी सरकार की ओर से जगह जगह लगवाये गये अवैध होर्डिंग्स को हटवाया गया। इसके पश्चात कुछ मॉल्स में भी यह कार्रवाई की गई। बताया जा रहा है कि इस मामले में विज्ञापन विभाग के ही कुछ अधिकारियों की मिलीभगत की चर्चा है।
एडवरटिजमेंट इंसपेक्टर के खिलाफ कार्रवाई
विज्ञापन विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर रोहिणी जोन के एडवरटिजमेंट इंसपेक्टर को तुरंत प्रभाव से विज्ञापन विभाग से तुरंत प्रभाव से रिलीव कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि आला अधिकारियों को शिकायतें मिल रही थीं कि विज्ञापन विभाग के ही कर्मचारियों की मिलीभगत से विभिन्न जोन में अवैध विज्ञापनों का खेल चल रहा है। यह लोग भारी संख्या में अवैध विज्ञापन लगवाकर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। इसकी वजह से नगर निगम को राजस्व की प्राप्ति नहीं होती लेकिन उनकी जेब में हर महीने लाखों रूपये जा रहे हैं।
नहीं बिके तीन क्लस्टर, फिर भी लग रहे विज्ञापन
बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले तीन ऐसे विज्ञापन वाले क्लस्टर नहीं बिक सके हैं, जिन इलाकों में सबसे ज्यादा विज्ञापन/ होर्डिंग्स लगाये जाते हैं। इनमें राहिणी, सिविल लाइंस और करोलबाग के क्लस्टर शामिल हैं। जबकि इन इलाकों में आने वाले यूनीपोल्स पर बड़े बड़े विज्ञापन लगे रहते हैं। इनके अलावा बड़े बड़े मॉल्स में भी अवैध विज्ञापनों का खेल जारी है। साथ ही अवैध यूनीपोल लगाकर भी विज्ञापन माफिया हर महीने करोड़ों रूपये की उगाही कर रहा है।