टीम एटूजेड/ नई दिल्ली
मोदी सरकार के बजट पर विहिप के पूर्व नेता और अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बजट में जो घोषणाएं की गई हैं वो सब हवा हवाई हैं। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार का बजट केवल दिखावा है।
रु 6000 भी 3 किश्तों में और अक्टूबर से किसानों को मिलेंगे। सिर्फ 2 हेक्टयर वाले किसानों को। आपदा पीड़ित किसान को ब्याज में 5% छूट। nothing for bijli, pani, good msp.
6000 रु सालाना, 500 रु महीना? सिर्फ 16.66 रु (साढ़े सोला रु कहें) दिन के। 5 लोगों के किसान परिवार में हरेक को दिन के कितने? रु 3.33 ( तीन रुपिया!) एक चाय भी आती है इसमें? इतना भद्दा मजाक? और यह भी मिलेगी किस किसान को? 2 हेक्टयर ज़मीन वाले। याने करीबन 5 एकड़। वह रकम भी उन के अकाउंट में जमा होगी। क्या ग्यारंटी कि बैंक यह रकम भी उन के कर्जे में जमा ना करेगी? और बिना ज़मीन किसान का क्या? 6 एकड़ और ज्यादा जमीन वाला इससे बाहर!
मध्यमवर्ग को बड़ा तोहफा कहकर टैक्स छूट सीमा 2.5 लाख सालाना तनख्वाह से 5 लाख सालाना की। याने महीने की सैलरी होनी चाहिए रु 41,666/- सरकार कहती है इसका लाभ 3 करोड़ लोगों को मिलेगा। 125 करोड़ जनसंख्या में 2% को। मध्यम वर्ग को राहत देनी थी तो 10 लाख सालाना कर के महँगाई कम करते। तब गृहिणी कुछ बचा पाएगी। 15000 सैलरी वाले को टैक्स है ही नहीं और इतने रुपयों में घर भी नहीं चलता क्यों कि भयंकर महँगाई। वो तो कम की नहीं। मध्यम वर्ग और गरीब परेशान है। छोटे, मंझले व्यापारी को कोई सहूलियत नहीं। छात्रों को फीस में छूट नहीं। स्वास्थ्य में कोई खर्च छूट नहीं। ऐसा होता है विकास बजट ?