-दो हाई प्रोफाइल कारोबारियों को पहले ही लग गई थी कोरोना की दूसरी लहर की खबर
-दिसंबर से ही जमा कर रहे थे विदेशों से मंगाकर कोरोना से संबंधित चिकित्सा उपकरण
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
एक ओर कोरोना की वजह से लोग बेबस और लाचार हैं, दूसरी ओर कुछ मौत के सौदागर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (oxygen concentrator) और दूसरे सामान की कालाबाजारी में जुटे हैं। खास बात है कि दो हाई प्रोफाइल कारोबारियों को पहले ही पता चल गया था कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर बेहद गंभीर होगी। इसके मद्देनजर उन्होने छह महीने पहले से ही विदेशों से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और चिकित्सा से संबंधित उपकरण विदेशों से स्मगलिंग के जरिये मंगाकर इकट्ठा करना शुरू कर दिये थे। कालाबाजारी में शामिल इन दो में से एक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) का खास मेहमान बताया जा रहा है।
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बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी में नवनीत कालरा (Navnit Kalra) और गगन दुग्गल (Gagan Duggal) का नाम सामने आने के बाद पुलिस आयुक्त (Police Commissioner) एसएन श्रीवास्तव (S.N. Shriwastawa) ने मामले की जांच क्राइम ब्रांच (Crime Branch) को सौंप दी है। अब क्राइम ब्रांच कालरा और दुग्गल के काले कारोबार की विस्तृत जांच कर रही है। दोनों आरोपित बड़े रसूखदार परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। गगन दुग्गल फिलहाल लंदन में है। जबकि कालरा के मोबाइल की अंतिम लोकेशन हरिद्वार में मिलने के आधार पर पुलिस उसकी उत्तराखंड सहित अन्य इलाकों में तलाश कर रही है। पुलिस ने नवनीत कालरा की तलाश में लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया है। ताकि वह देश छोड़कर नहीं जा सके।
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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच में यह बात भी सामने आई है कि फरवरी 2020 में जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बाद जब अरविंद केजरीवाल का शपथ ग्रहण समारोह हुआ था तो उसमें 50 खास लोगों को बुलाया गया था। 50 विशेष मेहमानों की उस सूची में नवनीत कालरा का नाम भी शामिल था। वह मुख्यमंत्री केजरीवाल के खास मेहमानों में शामिल था। मगर इस संकट के दौर में वो लोगों से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के नाम पर चार गुना कीमत वसूल रहा था।
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इस दौरान यह बात ये भी सामने आई है कि इन दोनों को विदेशों में अपने संपर्कों की बदौलत ये पता चल गया था कि देश में कोरोना की दूसरी लहर आएगी। इस दौरान यहां ऑक्सीजन की कमी होगी और कंसंट्रेटर और अन्य चिकित्सा उपकरणों की मांग बढ़ेगी, इसको ध्यान में रखते हुए ही इन लोगों ने इन उपकरणों को जमा करना शुरू कर दिया था, फिर जब ये मौका आया तो बड़े स्तर पर इन उपकरणों की कालाबाजारी शुरू कर दी।
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सूत्रों के मुताबिक कालरा अपनी ऊंची पहुंच की बदौलत गिरफ्तारी से पहले अंतरिम जमानत लेने की कोशिश में जुटा हुआ है। कालरा और दुग्गल का देश-विदेश में हाई प्रोफाइल नेटवर्क होने के कारण इन्हें जानकारी थी कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर आएगी, जिससे दोनों ने विदेश से दिसंबर से ही आक्सीजन कंसंट्रेटर और अन्य चिकित्सा उपकरणों मंगा कर जमाखोरी शुरू कर दी थी।
बरामद किये गये 524 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
खान चाचा, टाउन हाल व एक अन्य रेस्टोरेंट में छापेमारी कर पुलिस अब तक कुल 524 कंसंट्रेटर बरामद कर चुकी है। साथ ही पांच आरोपितों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें मैट्रिक्स सेल्युलर कंपनी का सीईओ गौरव खन्ना भी शामिल है। इसी कंपनी की आड़ में आक्सीजन कंसंट्रेटर व अन्य चिकित्सा उपकरणों का अवैध तरीके से आयात किया जा रहा था।
सामने आया था दोनों का नाम
नवनीत कालरा और उसके साथी गगन दुग्गल ने मैट्रिक्स सेल्युलर की सहायता से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर अवैध तरीके से आयात किए थे। विदेशों में संपर्क होने की वजह से आरोपितों को पहले से ही अनुमान था कि भारत में भी तेजी से संक्रमण के मामले बढ़ेंगे जिसके चलते उन्होंने दिसंबर से ही कंसंट्रेटर आयात करने शुरू कर दिए थे। उसके बाद इनको ये लोग तीन से चार गुना अधिक दाम में बेच रहे थे।
ऑनलाइन पोर्टल के जरिये बेच रहे थे सामान
सूत्रों का कहना है कि नवनीत कालरा ने अपने के एक दोस्त गगन दुग्गल की कंपनी मैट्रिक्स सेल्युलर के संपर्कों की सहायता से यूरोप से सैकड़ों ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर मंगाए थे जिन्हें उसने छतरपुर स्थित अपने खुल्लर फार्महाउस में रखे थे। फार्महाउस से कंसेंट्रेटर कालरा के रेस्टोरेंट तक लाए जाते थे। डील पक्की होने और पैसों का भुगतान हो जाने के बाद वहां से जरूरतमंदों तक पहुंचाए जा रहे थे। इसके लिए वह ऑनलाइन पोर्टल का इस्तेमाल कर रहे थे। गगन दुग्गल देश के बड़े सैन्य परिवारों से संबंध रखता है।