-कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बीजेपी से पूछे पांच सवाल
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली, 26 जून, 2025।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (DPCC) के अध्यक्ष देवेंद्र यादव (Devendra Yadav) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से पांच सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के बहुचर्चित हॉस्पिटल घोटाले (Hospital Scam) में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज (Former Minister Saurabh Bhardwaj) और सत्येंद्र जैन (Satender Jain) के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 17ए के तहत सक्षम प्राधिकरण की स्वीकृति के बाद मामला दर्ज किया गया है। इन पर सरकारी अस्पताल परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और निजी ठेकेदारों के साथ मिलीभगत के गंभीर आरोप लगे हैं। परंतु बीजेपी ने इस मामले में चुप्पी क्यों साध रखी है?
देवेंद्र यादव ने बीजेपी से पांच सवाल करते हुए पूछा कि- जब अरविंद केजरीवाल इस घोटाले के सूत्रधार हैं, तो उनके खिलाफ अब तक एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की गई?, सीबीआई ने अब तक प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज क्यों नहीं की? क्या यह राजनीतिक मजबूरियों और दबावों का नतीजा है कि जांच भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को सौंप दी गई है?, अगर पूरा तंत्र भ्रष्टाचार में लिप्त था, तो उस समय के उपराज्यपाल और अन्य संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
देवेंद्र यादव ने अपने चौथे सवाल में पूछा है कि – जब कांग्रेस ने काफी पहले इस घोटाले को उजागर किया था, तब बीजेपी ने चुप्पी क्यों साधी थी। क्या यह बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच किसी प्रकार की अंदरूनी समझौते का परिणाम है? एवं अगर निजी ठेकेदारों से सांठगांठ हुई है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या यह तथ्य नहीं है कि यही ठेकेदार बीजेपी के इशारे पर पहले पंजाब में कांग्रेस सरकार पर झूठे आरोप लगाते रहे जिसे पंजाब में विपक्ष में रहते केजरीवाल ने हवा दी और बाद में दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार से हजारों करोड़ के ठेके हासिल करते रहे?
देवेन्द्र यादव ने आगे कहा कि कोरोना संकट में हुए हजारों करोड़ के हॉस्पिटल घोटाले में कांग्रेस पार्टी एक निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी सीबीआई जांच की मांग करती है, जिसमें किसी भी राजनीतिक दल को कीचड़ उछालने या मामले को ढकने का अवसर न मिले। यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह भाजपा और आप के नेताओं की आपसी साठगांठ को उजागर करता प्रतीत होता है।
कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल की दिल्ली की राजनीति से अनुपस्थिति के दौरान एक नया ‘मुखौटा’ तैयार करने की कोशिश हो रही है, ताकि जनता का ध्यान भटकाया जा सके और केजरीवाल को कांग्रेस के खिलाफ मोहरे की तरह इस्तेमाल किया जा सके। आम आदमी पार्टी को बीजेपी की कठपुतली की भूमिका निभाना बंद करना चाहिए और अपने भ्रष्ट नेताओं को तुरंत पार्टी से बाहर करना चाहिए।